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यलगार: 'आतंकवाद बर्दाश्त करने की कतई जरूरत नहीं' यूएनएससी में बोले हर्षवर्धन श्रृंगला
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: कुमार संभव
Updated Fri, 16 Jul 2021 10:53 PM IST
सार
उन्होंने जोर देकर कहा कि मानवीय कार्रवाई का इस्तेमाल देशों की क्षेत्रीय अखंडता को कमतर करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। साथ ही, आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की बात भी कही।
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विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला
- फोटो : एएनआई
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विस्तार
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने शुक्रवार को कहा कि आतंकवाद के साथ दो समस्याएं जुड़ी हैं। पहली मानवीय कार्यों में संलग्न अधिकारियों के खिलाफ हिंसा है। वहीं, दूसरी मानवीयता कानून का उल्लंघन करने के पीछे जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने और उन पर प्रतिबंध लगाने का अभाव है। उन्होंने जोर देकर कहा कि मानवीय कार्रवाई का इस्तेमाल देशों की क्षेत्रीय अखंडता को कमतर करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। साथ ही, आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की बात भी कही। इसके अलावा दानिश सिद्दीकी की हत्या पर दुख जाहिर किया।
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श्रृंगला ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सशस्त्र संघर्षों में नागरिकों की रक्षा: मानवीयता की रक्षा विषय पर कहा कि दुनियाभर में मानवीय हालातों की जटिल प्रकृति को देखते हुए आज परिषद को तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। आतंकवाद मानवीयता कर्मियों के खिलाफ हमले और जवाबदेही के अभाव जैसी दो समस्याओं को और जोड़ता है। नई और उभरती प्रौद्योगिकियों की पहुंच से आतंकवादी समूहों की चिकित्सा और मानवीय एजेंसियों तक सुरक्षित एवं निर्बाध पहुंच समेत मानवीय कार्रवाई को अवरुद्ध करने की क्षमताएं बढ़ी हैं। आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की जरूरत है।
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गौरतलब है कि श्रृंगला इस महीने फ्रांस की अध्यक्षता के तहत सुरक्षा परिषद में उच्च स्तरीय बैठकों में हिस्सा लेने के लिए 14 से 16 जुलाई तक न्यूयॉर्क के आधिकारिक दौरे पर हैं। श्रृंगला का दौरा ऐसे वक्त में हो रहा है, जब भारत अगस्त महीने के लिए 15 राष्ट्र वाली शक्तिशाली सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता करने की तैयारी कर रहा है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मानवीयता कानून के गंभीर उल्लंघनों के दोषी व्यक्तियों और प्रतिष्ठानों पर प्रतिबंध लगाना उल्लंघनों को रोकने के लिए परिषद के पास एक प्रभावी हथियार होगा। श्रृंगला ने कहा, ‘हमारा मानना है कि ऐसे कदमों को व्यापक क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिलना चाहिए, अन्यथा मानवीय संकट और गहरा जाएगा। साथ ही, मानवतावाद के लिए अवसर कम होते जाएंगे।’
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में कहा कि अफगानिस्तान में पुलित्जर पुरस्कार विजेता फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी की हत्या की भारत कड़ी निंदा करता है। उन्होंने सशस्त्र संघर्ष के हालात में मानवीय कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि प्राचीन भारत में सशस्त्र संघर्ष के लिए धर्म-आधारित मानदंड और संघर्ष के दौरान धर्म-युद्ध में नागरिकों की रक्षा करने वाले नियम थे। नागरिकों पर हमले नहीं किए जाते थे, बल्कि उनकी रक्षा की जाती थी।