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इमरान ने अलापा जंग का राग, तो पाक विदेश मंत्री कुरैशी बोले- युद्ध कोई विकल्प नहीं
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, इस्लामाबाद
Published by: शिल्पा ठाकुर
Updated Sat, 31 Aug 2019 08:38 PM IST
सार
- अंतरराष्ट्रीय बेइज्जती होने के बाद भी पाकिस्तान की अकड़ नहीं जा रही।
- कुरैशी का कहना है कि पाकिस्तान भारत के साथ सशर्त द्विपक्षीय वार्ता करने के लिए तैयार है।
- पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर पर लिए फैसले के बाद से ही बौखलाया हुआ है।
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पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी
- फोटो : File Photo
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विस्तार
भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जे खत्म करने पर भारत-पाकिस्तान में व्याप्त तनाव के बीच पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि कश्मीर मुद्दा सुलझाने के लिए युद्ध कोई विकल्प नहीं है। गौरतलब है कि इससे पहले पीएम इमरान खान कश्मीर युद्ध पर परमाणु युद्ध की बात कह चुके हैं।
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कुरैशी की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान बार-बार कश्मीर को लेकर भारत के साथ परमाणु युद्ध की संभावना को ले कर धमकी देते रहे हैं। इस मामले का अंतरराष्ट्रीय मंच पर लाने का उनका प्रयास ज्यादा समर्थन हासिल करने में विफल रहा।
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शनिवार को प्रकाशित बीबीसी उर्दू के साथ एक साक्षात्कार में कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान ने कभी आक्रामक नीति नहीं अपनाई और हमेशा शांति को तरजीह दी। पाकिस्तान की वर्तमान सरकार ने बार-बार भारत को बातचीत शुरू करने की पेशकश की है क्योंकि दोनों परमाणु हथियार संपन्न देश जंग में जाने का जोखिम नहीं उठा सकते हैं।
पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने जोर दिया कि युद्ध कश्मीर मुद्दे से निपटने का विकल्प नहीं है। उन्होंने दोहराया कि कश्मीर एक अंतरराष्ट्रीय मुद्दा है और यह बस पाकिस्तान और भारत के बीच कोई द्विपक्षीय मामला नहीं है। शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ सशर्त द्विपक्षीय वार्ता करने के लिए तैयार है।
Pakistani media: "Pakistan ready for 'conditional' bilateral talks with India", says Foreign Minister Shah Mahmood Qureshi (file pic) pic.twitter.com/gyzPLGNhFa
— ANI (@ANI) August 31, 2019
इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को देश को संबोधित करते हुए कहा था कि यदि दो परमाणु शक्ति संपन्न देशों के बीच युद्ध होता है तो इसका नुकसान पूरी दुनिया को भुगतना पड़ेगा। उन्होंने भारत को धमकी देते हुए कहा था कि अगर पीओके पर किसी भी तरह की सैन्य कार्रवाई की जाती है तो उनकी सेना किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
भारत ने पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के खंड दो और तीन को खत्म कर दिया था। साथ ही राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित किया है। तभी से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। हालांकि भारत ने कई बार उससे कहा है कि यह उसका आंतरिक मामला है।
वहीं पाकिस्तान कश्मीर मामले के अंतरराष्ट्रीयकरण की कोशिश करने के लिए चीन और संयुक्त राष्ट्र भी जा चुका है। लेकिन हर जगह उसे एक ही बात कही गई है कि वह भारत के साथ द्विपक्षीय बातचीत कर मामले को शांत करे।
भारत ने अपने आंतरिक मुद्दों पर गैरजिम्मेदाराना बयान देने और उकसाने वाली भारत विरोधी बयानबाजी के लिए पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की है। भारत ने कहा है कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करना उसका आंतरिक मामला है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि अगर भारत जम्मू- कश्मीर का विशेष दर्जा हटाने का फैसला ‘‘पलटता’’ है, प्रतिबंधों को खत्म करता है और अपनी सेना को वापस बुलाता है तभी उसके साथ बातचीत हो सकती है।
‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ में एक लेख में गुरुवार को खान ने फिर चेतावनी दी कि अगर विश्व कश्मीर पर भारत के फैसले को रोकने के लिए कुछ नहीं करता तो दो परमाणु संपन्न देश सैन्य लड़ाई के करीब पहुंच जाएंगे। उन्होंने कहा कि कश्मीर पर संवाद में सभी पक्षकार खासतौर से कश्मीरी शामिल होने चाहिए।
उन्होंने कहा कि लेकिन वार्ता तभी शुरू हो सकती है जब भारत कश्मीर के अवैध कब्जे को वापस ले, कर्फ्यू हटाए और अपनी सेना वापस बुलाए। अगर दुनिया ने कश्मीर पर भारत के कदम को रोकने के लिए कुछ नहीं किया तो पूरी दुनिया को इसके परिणाम भुगतने पड़ेंगे क्योंकि दोनों परमाणु संपन्न देश सैन्य युद्ध के करीब पहुंच जाएंगे।
कश्मीर में बिगड़ते हालात क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा: बाजवा
भले ही पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद पहली बार भारत से वार्ता की बात कही हो, लेकिन वहां के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा अभी भी कश्मीर राग अलाप रहे हैं। बाजवा ने कहा है कि कश्मीर में बिगड़ते हालात क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा हैं।
‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ में एक लेख में गुरुवार को खान ने फिर चेतावनी दी कि अगर विश्व कश्मीर पर भारत के फैसले को रोकने के लिए कुछ नहीं करता तो दो परमाणु संपन्न देश सैन्य लड़ाई के करीब पहुंच जाएंगे। उन्होंने कहा कि कश्मीर पर संवाद में सभी पक्षकार खासतौर से कश्मीरी शामिल होने चाहिए।
उन्होंने कहा कि लेकिन वार्ता तभी शुरू हो सकती है जब भारत कश्मीर के अवैध कब्जे को वापस ले, कर्फ्यू हटाए और अपनी सेना वापस बुलाए। अगर दुनिया ने कश्मीर पर भारत के कदम को रोकने के लिए कुछ नहीं किया तो पूरी दुनिया को इसके परिणाम भुगतने पड़ेंगे क्योंकि दोनों परमाणु संपन्न देश सैन्य युद्ध के करीब पहुंच जाएंगे।
कश्मीर में बिगड़ते हालात क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा: बाजवा
भले ही पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद पहली बार भारत से वार्ता की बात कही हो, लेकिन वहां के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा अभी भी कश्मीर राग अलाप रहे हैं। बाजवा ने कहा है कि कश्मीर में बिगड़ते हालात क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा हैं।