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India-Singapore Ties: सिंगापुर के राष्ट्रपति, डिप्टी पीएम और विदेश मंत्री से मिले जयशंकर, चीन के लिए हुए रवाना
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, सिंगापुर
Published by: पवन पांडेय
Updated Sun, 13 Jul 2025 11:05 PM IST
सार
India-Singapore Ties: भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सिंगापुर में अपने समकक्ष विवियन बालाकृष्णन से मुलाकात की है। बता दें कि, एस. जयशंकर दो देशों के दौरे पर हैं, वे सिंगापुर के बाद चीन की यात्रा पर जाएंगे। जहां वे एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेंगे।
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जयशंकर ने सिंगापुर अपने समकक्ष के साथ की बैठक
- फोटो : PTI
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विस्तार
भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार को कहा कि सिंगापुर भारत की 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी'का केंद्र है। वे इस समय दो देशों की यात्रा पर हैं और सिंगापुर के दौरे के बाद चीन जाएंगे। जयशंकर ने सिंगापुर में अपने समकक्ष विदेश मंत्री विवियन बालाकृष्णन से मुलाकात की और दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने पर चर्चा हुई। इसके अलावा उन्होंने सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन षणमुगरत्नम और उपप्रधानमंत्री गन किम योंग से भी मुलाकात की।
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भारत एक महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में उभरेगा- बालाकृष्णन
सिंगापुर के विदेश मंत्री बालाकृष्णन ने कहा, 'जैसे-जैसे दुनिया बहुध्रुवीय होती जा रही है, भारत एक महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में उभरेगा और वैश्विक स्तर पर उसकी भूमिका और अधिक बढ़ेगी।' दोनों देशों ने जल्द ही तीसरा भारत-सिंगापुर मंत्री स्तरीय बैठक नई दिल्ली में आयोजित करने का निर्णय भी लिया है।
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भारत एक महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में उभरेगा- बालाकृष्णन
सिंगापुर के विदेश मंत्री बालाकृष्णन ने कहा, 'जैसे-जैसे दुनिया बहुध्रुवीय होती जा रही है, भारत एक महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में उभरेगा और वैश्विक स्तर पर उसकी भूमिका और अधिक बढ़ेगी।' दोनों देशों ने जल्द ही तीसरा भारत-सिंगापुर मंत्री स्तरीय बैठक नई दिल्ली में आयोजित करने का निर्णय भी लिया है।
जयशंकर ने सिंगापुर में अपने समकक्ष के साथ की बैठक
- फोटो : PTI
दोनों देशों के संबंधों की प्रगति की समीक्षा हुई
भारत के विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस मुलाकात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछले साल सितंबर में हुई सिंगापुर यात्रा के बाद हुई प्रगति की समीक्षा की गई। उस दौरे पर दोनों देशों के संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी के स्तर पर बढ़ाया गया था। दोनों देशों के बीच प्रमुख सहयोग क्षेत्रों में निवेश, औद्योगिक पार्क, सेमीकंडक्टर निर्माण, बुनियादी ढांचा विकास, कौशल विकास और आपसी संपर्क बढ़ाना शामिल है। इसके अलावा भारत और सिंगापुर के नेताओं ने आसियान, इंडो-पैसिफिक क्षेत्रऔर वैश्विक मामलों पर भी विचार-विमर्श किया।
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तेओ ची हीन से भी मिले विदेश मंत्री
जयशंकर ने तेओ ची हीन, जो सिंगापुर के पूर्व वरिष्ठ मंत्री हैं और अब टेमासेक होल्डिंग्स के चेयरमैन बनने वाले हैं, से भी मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने भारत में हो रहे बदलावों और उसमें टेमासेक की संभावित निवेश योजनाओं पर चर्चा की। भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि जयशंकर की यह यात्रा दोनों देशों के बीच लगातार हो रहे उच्चस्तरीय संवाद को दर्शाती है और यह इस बात का प्रतीक है कि भारत सिंगापुर को अपने रिश्तों में कितनी प्राथमिकता देता है।
भारत के विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस मुलाकात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछले साल सितंबर में हुई सिंगापुर यात्रा के बाद हुई प्रगति की समीक्षा की गई। उस दौरे पर दोनों देशों के संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी के स्तर पर बढ़ाया गया था। दोनों देशों के बीच प्रमुख सहयोग क्षेत्रों में निवेश, औद्योगिक पार्क, सेमीकंडक्टर निर्माण, बुनियादी ढांचा विकास, कौशल विकास और आपसी संपर्क बढ़ाना शामिल है। इसके अलावा भारत और सिंगापुर के नेताओं ने आसियान, इंडो-पैसिफिक क्षेत्रऔर वैश्विक मामलों पर भी विचार-विमर्श किया।
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तेओ ची हीन से भी मिले विदेश मंत्री
जयशंकर ने तेओ ची हीन, जो सिंगापुर के पूर्व वरिष्ठ मंत्री हैं और अब टेमासेक होल्डिंग्स के चेयरमैन बनने वाले हैं, से भी मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने भारत में हो रहे बदलावों और उसमें टेमासेक की संभावित निवेश योजनाओं पर चर्चा की। भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि जयशंकर की यह यात्रा दोनों देशों के बीच लगातार हो रहे उच्चस्तरीय संवाद को दर्शाती है और यह इस बात का प्रतीक है कि भारत सिंगापुर को अपने रिश्तों में कितनी प्राथमिकता देता है।