सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   World ›   presidential election in Syria believed that President Bashar al-Assad could win again

सीरिया के ‘दिखावटी’ चुनाव में राष्ट्रपति बशर अल-असद की जीत तय

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, दमिश्क Published by: Harendra Chaudhary Updated Mon, 24 May 2021 06:15 PM IST
सार

सीरियाई अनुसंधानकर्ता और अल-असद के विरोधी सुहैल अल-ग़ाजी ने मौजूदा चुनाव के बारे में अपना आकलन बताते हुए ब्रिटिश अखबार द गार्जियन से कहा- ‘2014 में मूड बिल्कुल अलग था। तब अल-असद के सत्ता से हटने की संभावना बनी हुई थी। लेकिन सीरिया में रहने वाले लोग और वे लोग भी जो देश छोड़ कर चले गए, अब ये मानते हैं कि सैनिक ताकत से अल-असद को हटाना संभव नहीं है।’...

विज्ञापन
presidential election in Syria believed that President Bashar al-Assad could win again
राष्ट्रपति बशर अल-असद - फोटो : Agency (File Photo)
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

युद्ध जर्जर देश सीरिया में बुधवार को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को महज एक औपचारिकता समझा जा रहा है। इसमें राष्ट्रपति बशर अल-असद की जीत पक्की मानी जा रही है। इसकी वजह यह है कि अब देश के ज्यादातर हिस्सों पर अल-असद सरकार का कब्जा है और विपक्षी मोटे तौर पर देश से खदेड़े जा चुके हैं।

Trending Videos


सीरिया में राष्ट्रपति पद का पिछला चुनाव सात साल पहले हुआ था। तब बशर अल-असद की सत्ता अनिश्चित थी। पश्चिमी देशों के समर्थन से उनके विरोधियों ने देश के कई इलाकों पर कब्जा जमा लिया था। लेकिन उसके बाद रूस और ईरान खुल कर अल-असद के समर्थन में आए। उससे युद्ध का पासा पलट गया।
विज्ञापन
विज्ञापन


सीरियाई अनुसंधानकर्ता और अल-असद के विरोधी सुहैल अल-ग़ाजी ने मौजूदा चुनाव के बारे में अपना आकलन बताते हुए ब्रिटिश अखबार द गार्जियन से कहा- ‘2014 में मूड बिल्कुल अलग था। तब अल-असद के सत्ता से हटने की संभावना बनी हुई थी। लेकिन सीरिया में रहने वाले लोग और वे लोग भी जो देश छोड़ कर चले गए, अब ये मानते हैं कि सैनिक ताकत से अल-असद को हटाना संभव नहीं है।’

सीरिया पर अल-असद परिवार का शासन 1970 से जारी है। इस दौरान अल-असद की बाथ पार्टी का देश पर पूरा कब्जा बना रहा है। सुहैल अलग-ग़ाजी ने कहा- ‘इस चुनाव का इस्तेमाल अल-असद सरकर और रूस यह दिखाने के लिए करेंगे कि उनकी जीत हुई और अब सीरिया सुरक्षित है।’ अल-ग़ाजी के मुताबिक चुनाव के बाद अल-असद यह दावा भी करेंगे कि अब बाहर गए सीरियाई शरणार्थी चाहें तो देश लौट सकते हैं।

अपने पिता हाफिज अल-असद की साल 2000 में मृत्यु के बाद बशर अल-असद ने सत्ता संभाली थी। पढ़ाई से नेत्र-रोग विशेषज्ञ बशर ने सत्ता संभालने के बाद वादा किया था कि वे देश में राजनीतिक सुधार लागू करेंगे। लेकिन 2011 में अरब क्रांति के समय जब सीरिया में भी विरोध प्रदर्शन हुए, तब उन्होंने प्रदर्शनकारियों के दमन का रास्ता अपनाया। उसी से वो गृह युद्ध शुरू हुआ, जिसने देश में जबर्दस्त तबाही मचाई। युद्ध अभी भी खत्म नहीं हुआ है।

युद्ध के शुरुआती दिनों में बड़ी संख्या में सीरियाई सेना के अधिकारी और बाथ पार्टी के नेता बशर का साथ छोड़ गए। वे उनके विरोधियों के साथ मिल गए। उसी अस्थिरता के माहौल में सीरिया में 2013 में संसदीय चुनाव हुआ, जिसका विपक्षी गुटों ने बहिष्कार किया था। लेकिन 2014 के राष्ट्रपति चुनाव को बशर सरकार ने बहुदलीय व्यवस्था के आधार पर कराया। ऐसा सीरिया में पहली बार हुआ। मैदान में कई उम्मीदवारों के होने के बावजूद बशर अल-असद तकरीबन 90 प्रतिशत वोट पाकर चुनाव जीते।

इस बार के चुनाव में 51 उम्मीदवारों ने पर्चा भरा था। लेकिन सीरिया के सर्वोच्च संवैधानिक अदालत ने उनमें से सिर्फ तीन को चुनाव लड़ने की इजाजत दी। अब असद के खिलाफ सीरिया की संसद के पूर्व सदस्य अब्दुल्लाह सलोम अब्दुल्लाह और महमूद अहमद मारी मैदान में हैं। मारी जिनेवा में सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र की तरफ आयोजित शांति वार्ता में शामिल रह चुके हैं।

तीनों उम्मीदवारों ने देश की अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने का वादा किया है। लगातार चले युद्ध और कोरोना महामारी के कारण सीरिया की अर्थव्यवस्था बदहाल है। तीनों उम्मीदवारों ने सीरिया से बाहर गए 50 लाख शरणार्थियों को वापस लाने और भ्रष्टाचार मिटाने का वादा भी किया है। लेकिन चुनाव में बशर अल-असद की जीत तय मानी जा रही है। मानव अधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने ध्यान दिलाया है कि चुनावा के वक्त भी लगभग 400 पूर्व जज, वकील और पत्रकार असहमति जताने के कारण जेल में हैं। इसलिए एक बड़े तबके की राय में ये चुनाव महज दिखावटी है।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get latest World News headlines in Hindi related political news, sports news, Business news all breaking news and live updates. Stay updated with us for all latest Hindi news.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed