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Donald Trump: 'व्यापार और टैरिफ की धमकी से खत्म कराया भारत-पाकिस्तान संघर्ष', ट्रंप ने फिर अलापा राग
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वॉशिंगटन
Published by: पवन पांडेय
Updated Thu, 09 Oct 2025 02:43 PM IST
सार
Trump On India-PAK Conflict: अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की तरफ से भारत-पाकिस्तान संघर्षविराम को लेकर एक बार फिर दावा किया गया है कि उन्होंने व्यापार और टैरिफ धमकी से दोनों देशों के बीच शांंति स्थापित की है। 10 मई 2025 को हुए संघर्षविराम के बाद लगभग 20 से अधिक बार उनकी तरफ से ये दावा किया जा चुका है।
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डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिकी राष्ट्रपति
- फोटो : ANI
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विस्तार
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव को खत्म करवाने में अहम भूमिका निभाई। ट्रंप का कहना है कि उन्होंने दोनों देशों को बड़े व्यापारिक प्रतिबंधों और भारी टैरिफ लगाने की धमकी दी थी, जिसके बाद ही लड़ाई रुकी। एक समाचार चैनल को दिए इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा, 'मेरी ताकत व्यापार और टैरिफ का इस्तेमाल है। इससे लाखों जिंदगियां बचाई जा सकती हैं। मैंने सात शांति समझौते कराए, जिनमें से पांच में व्यापारिक दबाव से ही देशों को लड़ाई रोकनी पड़ी।'
यह भी पढ़ें - North Korea: किम जोंग की पार्टी के 80 साल, गुप्त परेड की तैयारी और बड़े नेताओं की मौजदूगी; क्या है पूरी योजना?
'मैंने 24 घंटे में समझौता करा दिया'
उन्होंने उदाहरण के तौर पर भारत-पाकिस्तान का नाम लिया। ट्रंप के मुताबिक, उन्होंने दोनों देशों को चेतावनी दी कि अगर वे लड़ाई बंद नहीं करेंगे तो अमेरिका उनके साथ कोई व्यापार नहीं करेगा और उन पर भारी टैरिफ लगाएगा। ट्रंप ने कहा, 'मैंने कहा- हम किसी से भी व्यापार नहीं करेंगे, अगर तुम लोग झगड़ा बंद नहीं करते। दोनों परमाणु देश हैं। सात विमान गिराए गए थे, हालात बहुत गर्म थे। मैंने 24 घंटे में समझौता करा दिया और लड़ाई रुक गई।'
भारत-पाकिस्तान संघर्ष और संघर्षविराम
भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। इस सैन्य अभियान में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाया गया था। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। दोनों देशों के बीच चार दिन तक ड्रोन और मिसाइल से हमले किए गए। आखिर 10 मई को भारत और पाकिस्तान के सैन्य अफसरों (डीजीएमओ) के बीच बातचीत हुई और दोनों पक्षों ने संघर्ष विराम पर सहमति जताई। भारत ने हमेशा कहा है कि यह समझौता दोनों देशों की सीधी बातचीत से हुआ था, किसी तीसरे देश की मध्यस्थता से नहीं।
संघर्ष विराम कराने का ट्रंप का दावा जारी
इसके बावजूद ट्रंप लगातार दावा कर रहे हैं कि यह शांति समझौता उनके दबाव की वजह से हुआ। उन्होंने कहा, 'मैंने भारत और पाकिस्तान दोनों से कहा, अगर तुम नहीं माने तो हम तुम्हारे साथ व्यापार बंद कर देंगे। हम भारी टैरिफ लगाएंगे। और अगले ही दिन समझौता हो गया।' राष्ट्रपति ट्रंप ने आगे कहा कि उन्होंने सिर्फ भारत और पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि कई अन्य देशों में भी शांति स्थापित करने में भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि उन्होंने सात जगहों पर 'युद्ध खत्म' करवाया, इसमें उन्होंने भारत और पाकिस्तान के साथ-साथ कंबोडिया और थाईलैंड, कोसोवो और सर्बिया, कांगो और रवांडा, इस्राइल और ईरान, मिस्र और इथियोपिया, अर्मेनिया और अजरबैजान का संघर्ष विराम शामिल हैं। ट्रंप ने मध्य पूर्व में शांति प्रयासों को ऐतिहासिक उपलब्धि बताया और कहा कि हमास और इस्राइल के बीच लड़ाई रोकना पूरे अरब जगत और अमेरिका के लिए बड़ी बात है।
यह भी पढ़ें - ट्रंप की योजना से गाजा में संघर्ष विराम तय: बंदियों की रिहाई से लेकर बमबारी पर रोक तक, जानें समझौते में क्या?
संघर्षविराम पर भारत की आधिकारिक स्थिति
भारत ने बार-बार साफ किया है कि पाकिस्तान के साथ युद्धविराम किसी तीसरे देश के दबाव या मध्यस्थता से नहीं, बल्कि दोनों देशों की सीधी बातचीत से हुआ था। लेकिन ट्रंप लगातार दावा करते रहे हैं कि उनके 'व्यापारिक दबाव' से ही हालात शांत हुए। ट्रंप के इस हालिया बयान पर अभी तक भारत की तरफ से प्रतिक्रिया नहीं आयी है।
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'मैंने 24 घंटे में समझौता करा दिया'
उन्होंने उदाहरण के तौर पर भारत-पाकिस्तान का नाम लिया। ट्रंप के मुताबिक, उन्होंने दोनों देशों को चेतावनी दी कि अगर वे लड़ाई बंद नहीं करेंगे तो अमेरिका उनके साथ कोई व्यापार नहीं करेगा और उन पर भारी टैरिफ लगाएगा। ट्रंप ने कहा, 'मैंने कहा- हम किसी से भी व्यापार नहीं करेंगे, अगर तुम लोग झगड़ा बंद नहीं करते। दोनों परमाणु देश हैं। सात विमान गिराए गए थे, हालात बहुत गर्म थे। मैंने 24 घंटे में समझौता करा दिया और लड़ाई रुक गई।'
भारत-पाकिस्तान संघर्ष और संघर्षविराम
भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। इस सैन्य अभियान में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाया गया था। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। दोनों देशों के बीच चार दिन तक ड्रोन और मिसाइल से हमले किए गए। आखिर 10 मई को भारत और पाकिस्तान के सैन्य अफसरों (डीजीएमओ) के बीच बातचीत हुई और दोनों पक्षों ने संघर्ष विराम पर सहमति जताई। भारत ने हमेशा कहा है कि यह समझौता दोनों देशों की सीधी बातचीत से हुआ था, किसी तीसरे देश की मध्यस्थता से नहीं।
संघर्ष विराम कराने का ट्रंप का दावा जारी
इसके बावजूद ट्रंप लगातार दावा कर रहे हैं कि यह शांति समझौता उनके दबाव की वजह से हुआ। उन्होंने कहा, 'मैंने भारत और पाकिस्तान दोनों से कहा, अगर तुम नहीं माने तो हम तुम्हारे साथ व्यापार बंद कर देंगे। हम भारी टैरिफ लगाएंगे। और अगले ही दिन समझौता हो गया।' राष्ट्रपति ट्रंप ने आगे कहा कि उन्होंने सिर्फ भारत और पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि कई अन्य देशों में भी शांति स्थापित करने में भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि उन्होंने सात जगहों पर 'युद्ध खत्म' करवाया, इसमें उन्होंने भारत और पाकिस्तान के साथ-साथ कंबोडिया और थाईलैंड, कोसोवो और सर्बिया, कांगो और रवांडा, इस्राइल और ईरान, मिस्र और इथियोपिया, अर्मेनिया और अजरबैजान का संघर्ष विराम शामिल हैं। ट्रंप ने मध्य पूर्व में शांति प्रयासों को ऐतिहासिक उपलब्धि बताया और कहा कि हमास और इस्राइल के बीच लड़ाई रोकना पूरे अरब जगत और अमेरिका के लिए बड़ी बात है।
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संघर्षविराम पर भारत की आधिकारिक स्थिति
भारत ने बार-बार साफ किया है कि पाकिस्तान के साथ युद्धविराम किसी तीसरे देश के दबाव या मध्यस्थता से नहीं, बल्कि दोनों देशों की सीधी बातचीत से हुआ था। लेकिन ट्रंप लगातार दावा करते रहे हैं कि उनके 'व्यापारिक दबाव' से ही हालात शांत हुए। ट्रंप के इस हालिया बयान पर अभी तक भारत की तरफ से प्रतिक्रिया नहीं आयी है।