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UNHRC: मानवाधिकार परिषद में बेइज्जत हुआ पाकिस्तान, भारत ने झूठे आरोपों पर खोली पोल; कश्मीर पर भी सुनाई खरी-खरी
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, जिनेवा
Published by: हिमांशु चंदेल
Updated Fri, 03 Oct 2025 04:27 PM IST
सार
भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में पाकिस्तान को कड़ा जवाब दिया। भारत ने कहा कि पाकिस्तान का खुद का मानवाधिकार रिकॉर्ड बेहद खराब है और वह अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को छुपाने के लिए भारत पर झूठे आरोप लगाता है।
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यूएनएचआरसी
- फोटो : एएनआई
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विस्तार
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) के 60वें सत्र में भारत ने पाकिस्तान पर करारा प्रहार किया। भारत ने कहा कि पाकिस्तान, जिसका मानवाधिकार रिकॉर्ड दुनिया में सबसे खराब है, उसे दूसरों पर उंगली उठाने के बजाय अपने यहां राज्य प्रायोजित हिंसा और अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों पर ध्यान देना चाहिए।
जिनेवा में भारत के स्थायी मिशन के काउंसलर के एस मोहम्मद हुसैन ने कहा कि यह विडंबना है कि पाकिस्तान जैसा देश, जो खुद मानवाधिकार उल्लंघनों का गढ़ है, वह दूसरों को सीख देने की कोशिश करता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान द्वारा इस मंच का दुरुपयोग कर भारत पर लगाए गए आरोप केवल उसकी पाखंडी राजनीति को उजागर करते हैं।
पाकिस्तान की पोल खोली
भारत ने पाकिस्तान को आईना दिखाते हुए कहा कि वह बार-बार झूठे आरोप लगाकर अपने देश के भीतर चल रहे गंभीर मानवाधिकार उल्लंघनों से ध्यान हटाने की कोशिश करता है। भारत ने कहा कि पाकिस्तान में धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों पर अत्याचार किसी से छिपे नहीं हैं। ऐसे में, उसका रवैया केवल दोहरेपन और ढोंग को दर्शाता है।
ये भी पढ़ें- 'विजय अहंकारी और पैसों के भूखे', सीएम स्टालिन का आरोप- करूर भगदड़ पर राजनीति कर रही भाजपा
कश्मीर मुद्दे पर भारत का दो टूक
हुसैन ने सीधे नाम लिए बिना पाकिस्तान को जवाब दिया। दरअसल, भारत से पहले पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दा उठाने की कोशिश की थी। इस पर भारत ने साफ कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का था, है और हमेशा भारत का अभिन्न हिस्सा ही रहेगा। भारत ने दोहराया कि पाकिस्तान इस तरह के दुष्प्रचार से अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह नहीं कर सकता।
भारत की मानवाधिकारों के प्रति प्रतिबद्धता
भारत ने स्पष्ट किया कि वह अपने नागरिकों को मानवाधिकारों का पूरा लाभ दिलाने के लिए सतत काम कर रहा है। हुसैन ने कहा कि भारत सतत विकास और समान अवसर सुनिश्चित करने की दिशा में गंभीरता से प्रयासरत है। भारत के मुताबिक, मानवाधिकारों की रक्षा केवल शब्दों तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि वास्तविक क्रियान्वयन होना जरूरी है।
ये भी पढ़ें- 'पाकिस्तान में 300 किलोमीटर भीतर हमला किया, दुनिया को हमसे सीखना चाहिए', IAF प्रमुख का बड़ा बयान
विएना घोषणा का हवाला
अपने संबोधन में भारत ने 1993 में मानवाधिकार सम्मेलन के बाद अपनाई गई विएना घोषणा और कार्ययोजना (वीडीपीए) का जिक्र किया। भारत ने कहा कि यह दस्तावेज वैश्विक स्तर पर मानवाधिकारों की सुरक्षा और संवर्धन की दिशा में अहम भूमिका निभाता है। भारत ने सभी देशों से अपील की कि वे इस घोषणा के आदर्शों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराएं।
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पाकिस्तान की पोल खोली
भारत ने पाकिस्तान को आईना दिखाते हुए कहा कि वह बार-बार झूठे आरोप लगाकर अपने देश के भीतर चल रहे गंभीर मानवाधिकार उल्लंघनों से ध्यान हटाने की कोशिश करता है। भारत ने कहा कि पाकिस्तान में धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों पर अत्याचार किसी से छिपे नहीं हैं। ऐसे में, उसका रवैया केवल दोहरेपन और ढोंग को दर्शाता है।
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कश्मीर मुद्दे पर भारत का दो टूक
हुसैन ने सीधे नाम लिए बिना पाकिस्तान को जवाब दिया। दरअसल, भारत से पहले पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दा उठाने की कोशिश की थी। इस पर भारत ने साफ कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का था, है और हमेशा भारत का अभिन्न हिस्सा ही रहेगा। भारत ने दोहराया कि पाकिस्तान इस तरह के दुष्प्रचार से अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह नहीं कर सकता।
भारत की मानवाधिकारों के प्रति प्रतिबद्धता
भारत ने स्पष्ट किया कि वह अपने नागरिकों को मानवाधिकारों का पूरा लाभ दिलाने के लिए सतत काम कर रहा है। हुसैन ने कहा कि भारत सतत विकास और समान अवसर सुनिश्चित करने की दिशा में गंभीरता से प्रयासरत है। भारत के मुताबिक, मानवाधिकारों की रक्षा केवल शब्दों तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि वास्तविक क्रियान्वयन होना जरूरी है।
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विएना घोषणा का हवाला
अपने संबोधन में भारत ने 1993 में मानवाधिकार सम्मेलन के बाद अपनाई गई विएना घोषणा और कार्ययोजना (वीडीपीए) का जिक्र किया। भारत ने कहा कि यह दस्तावेज वैश्विक स्तर पर मानवाधिकारों की सुरक्षा और संवर्धन की दिशा में अहम भूमिका निभाता है। भारत ने सभी देशों से अपील की कि वे इस घोषणा के आदर्शों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराएं।
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