PM Modi Gifts: डिनर के बाद मोदी ने बाइडन दंपती को दिए ये उपहार, तोहफों में भारत के इन राज्यों की झलक, देखें
PM Modi US Visit: दोनों देशों के लिए खास बताई जा रही पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा आज अपने दूसरे दिन के चरण में है। इस दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्हाइट हाउस में अमेरिका के राष्ट्रपति और प्रथम महिला जिल बाइडन को बेहद ही खास उपहार दिए हैं।
विस्तार
पीएम नरेंद्र मोदी मंगलवार को अमेरिका की यात्रा पर पहुंच गए है। यहां उनका हर कोई खुले मन से स्वागत कर रहा है। हर कोई पीएम से मिलने के लिए उत्सुक है और जिनकी मुलाकात हो चुकी वे लोग उनकी तारीफ करते नहीं थक रहे। वाशिंगटन में बुधवार को पीएम मोदी को अमेरिकी सेना ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। वहीं, पीएम मोदी फिलहाल अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन के साथ व्हाइट हाउस में मौजूद हैं।
दोनों देशों के लिए खास बताई जा रही पीएम मोदी की ये यात्रा आज अपने दूसरे दिन के चरण में है। इस दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्हाइट हाउस में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन को बेहद ही खास उपहार दिए हैं। उन्हें दिए गए सभी उपहारों में भारत की झलक दिखी।
आइए जानते हैं कि ये खास उपहार हैं क्या-
सबसे पहले पीएम मोदी ने अमेरिका की प्रथम महिला जिल बाइडन को एक हीरा दिया है। ये हीरा कोई मामूली हीरा नहीं है। दरअसल, पीएम मोदी ने जिल को एक 7.5 कैरेट का हरा हीरा दिया है। ये प्रयोगशाला में विकसित हुआ है।
इस खास हीरे को ऐसे ही किसी बॉक्स में नहीं रख सकते, बल्कि एक बेहद ही सुंदर डिब्बा इसके लिए तैयार किया है। इस बॉक्स का नाम पपीयर माचे है। इसमें ही ये हरा हीरा रखा जाता है। इसे कार-ए-कलमदानी के नाम से भी जाना जाता है। वहीं, ये हरा डायमंड जिम्मेदार विलासिता का एक प्रतीक है, जो भारत की 75 वर्षों की स्वतंत्रता और टिकाऊ अंतरराष्ट्रीय संबंधों का प्रतीक है।
एक विशेष चंदन का डिब्बा किया भेंट
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को एक विशेष चंदन का डिब्बा भेंट किया है। इसे जयपुर के एक शिल्पकार द्वारा हाथ से बनाया गया है। इसपर मैसूर से प्राप्त चंदन में जटिल रूप से नक्काशीदार वनस्पतियों और जीवों के पैटर्न हैं। इतना ही नहीं इस बॉक्स के अंदर काफी ऐसे सामान हैं, जो हमारी भारतीय संस्कृति के लिए काफी खास हैं।
हाथ से बनाया गया बॉक्स
भारतीय पीएम ने देश की संस्कृति से अवगत कराने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति को ये खास उपहार दिए हैं। इस बॉक्स के अंदर भगवान गणेश जी की मूर्ति है, जो एक हिंदू देवता हैं, जिन्हें बाधाओं का विनाशक माना जाता है। इनकी सभी देवताओं में सबसे पहले पूजा की जाती है। मूर्ति को कोलकाता के पांचवीं पीढ़ी के चांदी कारीगरों के एक परिवार द्वारा हस्तनिर्मित किया गया है।
इतना ही नहीं, इसमें एक दीया (तेल का दीपक) भी है, जो हर हिंदू घर में एक पवित्र स्थान रखता है। इस चांदी के दीये को भी कोलकाता में पांचवीं पीढ़ी के चांदी कारीगरों के परिवार के कारीगरों द्वारा हस्तनिर्मित किया गया है।
पीएम मोदी द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को उपहार में दिए गए बॉक्स में 99.5 फीसदी शुद्ध और हॉलमार्क वाला चांदी का सिक्का भी है। इसे राजस्थान के कारीगरों द्वारा सौंदर्यपूर्ण ढंग से तैयार किया गया है। इसे रौप्यदान (चांदी का दान) के रूप में पेश किया गया है। लवंदन (नमक का दान) के लिए गुजरात का लवन या नमक भेंट किया गया है।
इस खास बॉक्स में दस दान राशि हैं। गाय के दान के लिए गाय के स्थान पर पश्चिम बंगाल के कुशल कारीगरों द्वारा एक नाजुक हस्तनिर्मित चांदी का नारियल दिया गया है। भूदान (भूमि का दान) के लिए भूमि के स्थान पर मैसूर, कर्नाटक से प्राप्त चंदन का एक सुगंधित टुकड़ा दिया गया है। तिलदान (तिल के बीज का दान) के लिए तमिलनाडु से लाए गए तिल या सफेद तिल के बीज दिए हैं। इसके अलावा, राजस्थान में हस्तनिर्मित, 24 कैरेट शुद्ध और हॉलमार्क वाला सोने का सिक्का हिरण्यदान (सोने का दान) के रूप में पेश किया है।
खास अलग चार बॉक्स, राज्यों की दिखाई झलक
पीएम मोदी ने एक और उपहार दिया है। उन्होंने बेहद ही चार अलग डिब्बे दिए हैं। ये कोई मामूली डिब्बे नहीं हैं, बल्कि इन डिब्बों में वो खास चीज है, जो भारत के लोगों के लिए बेहद खास मानी जाती है। ये भारतीयों के बीच बेहद ही प्रसिद्ध है। इन चार डिब्बों में अलग- अलग राज्यों को देखा जा सकता है।
चार खास डिब्बों में से पहले में पंजाब का घी या मक्खन है, जो सभी को पता है कि कितना खास माना जाता है। वहीं, दूसरे में झारखंड से प्राप्त हाथ से बुना हुआ बनावट वाला टसर रेशम का कपड़ा। तीसरे में उत्तराखंड से प्राप्त लंबे दाने वाला चावल। इसके अलावा, चौथे बॉक्स में गुड़ है, जो महाराष्ट्र से मंगाया गया है।
The box contains Ghee or clarified butter sourced from Punjab; a handwoven textured tussar silk cloth sourced from Jharkhand; long-grained rice sourced from Uttarakhand; Gud or Jaggery sourced from Maharashtra. pic.twitter.com/6ooo0KlQWE
— ANI (@ANI) June 22, 2023
'द टेन प्रिंसिपल उपनिषद' के पहले संस्करण की प्रति दी
इसके अलावा, साल 1937 में, WB येट्स ने पुरोहित स्वामी के साथ सह-लेखक, भारतीय उपनिषदों का एक अंग्रेजी अनुवाद प्रकाशित किया। दोनों लेखकों के बीच अनुवाद और सहयोग पूरे 1930 के दशक में हुआ और यह येट्स के अंतिम कार्यों में से एक था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लंदन के फेबर एंड फेबर लिमिटेड द्वारा प्रकाशित और यूनिवर्सिटी प्रेस ग्लासगो में मुद्रित पुस्तक 'द टेन प्रिंसिपल उपनिषद' के पहले संस्करण की एक प्रति राष्ट्रपति जो बाइडन को उपहार में दी।
In 1937, WB Yeats published an English translation of the Indian Upanishads, co-authored with Shri Purohit Swami. The translation and collaboration between the two authors occurred throughout 1930s and it was one of the final works of Yeats.
— ANI (@ANI) June 22, 2023
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