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Ceasefire: सीरिया-इस्राइल संघर्ष विराम पर सहमत, अमेरिका ने कहा- स्वैदा से सीरियाई बलों की वापसी के बाद फैसला
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, दमिश्क
Published by: बशु जैन
Updated Sat, 19 Jul 2025 08:08 AM IST
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सार
पिछले दिनों ड्रुज और सीरियाई बलों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी। इसके बाद इस्राइल ने सीरिया के स्वैदा में हमले बोले। अब अमेरिका ने कहा है कि सीरिया और इस्राइल संघर्ष विराम पर सहमत हो गए हैं।

सीरिया में हिंसा
- फोटो : पीटीआई
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विस्तार
सीरिया के स्वैदा प्रांत में सीरियाई बलों और ड्रुज अल्पसंख्यक समुदाय के बीच हिंसा के बाद इस्राइल ने सीरिया पर हमले किए। अब अमेरिकी दूत के हवाले से दावा किया जा रहा है कि सीरिया और इस्राइल संघर्ष विराम पर सहमत हो गए हैं। सीरिया में अमेरिकी दूत टॉम बैरक ने कहा कि स्वैदा से सीरियाई बलों की वापसी के बाद इस्राइल ने संघर्ष विराम कर लिया है।
बैरक ने एक्स पर लिखा कि इस्राइल और सीरिया के बीच नए युद्ध विराम का तुर्किये, जॉर्डन और अन्य पड़ोसी देशों ने समर्थन किया है। ड्रूज से अपने हथियार डालने और अन्य अल्पसंख्यकों के साथ मिलकर अपने पड़ोसियों के साथ शांति और समृद्धि में एक नई और एकजुट सीरियाई पहचान बनाने का आह्वान किया है। वहीं इस्राइल ने कहा कि वह ड्रूज समुदाय की रक्षा के लिए काम कर रहा है, जो इस्राइल में एक बड़ा समुदाय है। वहां एक वफादार अल्पसंख्यक के रूप में देखा जाता है।
ये भी पढ़ें: कौन हैं द्रुज?: जिन्हें बचाने के लिए सीरिया पर बम बरसा रहा इस्राइल, जानें उनका इतिहास और यहूदी देश से रिश्ता
इससे पहले सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शरा ने घोषणा की थी कि सरकार स्वैदा में झड़पों को रोकने और जमीनी स्तर पर संघर्ष को सुलझाने के लिए एक विशेष बल भेजेगी। उन्होंने कहा कि समझौते के तहत सरकारी बलों के हटने के बाद, ड्रूज गुटों और मौलवियों को स्वेदा में आंतरिक सुरक्षा बनाए रखनी होगी। सीरियाई अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले सरकार ने भी ड्रूज गुटों के साथ एक समझौते पर बातचीत की थी। मगर सफल नहीं रही।
इसलिए इस्राइल ने सीरिया में किए हमले
सीरिया में लंबे समय से गृहयुद्ध जैसी स्थितियां बनी हुई हैं। हालिया संघर्ष की शुरुआत तब हुई जब एक द्रुज सब्जी विक्रेता को एक बेदुइन कबायलियों ने अपहरण कर लूट लिया। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच एक के बाद एक अपहरण और जवाबी हमले शुरू हो गए। इसके बाद हिंसा और भड़क उठी और सीरियाई सरकार के लड़ाके भी ड्रुजों की हत्या में शामिल हो गए। इस घटनाक्रम को देखते हुए इस्राइल ने 15 जुलाई को पहली बार सीरिया के स्वैदा में हमले बोले और कट्टरपंथी लड़ाकों को भागने पर मजबूर कर दिया। इसके बाद इस्राइल ने 16 जुलाई को हमलों को और तेज किया और सीरिया की राजधानी दमिश्क में सैन्य मुख्यालय और सीरिया रक्षा मंत्रालय पर बम बरसा दिए।
स्वैदा में कैसे हैं मौजूदा हालात
इस सप्ताह की शुरुआत से स्वैदा में शुरू हुआ द्रुज सशस्त्र समूहों और सीरियाई सरकारी बलों के बीच संघर्ष समझौते के बाद फिलहाल शांत हुआ है। वहीं, पिछले हमलों ने वहां की स्थिति को बदलकर रख दिया है। बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है। वहीं बड़ी संख्या में लोगों की मौंते भी हुई हैं। ब्रिटेन स्थित सीरियन ऑब्ज़र्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने रविवार से स्वैदा प्रांत में 300 से अधिक लोगों की मौत की सूचना दी है, जिनमें कथित तौर पर सीरियाई बलों द्वारा मारे गए 27 ड्रुज नागरिक भी शामिल हैं।
ये भी पढ़ें: सीरिया पर क्यों बम बरसा रहा इस्राइल, स्वैदा में कैसे हैं हालात? संघर्ष विराम के बाद भी शांति नहीं
हजारों लोग विस्थापित, नहीं पहुंच पा रही सहायता
संयुक्त राष्ट्र की प्रवासन एजेंसी ने कहा कि रविवार को शुरू हुई झड़पों के बाद से लगभग 80000 लोग विस्थापित हो चुके हैं। स्वैदा में पानी और बिजली सहित आवश्यक सेवाएं ध्वस्त हो गई हैं। स्वैदा और दारा में स्वास्थ्य सुविधाएं गंभीर दबाव में हैं। सीरिया में संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट और मानवीय मामलों के समन्वयक एडम अब्देलमौला ने कहा कि आपूर्ति मार्गों में गंभीर व्यवधान हैं, असुरक्षा और सड़क बंद होने से सहायता वितरण में बाधा आ रही है। उन्होंने कहा कि जब परिस्थितियां अनुकूल होंगी, तो हम अधिकारियों के साथ पूर्ण समन्वय में जरूरतों का आकलन करने और महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करने के लिए एक मिशन भेजने की योजना बना रहे हैं।

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इससे पहले सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शरा ने घोषणा की थी कि सरकार स्वैदा में झड़पों को रोकने और जमीनी स्तर पर संघर्ष को सुलझाने के लिए एक विशेष बल भेजेगी। उन्होंने कहा कि समझौते के तहत सरकारी बलों के हटने के बाद, ड्रूज गुटों और मौलवियों को स्वेदा में आंतरिक सुरक्षा बनाए रखनी होगी। सीरियाई अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले सरकार ने भी ड्रूज गुटों के साथ एक समझौते पर बातचीत की थी। मगर सफल नहीं रही।
इसलिए इस्राइल ने सीरिया में किए हमले
सीरिया में लंबे समय से गृहयुद्ध जैसी स्थितियां बनी हुई हैं। हालिया संघर्ष की शुरुआत तब हुई जब एक द्रुज सब्जी विक्रेता को एक बेदुइन कबायलियों ने अपहरण कर लूट लिया। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच एक के बाद एक अपहरण और जवाबी हमले शुरू हो गए। इसके बाद हिंसा और भड़क उठी और सीरियाई सरकार के लड़ाके भी ड्रुजों की हत्या में शामिल हो गए। इस घटनाक्रम को देखते हुए इस्राइल ने 15 जुलाई को पहली बार सीरिया के स्वैदा में हमले बोले और कट्टरपंथी लड़ाकों को भागने पर मजबूर कर दिया। इसके बाद इस्राइल ने 16 जुलाई को हमलों को और तेज किया और सीरिया की राजधानी दमिश्क में सैन्य मुख्यालय और सीरिया रक्षा मंत्रालय पर बम बरसा दिए।
स्वैदा में कैसे हैं मौजूदा हालात
इस सप्ताह की शुरुआत से स्वैदा में शुरू हुआ द्रुज सशस्त्र समूहों और सीरियाई सरकारी बलों के बीच संघर्ष समझौते के बाद फिलहाल शांत हुआ है। वहीं, पिछले हमलों ने वहां की स्थिति को बदलकर रख दिया है। बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है। वहीं बड़ी संख्या में लोगों की मौंते भी हुई हैं। ब्रिटेन स्थित सीरियन ऑब्ज़र्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने रविवार से स्वैदा प्रांत में 300 से अधिक लोगों की मौत की सूचना दी है, जिनमें कथित तौर पर सीरियाई बलों द्वारा मारे गए 27 ड्रुज नागरिक भी शामिल हैं।
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हजारों लोग विस्थापित, नहीं पहुंच पा रही सहायता
संयुक्त राष्ट्र की प्रवासन एजेंसी ने कहा कि रविवार को शुरू हुई झड़पों के बाद से लगभग 80000 लोग विस्थापित हो चुके हैं। स्वैदा में पानी और बिजली सहित आवश्यक सेवाएं ध्वस्त हो गई हैं। स्वैदा और दारा में स्वास्थ्य सुविधाएं गंभीर दबाव में हैं। सीरिया में संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट और मानवीय मामलों के समन्वयक एडम अब्देलमौला ने कहा कि आपूर्ति मार्गों में गंभीर व्यवधान हैं, असुरक्षा और सड़क बंद होने से सहायता वितरण में बाधा आ रही है। उन्होंने कहा कि जब परिस्थितियां अनुकूल होंगी, तो हम अधिकारियों के साथ पूर्ण समन्वय में जरूरतों का आकलन करने और महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करने के लिए एक मिशन भेजने की योजना बना रहे हैं।
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