कैपिटॉल हिल पर हमले की बरसी: छह जनवरी को फिर दिखेगी अमेरिका में बढ़ते सियासी ध्रुवीकरण की झलक
छह जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप ने भी प्रेस कांफ्रेंस करने का एलान किया है। ये प्रेस कांफ्रेंस उन्होंने मार-ए-लागो में आयोजित की है, जहां राष्ट्रपति पद से हटने के बाद से वे रह रहे हैं। ट्रंप के एक सूत्र ने पत्रकारों को बताया कि प्रेस कांफ्रेंस में ट्रंप छह जनवरी कांड की चल रही जांच की कड़ी आलोचना करेंगे...

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कैपिटॉल हिल (अमेरिकी संसद भवन) पर हमले की बरसी पर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके सहयोगियों ने भी अपनी बात खुल कर कहने का इरादा जताया है। ये हमला पिछले साल छह जनवरी को हुआ था। ट्रंप के खास सहयोगी रहे स्टीव बेनॉन ने कहा है कि वे इस मौके पर अपने पॉडकास्ट ‘वॉर रूम’ का एक विशेष संस्करण प्रसारित करेंगे। इसमें ट्रंप के दो उग्र समर्थकों मैट गेट्ज और मरजोरी टेलर ग्रीन को शामिल किया जाएगा। कुछ ही रोज पहले ट्विटर ने ग्रीन के अकाउंट को स्थायी रूप से निलंबित कर दिया था। गेट्ज और ग्रीन दोनों हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव के सदस्य हैं।

हमला करने वाले लोगों का महिमामंडन
बेनॉन ने वेबसाइट एक्सियोस.कॉम को बताया कि उनके पॉडकास्ट में डैरन बिटी भी शामिल होंगे। कैपिटॉल हिल पर टीवी चैनल फॉक्स न्यूज के हॉस्ट टकर कार्लसन ने एक विवादित डॉक्यूमेंट्री बनाई थी। बिटी उसमें एक महत्त्वपूर्ण किरदार थे। समझा जाता है कि इस पॉडकास्ट में कैपिटल हिल पर हमला करने वाले लोगों का महिमामंडन किया जाएगा। बेनॉन और उनके पॉडकास्ट में शामिल होने वाले तीनों व्यक्ति छह जनवरी कांड के सिलसिले में गिरफ्तार लोगों को राजनीतिक बंदी कहते रहे हैं। साथ ही वे उस रोज मारे गए ट्रंप समर्थकों को शहीद बताते रहे हैं।
कैपिटॉल हिल पर हमले की बरसी पर वॉशिंगटन में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उनमें कुछ का आयोजन व्हाइट हाउस और हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव की स्पीकर नैंसी पेलोसी की तरफ से किया गया है। बताया जाता है कि स्टीव बेनॉन ने उन कार्यक्रमों का जवाब देने के लिए ही विशेष पॉडकास्ट प्रसारित करने की योजना बनाई है।
इस बीच छह जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप ने भी प्रेस कांफ्रेंस करने का एलान किया है। ये प्रेस कांफ्रेंस उन्होंने मार-ए-लागो में आयोजित की है, जहां राष्ट्रपति पद से हटने के बाद से वे रह रहे हैं। ट्रंप के एक सूत्र ने पत्रकारों को बताया कि प्रेस कांफ्रेंस में ट्रंप छह जनवरी कांड की चल रही जांच की कड़ी आलोचना करेंगे। साथ ही वे अपना ये आरोप दोहराएंगे कि 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में वे विजयी हुए थे, जबकि धांधली से उन्हें हरा दिया गया।
जनमत सर्वेक्षणों में हिंसा का समर्थन
इस बीच छह जनवरी से ठीक पहले अमेरिकी मीडिया में कई जनमत सर्वेक्षण प्रकाशित किए गए हैं। इनसे देश में राजनीतिक खाई और चौड़ी होने और हिंसा के लिए समर्थन बढ़ने के संकेत मिले हैं। अखबार वाशिंगटन पोस्ट और यूनिवर्सिटी ऑफ मेरीलैंड के एक साझा सर्वे के मुताबिक एक तिहाई लोगों ने सरकार के खिलाफ हिंसा का सहारा लेने को उचित ठहराया। वाशिंगटन पोस्ट ने अपनी टिप्पणी में लिखा है- ये सर्वे अमेरिकी इतिहास के इस उथल-पुथल भरे दौर में लोगों के बने मनोविज्ञान की झलक देता है।
उधर सीबीएस-यू गोव के एक सर्वे में 68 फीसदी लोगों ने कहा कि पिछले साल छह जनवरी को हुई घटना देश में बढ़ रही राजनीतिक हिंसा का ही हिस्सा थी। इस सर्वे में 66 फीसदी लोगों ने राय जताई कि अमेरिकी लोकतंत्र खतरे में है। 62 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें अगले राष्ट्रपति चुनाव में पराजित पक्ष की तरफ से हिंसा होने का अंदेशा है। पिछले साल छह जनवरी को ट्रंप समर्थक भीड़ ने कैपिटॉल हिल पर हमला बोल दिया था।