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थाईलैंड-कंबोडिया: जारी रहेगा संघर्षविराम या शुरू होगी भीषण जंग? शांति वार्ता के बीच सीमा पर फिर बढ़ा तनाव
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, कुआलालंपुर
Published by: हिमांशु चंदेल
Updated Thu, 07 Aug 2025 06:56 PM IST
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सार
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद को लेकर मलयेशिया में संघर्ष विराम वार्ता हो रही है। हालांकि, दोनों सेनाएं सीमा पर तैनाती बढ़ा रही हैं, जिससे तनाव बरकरार है। हाल ही में हुए संघर्ष में 20,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हुए थे। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर संघर्ष विराम तोड़ने का आरोप लगा रहे हैं। स्थिति बेहद नाजुक बनी हुई है।

थाईलैंड-कंबोडिया संघर्ष
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मलयेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में थाईलैंड और कंबोडिया के बीच संघर्ष विराम को मजबूत करने के लिए वार्ता जारी है। लेकिन दूसरी ओर, दोनों देशों की सेनाएं सीमा पर तैनाती बढ़ा रही हैं, जिससे आम लोगों में एक बार फिर संघर्ष शुरू होने का डर गहराता जा रहा है। मलयेशिया की मध्यस्थता में यह बातचीत ऐसे समय हो रही है जब हाल ही में दोनों सेनाओं के बीच टकराव में हजारों लोग विस्थापित हो चुके हैं।
वार्ता सोमवार को शुरू हुई और यह चार दिनों तक चलेगी। इसमें थाईलैंड के उप रक्षा मंत्री नत्ताफोन नकपनित और कंबोडिया के रक्षा मंत्री टीआ सेहा शामिल हैं। मलयेशिया, चीन और अमेरिका के पर्यवेक्षक भी इन वार्ताओं में भाग ले रहे हैं। 28 जुलाई को हुए संघर्ष विराम के बावजूद दोनों पक्ष एक-दूसरे पर समझौते के उल्लंघन का आरोप लगा रहे हैं। थाईलैंड के सांसद वासावात पूंगपॉर्नसरी ने चेतावनी दी है कि स्थिति कभी भी विस्फोटक हो सकती है।
लाखों नागरिकों पर संकट
24 जुलाई को हुए संघर्ष के बाद थाईलैंड के उबोन राचथानी प्रांत से करीब 20,000 लोगों को सुरक्षित निकाला गया था। अभी भी कई लोग अपने घरों से दूर शिविरों में रह रहे हैं। थाई अधिकारी स्थिति का मूल्यांकन कर रहे हैं ताकि जिनके घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें मुआवजा मिल सके। मई में हुए संघर्ष में एक कंबोडियाई सैनिक की मौत हो गई थी। अब एक बार फिर हालात वैसे ही होते दिख रहे हैं।
ये भी पढ़ें- 'डोनाल्ड ट्रंप के साथ बैठक के लिए संयुक्त अरब अमीरात एक संभावित जगह', पुतिन का बड़ा बयान
दोनों सेनाओं के बीच 50 मीटर का फासला
वासावात पूंगपॉर्नसरी के अनुसार, चोंग अनमा बॉर्डर क्रॉसिंग पर थाई और कंबोडियाई सैनिकों के बीच केवल 50 मीटर की दूरी है। यही इलाका पहले भी संघर्ष का केंद्र रहा है। स्थानीय निवासी फियान सोमस्री ने बताया कि कैसे बम उनके खेतों तक गिर रहे थे। वे पिछले दस दिनों से एक बौद्ध मंदिर में शरण लिए हुए हैं। उनका कहना है, “तैयार थी, लेकिन कभी नहीं सोचा था कि ऐसा सच में हो जाएगा।”
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संघर्षविराम के बावजूद गहराता अविश्वास
हाल ही में थाईलैंड ने संघर्ष में घायल दो कंबोडियाई सैनिकों को रिहा कर कंबोडिया को सौंप दिया। यह कदम संबंधों को सुधारने की दिशा में माना जा रहा है, लेकिन जमीनी हालात अभी भी तनावपूर्ण बने हुए हैं। दोनों सेनाएं एक-दूसरे पर गोलाबारी और नागरिक इलाकों को निशाना बनाने का आरोप लगा रही हैं। अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, कंबोडियाई सेना की तोपें थाई क्षेत्रों पर गिरीं, जबकि थाई वायुसेना ने जवाबी हमले किए।

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वार्ता सोमवार को शुरू हुई और यह चार दिनों तक चलेगी। इसमें थाईलैंड के उप रक्षा मंत्री नत्ताफोन नकपनित और कंबोडिया के रक्षा मंत्री टीआ सेहा शामिल हैं। मलयेशिया, चीन और अमेरिका के पर्यवेक्षक भी इन वार्ताओं में भाग ले रहे हैं। 28 जुलाई को हुए संघर्ष विराम के बावजूद दोनों पक्ष एक-दूसरे पर समझौते के उल्लंघन का आरोप लगा रहे हैं। थाईलैंड के सांसद वासावात पूंगपॉर्नसरी ने चेतावनी दी है कि स्थिति कभी भी विस्फोटक हो सकती है।
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लाखों नागरिकों पर संकट
24 जुलाई को हुए संघर्ष के बाद थाईलैंड के उबोन राचथानी प्रांत से करीब 20,000 लोगों को सुरक्षित निकाला गया था। अभी भी कई लोग अपने घरों से दूर शिविरों में रह रहे हैं। थाई अधिकारी स्थिति का मूल्यांकन कर रहे हैं ताकि जिनके घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें मुआवजा मिल सके। मई में हुए संघर्ष में एक कंबोडियाई सैनिक की मौत हो गई थी। अब एक बार फिर हालात वैसे ही होते दिख रहे हैं।
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वासावात पूंगपॉर्नसरी के अनुसार, चोंग अनमा बॉर्डर क्रॉसिंग पर थाई और कंबोडियाई सैनिकों के बीच केवल 50 मीटर की दूरी है। यही इलाका पहले भी संघर्ष का केंद्र रहा है। स्थानीय निवासी फियान सोमस्री ने बताया कि कैसे बम उनके खेतों तक गिर रहे थे। वे पिछले दस दिनों से एक बौद्ध मंदिर में शरण लिए हुए हैं। उनका कहना है, “तैयार थी, लेकिन कभी नहीं सोचा था कि ऐसा सच में हो जाएगा।”
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संघर्षविराम के बावजूद गहराता अविश्वास
हाल ही में थाईलैंड ने संघर्ष में घायल दो कंबोडियाई सैनिकों को रिहा कर कंबोडिया को सौंप दिया। यह कदम संबंधों को सुधारने की दिशा में माना जा रहा है, लेकिन जमीनी हालात अभी भी तनावपूर्ण बने हुए हैं। दोनों सेनाएं एक-दूसरे पर गोलाबारी और नागरिक इलाकों को निशाना बनाने का आरोप लगा रही हैं। अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, कंबोडियाई सेना की तोपें थाई क्षेत्रों पर गिरीं, जबकि थाई वायुसेना ने जवाबी हमले किए।
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