दावा: फोन पर 35 मिनट बात, भारत-PAK के बीच मध्यस्थता व US के आमंत्रण पर PM ने दिया जवाब; फिर बदले ट्रंप के तेवर
India-US Tension: भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ के मुद्दे पर उपजे हाालिया तनाव के बीच एक चौंकाने वाला दावा सामने आया है। इस खबर के मुताबिक पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच विगत जून में 35 मिनट का फोन कॉल हुआ। इसी के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति के तेवर बदल गए। पीएम मोदी जब जी-7 देशों के शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए कनाडा गए थे, इसी दौरान ट्रंप ने उन्हें फोन किया था। जानिए क्या है पूरा मामला

विस्तार
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में इसी साल 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने 6-7 मई को ऑपरेशन सिंदूर चलाया। पाकिस्तानी आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद करने की इस कार्रवाई के बाद दोनों देशों के बीच चार दिन तक हिंसक संघर्ष चला। 10 मई की शाम भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम समझौता हुआ। हालांकि, इस मामले में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने दावों को लेकर लगातार चर्चा में बने हुए हैं। भारत की तरफ से खंडन के बावजूद वे 30 से अधिक बार दावा कर चुके हैं कि भारत-पाकिस्तान सशस्त्र संघर्ष को खत्म कराने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई है। उनके इस दावे पर भारत ने नाराजगी जताई और कहा, भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर का कारण सैन्य महानिदेशक (DGMO) स्तर पर हुई सीधी बातचीत है। इसमें किसी तीसरे देश की भूमिका नहीं थी।

मोदी-ट्रंप के बीच फोन कॉल
एक अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बीते 17 जून को पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच 35 मिनट की फोन बातचीत हुई। इस दौरान पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के मामले में भारत किसी भी तीसरे देश की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करता। यह कॉल तब हुई जब ट्रंप कनाडा से अमेरिका लौट गए थे और पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर को व्हाइट हाउस में लंच पर बुलाया था। इसका भारत ने विरोध भी किया था। इस फोन कॉल के बाद अमेरिका का रुख बदल गया और ट्रंप ने भारत पर सार्वजनिक रूप से तीखे बयान देने शुरू कर दिए। इस हफ्ते उन्होंने भारतीय निर्यात पर 50% टैरिफ लगाने का एलान किया, जिसमें आधा हिस्सा रूस से तेल खरीदने पर दंड के रूप में है। यही नहीं ट्रंप ने भारत की अर्थव्यवस्था को 'मृत' और व्यापार बाधाओं को 'घृणास्पद' बताया था।
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भारत की प्रतिक्रिया और आगे की रणनीति
भारत ने अमेरिकी टैरिफ को 'अनुचित और अव्यावहारिक' बताया, लेकिन फिलहाल कोई पलटवार नहीं करने का फैसला लिया है। सरकार कृषि और डेयरी सेक्टर में कुछ रियायतें देकर समझौते की कोशिश कर सकती है, साथ ही रूस के साथ पुराने रिश्तों को और मजबूत करने पर भी विचार कर रही है।
चीन के साथ बढ़ते कूटनीतिक संपर्क
विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप की सख्त नीति भारत को रूस और चीन के करीब ला सकती है। पीएम मोदी इस महीने चीन की यात्रा पर जाएंगे और राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे, जो बदलते भू-राजनीतिक समीकरण का संकेत है।
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दुनियाभर के देशों पर ट्रंप ने क्यों लगाया टैरिफ?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से दुनियाभर के तमाम देशों पर लगाए गए टैरिफ का विरोध अब उनके देश में भी होने लगा है। कुछ अर्थशास्त्रियों ने कहा है कि टैरिफ से अमेरिका में महंगाई बढ़ेगी। इस सबके बीच डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ को लेकर चेतावनी भी दी है। उन्होंने कहा कि अगर टैरिफ को हटाया जाता है तो अमेरिका में 1929 जैसी महामंदी आ सकती है। ट्रंप को अंदेशा है कि अमेरिकी अदालतें भी टैरिफ पर रोक लगा सकती हैं।
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