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अफगानिस्तान: गजनी में तालिबान ने की 43 नागरिकों की हत्या, हजारों परिवार भागकर काबुल पहुंचे
एजेंसी, काबुल
Published by: देव कश्यप
Updated Tue, 27 Jul 2021 12:24 AM IST
सार
- मध्य प्रांत से भागकर काबुल आए स्थानीय लोगों ने कहा, परिवार के कई सदस्यों को खोया
- आतंकियों ने साथ न देने वालों के घरों पर हमला किया, संपत्ति लूटी व मकान जला डाले
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तालिबान (प्रतिकात्मक तस्वीर)
- फोटो : पीटीआई
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विस्तार
अफगानिस्तान में इस माह की शुरुआत में ही मध्य प्रांत के गजनी जिले में एक हमले के दौरान तालिबान ने 43 नागरिकों की हत्या कर दी है। इससे पहले तालिबान ने पाकिस्तान की सीमा से लगे स्पिन बोल्डक जिले में भी खूनी खेल खेलते हुए 100 से ज्यादा लोगों को मार डाला था। गजनी हत्याकांड का दावा स्थानीय नागरिकों ने किया है।
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स्थानीय नागरिकों ने बताया कि तालिबान ने इस माह की शुरुआत में मलिस्तान जिले में हमला करते हुए मध्य प्रांत गजनी में 43 नागरिकों और सुरक्षा बलों के सैनिकों की गोली मारकर हत्या की थी। काबुल में गजनी की नागरिक समाज कार्यकर्ता मीना नादेरी ने मलिस्तान के निवासियों का संयुक्त बयान पढ़ा कि तालिबान लड़ाकों ने मलिस्तान जिले में घुसने के बाद उन सब लोगों को मार डाला जो उनके साथ युद्ध में शामिल नहीं थे।
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उन्होंने घरों पर हमला किया और उनकी संपत्ति लूटकर रिहाइशी मकानों को जला दिया। बता दें कि तालिबान ने अफगानिस्तान के 90 फीसदी इलाके पर कब्जे का दावा किया है। अपने क्षेत्रों में लड़ाई से भागकर काबुल पहुंचे मलिस्तान के निवासियों ने बताया कि उन्होंने इन हमलों में अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया है। इस तरह की घटनाएं अन्य इलाकों से भी सामने आ रही हैं।
करीब 22 हजार परिवार भागकर काबुल आए
तालिबान के भीषण हमलों से भयभीत हजारों नागरिक काबुल चले आए हैं जहां अभी सरकारी सेना का नियंत्रण है। तालिबान के खतरे को देखते हुए अफगान सरकार ने कई क्षेत्रों में रात का कर्फ्यू लगा दिया है। गजनी से भागकर काबुल आए एक पिता ने बताया कि उसके दो बेटों को तालिबान ने गोली मार दी। ये लोग न तो सरकारी कर्मचारी थे और न ही सुरक्षाकर्मी। मीना नादेरी ने इसे युद्ध अपराध बताया। उन्होंने बताया कि करीब 22 हजार अफगान परिवार भागकर काबुल में आ चुके हैं।
कंधार पर कब्जे को लेकर भीषण संघर्ष जारी
तालिबान इन दिनों कंधार पर कब्जा करने के लिए पूरी ताकत लगा रहा है। यह पहले भी उसका गढ़ रहा है। यहां बाहरी इलाकों पर कई जगह उसने कब्जा कर लिया है। बताया जा रहा है कि कंधार के बाहरी इलाकों में पुलिस के लापरवाही बरतने के कारण तालिबान इतना करीब आ धमका है। इस बीच, तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा है कि उनका संगठन सत्ता पर एकाधिकार नहीं चाहता है।
2021 में रिकॉर्ड 5,183 नागरिक मारे गए, महिलाएं-बच्चे सर्वाधिक : यूएन
सोमवार को संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में बताया गया कि विश्व निकाय द्वारा 2009 में व्यवस्थित रूप से गिनती शुरू करने के बाद किसी भी वर्ष के प्रारंभिक छह माह की तुलना में 2021 की पहली छमाही में अफगानिस्तान में अधिकांश महिलाएं और बच्चे मारे गए और घायल हुए हैं। इन मृतकों और घायलों की संख्या 47 फीसदी की रिकॉर्ड वृद्धि के साथ 5,183 पाई गई है। रिपोर्ट में स्पष्ट चेतावनी है कि यदि इसे नहीं रोका गया तो बहुत बड़ी संख्या में अफगान नागरिक मारे जाएंगे और अपंग हो जाएंगे। यूएन असिसटेंस मिशन टू अफगानिस्तान (यूएनएम) की रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में जनवरी से जून के बीच 1,659 लोग मारे गए जबकि 3,254 लोग घायल हो गए हैं। इन सभी हताहत नागरिकों में महिलाओं और बच्चों की संख्या 46 फीसदी के करीब थी। इनमें 32 फीसदी बच्चे (468) मारे गए, जबकि 1,214 बच्चे घायल हुए।
46 अफगान सैनिकों को पाक ने दी शरण
पाकिस्तानी सेना ने कहा है कि तालिबान विद्रोहियों के विस्तार के बीच सीमा पार कर सैन्य चौकियों पर नियंत्रण खोने के बाद 46 अफगान सैनिकों ने पाक में शरण ली है। बता दें कि हाल की के हफ्तों में सैकड़ों अफगान सैनिक और नागरिक अधिकारी पड़ोसी ताजिकिस्तान, ईरान और पाकिस्तान में भाग गए हैं। पाक में अफगान सैनिकों को स्थापित सैन्य मानदंड के मुताबिक भोजन, आश्रय व मेडिकल मदद दी गई।
अफगान सैन्य प्रमुख का भारत दौरा स्थगित
अफगानिस्तान में तालिबान के हमले के बीच अफगान सेना प्रमुख जनरल वली मोहम्मद अहमदजई ने इस सप्ताह भारत की यात्रा स्थगित कर दी है। सूत्रों ने बताया कि अहमदजई 27 जुलाई को वरिष्ठ राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व से मुलाकात करने के लिए भारत आने वाले थे। लेकिन इस दौरे को अफगानिस्तान में हिंसा को देखते हुए रद्द करना पड़ा। इस बीच, अफगान अधिकारियों ने पाकिस्तान पर तालिबान आतंकवादियों को समर्थन देने और उन्हें सुरक्षित पनाह देने का आरोप लगाया है।