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Pakistan: 'पाकिस्तान में सेना के हाथों में सत्ता की चाबी', शहबाज के मंत्री का कबूलनामा; पड़ोसी की खुली पोल

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, लाहौर Published by: पवन पांडेय Updated Sat, 21 Jun 2025 09:07 PM IST
सार

Khawaja Asif: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ और सत्तारूढ़ पीएमएल-एन के अध्यक्ष व पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के करीबी सहयोगी ने कहा है कि देश में एक 'हाइब्रिड मॉडल' के तहत शासन किया जा रहा है, जिसमें सेना के पास सत्ता का बड़ा हिस्सा है। 

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Pak defence minister praises 'hybrid mode,' claims doing wonders to economy
शहबाज के मंत्री का कबूलनामा - फोटो : ANI
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विस्तार
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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री और नवाज शरीफ के करीबी सहयोगी ख्वाजा आसिफ ने देश में सेना और सरकार की मिली-जुली सत्ता व्यवस्था को खुलकर स्वीकार किया है। उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान इस वक्त एक हाइब्रिड मॉडल के तहत चल रहा है, जिसमें सेना का दबदबा है, और यह मॉडल पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और शासन में कमाल का काम कर रहा है।
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क्या है पाकिस्तानी 'हाइब्रिड मॉडल'?
'हाइब्रिड मॉडल' का मतलब है – एक ऐसी सत्ता प्रणाली जिसमें चुनी हुई लोकतांत्रिक सरकार और सेना, दोनों मिलकर देश की नीतियां तय करते हैं। हालांकि, विश्लेषकों का कहना है कि यह मिलीजुली नहीं बल्कि तयशुदा सत्ता है, जिसमें असली नियंत्रण सेना के पास है और राजनीतिक नेता सिर्फ दिखावे के लिए हैं।
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पाकिस्तानी रक्षा मंत्री का बड़ा कबूलनामा
एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में ख्वाजा आसिफ ने कहा, 'यह एक हाइब्रिड मॉडल है। यह आदर्श लोकतंत्र नहीं है। लेकिन यह मॉडल वर्तमान परिस्थितियों में एक व्यावहारिक जरूरत है। जब तक पाकिस्तान आर्थिक और प्रशासनिक संकटों से नहीं निकलता, तब तक ये व्यवस्था जरूरी है।' उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर 1990 के दशक में ही इस तरह का मॉडल अपना लिया गया होता, तो राजनीति और सेना के टकराव की वजह से लोकतंत्र की जो रफ्तार रुकी थी, वह नहीं रुकती।

सेना के साथ समझौता ही 'वास्तविक विकल्प'
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वादा आसिफ ने कहा कि नवाज शरीफ और उनकी पार्टी पीएमएल-एन के पास सेना से समझौता करने के अलावा और कोई व्यावहारिक विकल्प नहीं है। उनका ये बयान ऐसे समय आया है जब पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की थी। उस मुलाकात को आसिफ ने 'पाक-अमेरिका संबंधों के 78 वर्षों में सबसे अहम मोड़' बताया और कहा कि यह 'हाइब्रिड मॉडल' की सफलता का प्रतीक है।

इमरान खान और विपक्ष का आरोप
बता दें कि, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पार्टी पीटीआई लगातार दावा कर रही है कि 8 फरवरी 2024 को हुए आम चुनावों में इतिहास की सबसे बड़ी धांधली हुई, जिससे उनकी पार्टी को सत्ता से बाहर कर दिया गया। इमरान खान ने पीएमएल-एन और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) को जनमत चोर कहा है और सेना पर सत्ता में 'पसंदीदा' पार्टियों को बैठाने का आरोप लगाया है।

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'वोट को इज्जत दो' अब भुला दिया गया?
पीएमएल-एन का मशहूर नारा था – 'वोट को इज्जत दो'। लेकिन अब जब पार्टी ने खुद हाइब्रिड मॉडल को अपनाया है, तो विश्लेषक कह रहे हैं कि यह नारा अब पूरी तरह दफन हो चुका है। इस पर वरिष्ठ विश्लेषक डॉ. रसूल बख्श रईस ने कहा, 'आज यह साफ हो चुका है कि असली ताकत कहां है और कौन देश चला रहा है। सेना और राजनीतिक पार्टियों की मिलीभगत से बनी यह सरकार अब खुले तौर पर खुद को सत्ता के रूप में पेश कर रही है।'

पाकिस्तान में पहले भी रहे हैं 'हाइब्रिड शासन'
डॉ. रईस ने यह भी कहा कि यह इमरान खान की 2022 में सत्ता से विदाई के बाद तीसरी बार है जब पाकिस्तान में हाइब्रिड शासन चल रहा है। उन्होंने जनरल जियाउल हक और परवेज मुशर्रफ का उदाहरण देते हुए कहा कि पहले ये सैन्य शासक नई पार्टियों को बनाकर सत्ता में आते थे। लेकिन इस बार  पीएमएल-एन और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने खुद को सेना के हाथों सौंप दिया है।

पत्रकारों ने रक्षा मंत्री की आलोचना
वहीं वरिष्ठ पत्रकार मत्युल्लाह जान ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'यह कितनी शर्म की बात है कि एक रक्षा मंत्री, जो संविधान की रक्षा की शपथ लेता है, वह खुद 'हाइब्रिड मॉडल' को सही ठहराता है, जबकि पाकिस्तान के संविधान में इसका कोई जिक्र नहीं है।' उन्होंने आगे कहा, 'यह व्यवस्था असल में कोई हाइब्रिड नहीं बल्कि पूरी तरह से एक सैन्य तानाशाही है, जिसमें राजनीतिक नेता सिर्फ नाम के लिए बैठे हैं।'

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