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Panama: अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो का पनामा दौरा, नहर पर नियंत्रण को लेकर दोनों देशों में टकराव

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, पनामा सिटी। Published by: निर्मल कांत Updated Sun, 02 Feb 2025 11:13 PM IST
सार

Panama: अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुपियो ने पनामा के राष्ट्रपति से मुलाकात की, जहां उन्होंने पनामा नहर को फिर से अमेरिका को सौंपने की ट्रंप की मांग पर चर्चा की। हालांकि, पनामा सरकार ने नहर के स्वामित्व पर किसी भी तरह की बातचीत से इनकार किया है, जबकि रुबियो ने चीन के प्रभाव के बढ़ने के कारण नहर पर अमेरिकी नियंत्रण की योजना का समर्थन किया। 

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Rubio is holding talks in Panama as Trump demands canal control and pressures US neighbours
मार्को रुबियो - फोटो : एएनआई (फाइल)
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अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुपियो ने रविवार को पनामा के राष्ट्रपति से मुलाकात की। उनकी यह पहली विदेश यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पड़ोसी देशों पर दबाव बढ़ाया है और पनामा नहर को फिर से अमेरिका को सौंपने की मांग की है। 

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इससे एक दिन पहले ट्रंप ने कनाडा और मेक्सिको से आयात पर टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। जिसके बाद इन दोनों देशों ने जवाब में अमेरिका से आयात पर शुल्क लगाने की बात कही है। हालांकि, इसके विपरीत रुबियो ने वार्ता के लिए एक शांतिपूर्ण और कूटनीतिक दष्टिकोण अपनाया है। 
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पनामा के राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो से बातचीत के बाद रुबियो की एक उर्जा संयंत्र और फिर पनामा नहर का दौरान करने की योजना है, जो ट्रंप के लिए गहरी रुचि का विषय है। मुलिनो ने कहा कि पनामा नहर के स्वामित्व को लेकर अमेरिका से कोई बातचीत नहीं होगी और ट्रंप की योजना के खिलाफ पनामा के कुछ नागरिकों ने विरोध प्रदर्शन भी किया है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि रुपियो की यात्रा में प्रवासन और मादक पदार्थों की तस्कीर से निपटने जैसे साझा हितों पर फोकस करेगी। 

हालांकि, ट्रंप के करीबी सहयोगी रुबियो ने यह भी कहा कि अमेरिका पनामा नहर पर फिर से अपना नियंत्रण चाहता है। हालांकि, कुछ क्षेत्रीय राजनेता चीन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए इस योजना का विरोध कर रहे हैं।

रुबियो ने शुक्रवार को 'वॉल स्ट्रीट जर्नल' में एक लेख में कहा कि बड़े पैमाने पर अवैध प्रवासन, नशीले पदार्थ और क्यूबा, निकारागुआ और वेनेजुएला द्वारा अपनाई गई शत्रुतापूर्ण नीतियों से भारी नुकसान हुआ है। साथ ही पनामा नेहर के दोनों छो पर बंदरगाहों का संचालन चीन की कंपनी कर रही है, जिससे इस जलमार्ग पर चीन का दबाव बढ़ सकता है। 

रुबियो ने कहा, हम इस मुद्दे पर बात करेंगे। राष्ट्रपति ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह पुनामा नहर का फिर से संचानल करना चाहते हैं। पनामा के लोग स्पष्ट रूप से इस विचार से सहमत नहीं हैं। यह संदेश बहुत स्पष्ट रूप से पहुंचाया गया है। 

पनामा नहर को अमेरिका ने बनाया था। इसे 1999 में पनामा को सौंप दिया गया था और पनामा इसे फिर से अमेरिका को सौंपने के खिलाफ है। हालांकि, पनामा के राष्ट्रपति मुलिनो ने स्वामित्व को लेकर किसी तरह की बातचीत से इनकार किया है। 

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