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Britain: इंग्लैंड में भारतीय मूल के तीन लोगों को हुई 45 साल की जेल, एक व्यवसायी के अपहरण में पाए गए दोषी

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, लंदन Published by: Jeet Kumar Updated Sat, 15 Jul 2023 05:45 PM IST
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सार

ब्रिटेन में भारतीय मूल के तीन लोगों को करीब 45 साल की जेल की सजा सुनाई गई है। तीनों पर इंग्लैंड के वेस्ट मिडलैंड्स क्षेत्र के वॉल्वरहैम्प्टन सिटी सेंटर में एक व्यवसायी के अपहरण का आरोप लगा है।

Three Indian origin men jailed for kidnapping businessman for ransom in UK
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : फाइल फोटो
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ब्रिटेन में भारतीय मूल के तीन लोगों को करीब 45 साल की जेल की सजा सुनाई गई है। तीनों पर इंग्लैंड के वेस्ट मिडलैंड्स क्षेत्र के वॉल्वरहैम्प्टन सिटी सेंटर में एक व्यवसायी के अपहरण का आरोप लगा है। जिनमें दो सगे भाई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, बलजीत बाघराल, उनके भाई डेविड बाघराल और शानू ने पिछले साल नवंबर में काम से लौट रहे एक व्यक्ति को अपनी कार में घात लगाकर अपहरण कर लिया था जिसमें वह दोषी पाए गए हैं।

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रिपोर्ट के अनुसार, तीनों ने व्यवसायी को एक वैन में डाल दिया और उसके हाथ बांध दिए और आंखों पर पट्टी बांधकर एक दुकान में ले गए, जहां उन्होंने उससे मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी और उसके सिर पर बंदूक रख दी। पिछले महीने वॉल्वरहैम्प्टन क्राउन कोर्ट में सुनवाई के बाद तीनों को दोषी पाया और इस हफ्ते बाघराल बंधुओं को 16-16 साल की जेल की सजा सुनाई गई और उनके साथी को 13 साल और चार महीने की सजा सुनाई गई।
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वॉल्वरहैम्प्टन क्राउन कोर्ट की मेजर क्राइम टीम के कॉन्स्टेबल डैन डेविड ने कहा कि इन लोगों ने पीड़ित को घंटों तक भयानक यातना दी और उसे मारा गया और जान से मारने की धमकी थी। उन्होंने कहा कि उन्होंने बड़ी रकम ऐंठने के एकमात्र उद्देश्य से इस क्राइम की योजना बनाई थी, लेकिन इसके बजाय अब उन्हें अपनी जिंदगी जेल में बितानी पड़ रही है।

सजा का एलान उनके द्वारा कृत्यों को देखते हुए किया गया। मुकदमे में सुना गया कि कैसे पीड़ित को कई घंटों तक बंदी बनाकर रखा गया था और उन्होंने उसे तब तक बंधक बनाकर रखा जब तक कि पीड़ित का एक सहकर्मी फिरौती के रूप में 19,000 जीबीपी एक बस स्टॉप पर नहीं पहुंच गया। 

उसका काम तभी समाप्त हुआ जब उन लोगों ने अपने एक सहकर्मी को फिरौती के रूप में बस स्टॉप पर एक बैग में 19,000 जीबीपी छोड़ने के लिए राजी किया। फिर उन लोगों ने पीड़ित को वैन में छोड़ दिया, उनके चंगुल से बाहर निकलने के बाद वह पुलिस को फोन करने में कामयाब रहा। 

सीसीटीवी, वैन की नंबर प्लेट और मोबाइल फोन डेटा का उपयोग करते हुए वेस्ट मिडलैंड्स पुलिस आरोपियों तक पहुंच गई। डेविड बाघराल को उनके घर से गिरफ्तार किया गया था, जबकि उनके भाई बलजीत को उसी दिन बर्मिंघम हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था। वहीं शानू को कुछ दिनों बाद हीथ्रो हवाई अड्डे पर गिरफ्तार कर लिया गया था जो कि अमेरिका भागने की कोशिश कर रहा था।

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