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Pakistan: 'ईशनिंदा और चरित्र हनन के लिए VPN का इस्तेमाल इस्लाम के खिलाफ', धार्मिक संस्थान ने फतवे पर दी सफाई
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, इस्लामाबाद
Published by: बशु जैन
Updated Mon, 18 Nov 2024 05:50 PM IST
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सार
इस्लामिक विचारधारा परिषद ने शुक्रवार को फतवा जारी किया था। फतवे में कहा गया था कि इंटरनेट के लिए इस्तेमाल होने वाला वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) इस्लाम विरोधी है।

पाकिस्तान
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
पाकिस्तान के धार्मिक संस्थान इस्लामिक विचारधारा परिषद ने शुक्रवार को जारी किए गए फतवे पर सफाई दी है। फतवे में कहा गया था कि इंटरनेट के लिए इस्तेमाल होने वाला वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) इस्लाम विरोधी है। इस फतवे का पाकिस्तानी आवाम ने विरोध किया तो परिषद ने कहा कि अगर वीपीएन का इस्तेमाल राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने, ईशनिंदा करने या चरित्र हनन के लिए किया जाता है तो यह इस्लाम के खिलाफ है।
इस्लामिक विचारधारा परिषद (सीआईआई) के अध्यक्ष अल्लामा रघी नईमी ने एक इंटरव्यू में अपने बयान में बदलाव किया। उन्होंने कहा कि कोई भी पंजीकृत या अपंजीकृत वीपीएन अगर अभद्र या अनैतिक साइटों तक पहुंचने का प्रयास करता है, चरित्र हनन करता है। इससे राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ बयान दिए जाते हैं या यदि ईश निंदा की घटनाएं की जाती हैं, तो वीपीएन का उपयोग करना पूरी तरह से गैर-इस्लामी होगा।
उन्होंने कहा कि यदि वीपीएन का उपयोग शिक्षा, संचार या सकारात्मक संदेश देने के लिए किया जा रहा है, तो इसमें कोई बुराई नहीं है। अगर कोई वीपीएन रजिस्टर करने के बाद सकारात्मक गतिविधि या सकारात्मक आलोचना करते हैं, तो इसमें कोई बुराई नहीं है।
नईमी ने कहा कि वीपीएन लोकेशन को छिपा देता है। कौन कहां से काम कर रहा है, इसकी जानकारी नहीं मिल पाती है। इसलिए जब हम इन तकनीकी मामलों के बारे में बात करते हैं, तो कार्रवाई तय करती है कि यह इस्लामी है या गैर-इस्लामी। यह बिल्कुल लाउडस्पीकर का उपयोग करने जैसा है। पंजाब ध्वनि प्रणाली (विनियमन) अधिनियम 2015 का उद्देश्य सार्वजनिक उपद्रव तथा विवादास्पद प्रकृति के भाषणों को रोकना है, जिनसे सार्वजनिक अव्यवस्था उत्पन्न होने की संभावना हो।
नईमी ने पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण के हवाले से बताया कि वीपीएन का उपयोग करके प्रतिदिन 15 मिलियन गैर-इस्लामिक और अनैतिक साइटों की लोग विजिट कर रहे हैं। दरअसल पाकिस्तान में एक्स तक पहुंचने के लिए वीपीएन का उपयोग बढ़ गया है। इस पर फरवरी से प्रतिबंध लगा दिया गया है। हालांकि इसका इस्तेमाल पोर्नोग्राफिक सामग्री पर प्रतिबंधों को दरकिनार करने और आतंकवादी गतिविधियों जैसे अवैध कामों के लिए भी किया जाता है।
पाकिस्तानी सरकार के आदेश के बाद उठा वीपीएन का मुद्दा
पाकिस्तान में वीपीएन का मुद्दा तब उठा, जब गृह मंत्रालय ने देश में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर निगरानी रखने वाले टेलीकॉम प्राधिकरण से इसके अवैध इस्तेमाल पर रोक लगाने और कार्रवाई करने का आदेश दिया। सरकार का कहना था कि वीपीएन का अवैध इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने के लिए किया जा रहा है।

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इस्लामिक विचारधारा परिषद (सीआईआई) के अध्यक्ष अल्लामा रघी नईमी ने एक इंटरव्यू में अपने बयान में बदलाव किया। उन्होंने कहा कि कोई भी पंजीकृत या अपंजीकृत वीपीएन अगर अभद्र या अनैतिक साइटों तक पहुंचने का प्रयास करता है, चरित्र हनन करता है। इससे राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ बयान दिए जाते हैं या यदि ईश निंदा की घटनाएं की जाती हैं, तो वीपीएन का उपयोग करना पूरी तरह से गैर-इस्लामी होगा।
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उन्होंने कहा कि यदि वीपीएन का उपयोग शिक्षा, संचार या सकारात्मक संदेश देने के लिए किया जा रहा है, तो इसमें कोई बुराई नहीं है। अगर कोई वीपीएन रजिस्टर करने के बाद सकारात्मक गतिविधि या सकारात्मक आलोचना करते हैं, तो इसमें कोई बुराई नहीं है।
नईमी ने कहा कि वीपीएन लोकेशन को छिपा देता है। कौन कहां से काम कर रहा है, इसकी जानकारी नहीं मिल पाती है। इसलिए जब हम इन तकनीकी मामलों के बारे में बात करते हैं, तो कार्रवाई तय करती है कि यह इस्लामी है या गैर-इस्लामी। यह बिल्कुल लाउडस्पीकर का उपयोग करने जैसा है। पंजाब ध्वनि प्रणाली (विनियमन) अधिनियम 2015 का उद्देश्य सार्वजनिक उपद्रव तथा विवादास्पद प्रकृति के भाषणों को रोकना है, जिनसे सार्वजनिक अव्यवस्था उत्पन्न होने की संभावना हो।
नईमी ने पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण के हवाले से बताया कि वीपीएन का उपयोग करके प्रतिदिन 15 मिलियन गैर-इस्लामिक और अनैतिक साइटों की लोग विजिट कर रहे हैं। दरअसल पाकिस्तान में एक्स तक पहुंचने के लिए वीपीएन का उपयोग बढ़ गया है। इस पर फरवरी से प्रतिबंध लगा दिया गया है। हालांकि इसका इस्तेमाल पोर्नोग्राफिक सामग्री पर प्रतिबंधों को दरकिनार करने और आतंकवादी गतिविधियों जैसे अवैध कामों के लिए भी किया जाता है।
पाकिस्तानी सरकार के आदेश के बाद उठा वीपीएन का मुद्दा
पाकिस्तान में वीपीएन का मुद्दा तब उठा, जब गृह मंत्रालय ने देश में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर निगरानी रखने वाले टेलीकॉम प्राधिकरण से इसके अवैध इस्तेमाल पर रोक लगाने और कार्रवाई करने का आदेश दिया। सरकार का कहना था कि वीपीएन का अवैध इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने के लिए किया जा रहा है।