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UK: नोएडा में फ्रॉड कॉल सेंटर के भंडाफोड़ पर ब्रिटेन ने सीबीआई की सराहना की; लंदन-ऑस्ट्रेलिया तक फैला था जाल

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, लंदन Published by: पवन पांडेय Updated Fri, 11 Jul 2025 10:19 PM IST
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सार

सीबीआई ने सात जुलाई को एक ऑपरेशन के तहत नोएडा में तीन स्थानों पर छापेमारी की थी। इसमें नोएडा के विशेष आर्थिक क्षेत्र में मौजूद एक धोखाधड़ी कॉल सेंटर भी शामिल है। ऑपरेशन चक्र-V के तहत की गई इस कार्रवाई की ब्रिटेन ने जमकर सराहना की है।

UK hails ‘groundbreaking collaboration’ with CBI to bust Noida fraud call centre
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : ANI
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विस्तार
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ब्रिटेन की नेशनल क्राइम एजेंसी (एनसीए) ने भारत की केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) और अमेरिका की एफबीआई (एफबीआई) के साथ मिलकर नोएडा में चल रहे एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। इस कॉल सेंटर से ब्रिटेन और अमेरिका के लोगों को निशाना बनाकर लाखों पाउंड की ठगी की गई थी।
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माइक्रोसॉफ्ट की सूचना से शुरू हुई जांच
इस अंतरराष्ट्रीय जांच की शुरुआत पिछले साल हुई थी जब माइक्रोसॉफ्ट ने अमेरिका में अपने तकनीकी विशेषज्ञों के जरिए एक संदिग्ध गतिविधि की जानकारी दी। यह जानकारी अमेरिका में मौजूद एनसीए के इंटरनेशनल ऑफिसर्स को मिली, जिन्होंने इसे ब्रिटेन की एक्शन फ्रॉड रिपोर्ट्स से मिलाया। इसके बाद सीबीआई, एनसीए और एफबीआई के बीच आपसी सूचनाओं का आदान-प्रदान हुआ, जिससे जांच को आगे बढ़ाया गया।
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यह भी पढ़ें - CBI: अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट पर सीबीआई की कार्रवाई, नोएडा के कॉल सेंटर से ब्रिटेन-ऑस्ट्रेलिया में हो रही थी ठगी

दो लोगों को किया गया था गिरफ्तार
सीबीआई की त्वरित कार्रवाई के बाद दो लोगों को नोएडा से गिरफ्तार किया गया। जांच में सामने आया कि इस गैंग ने ब्रिटेन में 100 से अधिक लोगों को धोखा दिया था। उनसे कहा गया कि उनके कंप्यूटर में वायरस या हैकिंग हो गई है, जिसे ठीक करने के लिए माइक्रोसॉफ्ट के कर्मचारी उनसे शुल्क मांगते थे। असल में ये लोग माइक्रोसॉफ्ट से जुड़े नहीं थे, बल्कि ठग थे।

ब्रिटेन में 3.9 लाख पाउंड की ठगी
केवल ब्रिटेन में इस गिरोह ने अब तक करीब 3.9 लाख पाउंड (लगभग 4 करोड़ रुपये) की ठगी की है। ठगों ने फर्जी स्क्रीन पॉप-अप और कॉल्स के जरिए लोगों को डराया और फिर उनसे पैसे वसूले।जानकारी के मुताबिक, ठगों ने अपनी पहचान छिपाने के लिए स्पूफ्ड कॉल्स, इंटरनेट टेलीफोन (VoIP), और कई देशों के सर्वरों का इस्तेमाल किया, जिससे कॉल्स को ट्रेस करना मुश्किल हो जाए।

अंतरराष्ट्रीय सहयोग से मिली सफलता
एनसीए के डिप्टी डायरेक्टर निक शार्प ने कहा, 'यह सफलता इस बात को साबित करती है कि जब दुनिया की एजेंसियां और निजी कंपनियां मिलकर काम करती हैं, तो हम कहीं भी बैठे अपराधियों तक पहुंच सकते हैं।' वहीं माइक्रोसॉफ्ट के डिजिटल क्राइम्स यूनिट के कानूनी सलाहकार स्टीवन मसादा ने कहा, 'तकनीकी फ्रॉड को रोकने के लिए सरकारी और निजी क्षेत्रों का मिलकर काम करना जरूरी है। तभी हम ऐसे रैकेट को खत्म कर सकते हैं।'

यह भी पढ़ें - US-Iran Talks: 'ट्रंप बदलें अपना व्यवहार और वार्ता के मंच पर...', ईरानी मंत्री ने अमेरिका से मांगी ये गारंटी

भारत दौरे में दी गई थी सीबीआई को जानकारी
इस साल की शुरुआत में एनसीए के अधिकारियों ने भारत का दौरा किया था, जहां सीबीआई को इस गिरोह की गतिविधियों की जानकारी दी गई थी। तभी से कार्रवाई तेज की गई। इस मामले में ब्रिटेन के फ्रॉड मामलों के मंत्री लॉर्ड डेविड हैंसन ने कहा, फ्रॉड एक वैश्विक समस्या है, जिसे केवल अंतरराष्ट्रीय सहयोग से ही हल किया जा सकता है। मैं अमेरिका और भारत की एजेंसियों को इस अहम सहयोग के लिए धन्यवाद देता हूं।
 
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