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Uganda: इबोला के कारण नर्स की मौत के बाद युगांडा में वैक्सीन परीक्षण शुरू, 2000 से अधिक खुराक बनाने की तैयारी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला
Published by: श्वेता महतो
Updated Sun, 02 Feb 2025 06:39 PM IST
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सार
युगांडा को कई बार इबोला के प्रकोप का सामना करना पड़ा है। इसमें साल 2000 में हुआ एक प्रकोप भी शामिल है, जिसमें सैंकड़ों लोगों की मौत हो गई थी।

सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : PTI
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विस्तार
युगांडा में इबोला के प्रकोप को रोकने के प्रयासों के तहत परीक्षण टीका लगाने की तैयारी चल रही है। एक स्वास्थ्य अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। युगांडा वायरस रिसर्च इंस्टीट्यूट के कार्यकारी निदेशक पोंटियानो कलीबू ने कहा कि कई वैज्ञानिक इबोला के सूडान वैरिएंट के खिलाफ टीके की 2,000 से अधिक खुराक बनाने के लिए रिसर्च प्रोटोकॉल बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी आवश्यक विनियामक अनुमोदन प्राप्त करने के लिए प्रोटोकॉल में तेजी लाई जा रही है। इस टीके को अभी तक लाइसेंस नहीं मिला है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक बयान में बताया कि प्रकोप के प्रति युगांडा की परीक्षण टीके में 2,160 खुराक शामिल हैं। बयान में आगे कहा गया, निगरानी टीम के साथ काम करने के लिए रिसर्च टीमों को क्षेत्र में तैनात किया गया है। इबोला के सूडान स्ट्रेन के लिए कोई स्वीकृत टीके नहीं हैं। इस संक्रमण के कारण कंपाला के मुख्य रेफरल अस्पताल में कार्यरत एक नर्स की मौत हो गई। उनकी मौत के बाद अधिकारियों ने अगले दिन महामारी की घोषणा कर दी। अधिकारी फिलाहल प्रकोप के स्त्रोत की जांच कर रहे हैं।
सितंबर 2022 में इबोला के प्रकोप से 55 लोगों की मौत हो गई थी। उस दौरान इबोला के प्रकोप की समाप्ति के बाद अधिकारियों को वैक्सीन तक पहुंच प्राप्त हुई थी। हालांकि, उस समय अधिकारियों के पास वैक्सिन का अध्ययन शुरू करने के लिए समय नहीं बचा था। rVSV-ZEBOV के नाम से जाना जाने वाला एक परीक्षण टीका का इस्तेमाल 2018 और 2020 के बीच पूर्वी कांगो में इबोला के जैरे वैरिएंट के प्रकोप के दौरान तीन हजार लोगों को टीका लगाने के लिए किया गया था। हालांकि, यह टीका संक्रमण के प्रसार को रोकने में प्रभावी साबित हुआ था।
युगांडा को कई बार इबोला के प्रकोप का सामना करना पड़ा है। इसमें साल 2000 में हुआ एक प्रकोप भी शामिल है, जिसमें सैंकड़ों लोगों की मौत हो गई थी। 2014-16 में पश्चिम अफ्रीका में इबोला के प्रकोप से 11,000 से अधिक लोग मारे गए थे।

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विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक बयान में बताया कि प्रकोप के प्रति युगांडा की परीक्षण टीके में 2,160 खुराक शामिल हैं। बयान में आगे कहा गया, निगरानी टीम के साथ काम करने के लिए रिसर्च टीमों को क्षेत्र में तैनात किया गया है। इबोला के सूडान स्ट्रेन के लिए कोई स्वीकृत टीके नहीं हैं। इस संक्रमण के कारण कंपाला के मुख्य रेफरल अस्पताल में कार्यरत एक नर्स की मौत हो गई। उनकी मौत के बाद अधिकारियों ने अगले दिन महामारी की घोषणा कर दी। अधिकारी फिलाहल प्रकोप के स्त्रोत की जांच कर रहे हैं।
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सितंबर 2022 में इबोला के प्रकोप से 55 लोगों की मौत हो गई थी। उस दौरान इबोला के प्रकोप की समाप्ति के बाद अधिकारियों को वैक्सीन तक पहुंच प्राप्त हुई थी। हालांकि, उस समय अधिकारियों के पास वैक्सिन का अध्ययन शुरू करने के लिए समय नहीं बचा था। rVSV-ZEBOV के नाम से जाना जाने वाला एक परीक्षण टीका का इस्तेमाल 2018 और 2020 के बीच पूर्वी कांगो में इबोला के जैरे वैरिएंट के प्रकोप के दौरान तीन हजार लोगों को टीका लगाने के लिए किया गया था। हालांकि, यह टीका संक्रमण के प्रसार को रोकने में प्रभावी साबित हुआ था।
युगांडा को कई बार इबोला के प्रकोप का सामना करना पड़ा है। इसमें साल 2000 में हुआ एक प्रकोप भी शामिल है, जिसमें सैंकड़ों लोगों की मौत हो गई थी। 2014-16 में पश्चिम अफ्रीका में इबोला के प्रकोप से 11,000 से अधिक लोग मारे गए थे।