UN: 'पाकिस्तान में गायब किए जा रहे लोग', यूएन में पीओके के सामाजिक कार्यकर्ता ने ही खोली पोल; कार्रवाई की मांग
अपनी काली करतूतों से बाज नहीं आ रहे पाकिस्तान को एक बार फिर वैश्विक मंच पर फजीहत का सामना करना पड़ा। यूएनएचआरसी के 60वें सत्र के दौरान एक कार्यक्रम में पाकिस्तान पर फिर गंभीर आरोप लगे। पीओके और खैबर पख्तूनख्वा के कार्यकर्ताओं ने बताया कि हजारों लोग जबरन गायब हैं। इस मामले में अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कार्रवाई की मांग भी की गई है।
विस्तार
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में एक बार फिर पाकिस्तान की किरकिरी हुई है। इस बार उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग खुद पीओके के राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने की। ये पूरा मामला तब का है जब मानवाधिकार और शांति के लिए काम करने वाले संगठन मानवाधिकार एवं शांति वकालत केंद्र ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) के 60वें सत्र के दौरान एक साइड इवेंट का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का शीर्षक था पाकिस्तान में जबरन गायब किए गए लोग के लिए आवाज उठाना। उनके लिए न्याय की मांग और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कार्रवाई की मांग।
बता दें कि इस कार्यक्रम में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) के राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया और वहां हो रहे मानवाधिकार उल्लंघनों पर चिंता जताई। वक्ताओं ने कहा कि पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर लोगों को जबरन गायब किया जा रहा है, उन्हें बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के मार दिया जाता है या जेलों में रखा जाता है।
6,500 पश्तूनों के जबरन गायब होने के मामले
कार्यक्रम के दौरान पश्तून तहफुज मूवमेंट (पीटीएम) के सदस्य और कार्यकर्ता फजल-उर-रहमान अफरीदी ने बताया कि पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में पीटीएम के कार्यकर्ता और आम लोग लगातार गायब किए जा रहे हैं, उन पर अत्याचार हो रहा है और उन्हें मारा जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमने हाल ही में केवल पश्तून समुदाय के 6,500 जबरन गायब किए गए मामलों को संयुक्त राष्ट्र को सौंपा है। इसके अलावा सिंधी और बलूच लोगों के भी हजारों मामले हैं। पाकिस्तान सरकार पीटीएम को आतंकवादी बताकर हम पर अत्याचार कर रही है।
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पीओजेके में प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी के मामले
इस दौरान संयुक्त राष्ट्र में पीओजेके में पाकिस्तानी सरकार की बर्बरता के भी मामले में शिकायत की गई। पीओजेके के निर्वासित कार्यकर्ता नासिर अजीज खान, जो यूनाइटेड कश्मीर पीपल्स नेशनल पार्टी के प्रवक्ता हैं, ने बताया कि 27 सितंबर को अवामी एक्शन कमेटी द्वारा किए गए शांतिपूर्ण प्रदर्शनों पर पाकिस्तान रेंजर्स ने अंधाधुंध गोली चलाई, जिसमें कई लोग मारे गए।
नागरिकों की सुरक्षा के लिए हस्तक्षेप की अपील
उन्होंने कहा कि 29 सितंबर से अब तक दस से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया गया है और जेलों में यातनाएं दी जा रही हैं। पाकिस्तान 1947 से पीओजेके के संसाधनों का शोषण कर रहा है। उन्होंने यून से अपील की कि वहां के नागरिकों की सुरक्षा के लिए हस्तक्षेप करें।
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सिंध और अन्य क्षेत्रों से भी उठी आवाज
इसके साथ ही विश्व सिंधी कांग्रेस के कार्यकर्ता कमरान जटोई ने बताया कि सिंध में जो लोग सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाते हैं, उन्हें भी जबरन उठा लिया जाता है। उन्होंने खास तौर पर सिंध में इंडस नदी पर बनाए जा रहे नहर प्रोजेक्ट का विरोध करने वालों के अपहरण की बात कही और पाकिस्तान की आतंकवाद-निरोधी अदालतों के दुरुपयोग पर सवाल उठाए।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप पर जोर
हालांकि इन मामलों को सुनने के बाद ग्लोबल सेंटर फॉर डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अध्यक्ष और कनाडा के पूर्व सांसद डॉ हबीब मिल्लत ने कहा कि जबरन गायब किया जाना एक गंभीर मानवाधिकार मुद्दा है और इस पर वैश्विक स्तर पर कार्रवाई जरूरी है। इस कार्यक्रम का समापन एक सामूहिक अपील के साथ हुआ, जिसमें अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पाकिस्तान पर दबाव बनाने, जवाबदेही तय करने और मानवाधिकारों की रक्षा करने की मांग की गई।