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Nuclear Pact: पुतिन ने बढ़ाई रूस-अमेरिका परमाणु हथियार संधि की अवधि, ट्रंप प्रशासन के भी सहमत होने की उम्मीद
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, मॉस्को
Published by: बशु जैन
Updated Mon, 22 Sep 2025 06:20 PM IST
सार
'न्यू स्टार्ट न्यूक्लियर ट्रीटी' रूस और अमेरिका के बीच शेष बचा अंतिम हथियार नियंत्रण समझौता है। इस समझौते के तहत अमेरिका और रूस द्वारा तैनात किए जा सकने वाले रणनीतिक परमाणु हथियारों की संख्या को सीमित किया गया है। इस समझौते की अवधि को पुतिन ने एक साल के लिए बढ़ा दिया है।
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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
- फोटो : पीटीआई
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विस्तार
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस और अमेरिका के बीच हुई परमाणु हथियारों संधि की अवधि को बढ़ाने का एलान किया। पुतिन ने कहा कि वह नई स्टार्ट परमाणु हथियार संधि की अवधि को एक साल के लिए और बढ़ा रहा है। अब इस संधि की अवधि बढ़ाने को अमेरिका से भी मंजूरी मिलने की उम्मीद है। माना जा रहा है ट्रंप प्रशासन भी संधि को लेकर बड़ा फैसला ले सकता है। अभी यह संधि पांच फरवरी 2026 तक लागू है।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि रूस न्यू स्टार्ट परमाणु हथियार संधि का एक और वर्ष तक पालन करना जारी रखेगा। पुतिन ने कहा कि रूस आगे तनाव या हथियारों की होड़ में दिलचस्पी नहीं रखता। समझौते की समाप्ति से वैश्विक स्थिरता पर नकारात्मक परिणाम होंगे। पुतिन ने कहा कि रूस यह उम्मीद करेगा कि अमेरिका भी हमारा अनुसरण करेगा तथा संधि की सीमाओं का पालन करेगा।
संधि में क्या?
2010 में प्राग में नई START संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे। यह संधि 2011 में लागू हुई और 2021 में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के पदभार ग्रहण करने के ठीक बाद पांच साल के लिए बढ़ा दी गई। यह संधि संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस द्वारा तैनात किए जा सकने वाले रणनीतिक परमाणु हथियारों की संख्या को सीमित करती है।
इसके जरिए भूमि और पनडुब्बी आधारित मिसाइलों और बमवर्षकों की तैनाती को सीमित किया जाता है। दोनों देश 1550 से अधिक परमाणु हथियार तैनात नहीं कर सकते। जबकि अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों, पनडुब्बी से प्रक्षेपित बैलिस्टिक मिसाइलों और परमाणु-सक्षम भारी बमवर्षकों की संख्या 700 से ज्यादा नहीं होगी। इसके अलावा लॉन्चरों की 800 होगी।
2023 में रूस ने कर लिया था किनारा
रूस ने 2023 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के यूक्रेन दौरे के बाद परमाणु संधि को भी निलंबित कर दिया था। इस संधि को 'न्यू स्टार्ट न्यूक्लियर ट्रीटी' के नाम से जाना जाता था। हालांकि रूस ने समझौते की समाप्ति तक इसकी शर्तों का पालन जारी रखने का वचन दिया।
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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि रूस न्यू स्टार्ट परमाणु हथियार संधि का एक और वर्ष तक पालन करना जारी रखेगा। पुतिन ने कहा कि रूस आगे तनाव या हथियारों की होड़ में दिलचस्पी नहीं रखता। समझौते की समाप्ति से वैश्विक स्थिरता पर नकारात्मक परिणाम होंगे। पुतिन ने कहा कि रूस यह उम्मीद करेगा कि अमेरिका भी हमारा अनुसरण करेगा तथा संधि की सीमाओं का पालन करेगा।
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संधि में क्या?
2010 में प्राग में नई START संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे। यह संधि 2011 में लागू हुई और 2021 में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के पदभार ग्रहण करने के ठीक बाद पांच साल के लिए बढ़ा दी गई। यह संधि संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस द्वारा तैनात किए जा सकने वाले रणनीतिक परमाणु हथियारों की संख्या को सीमित करती है।
इसके जरिए भूमि और पनडुब्बी आधारित मिसाइलों और बमवर्षकों की तैनाती को सीमित किया जाता है। दोनों देश 1550 से अधिक परमाणु हथियार तैनात नहीं कर सकते। जबकि अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों, पनडुब्बी से प्रक्षेपित बैलिस्टिक मिसाइलों और परमाणु-सक्षम भारी बमवर्षकों की संख्या 700 से ज्यादा नहीं होगी। इसके अलावा लॉन्चरों की 800 होगी।
2023 में रूस ने कर लिया था किनारा
रूस ने 2023 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के यूक्रेन दौरे के बाद परमाणु संधि को भी निलंबित कर दिया था। इस संधि को 'न्यू स्टार्ट न्यूक्लियर ट्रीटी' के नाम से जाना जाता था। हालांकि रूस ने समझौते की समाप्ति तक इसकी शर्तों का पालन जारी रखने का वचन दिया।