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India-US Ties: ट्रंप के टैरिफ के बाद पहली बार आमने-सामने होंगे जयशंकर-रुबियो; व्यापार और सुरक्षा पर रहेगा फोकस
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वॉशिंगटन
Published by: हिमांशु चंदेल
Updated Mon, 22 Sep 2025 08:23 AM IST
सार
विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो की मुलाकात आज न्यूयॉर्क में होगी। अमेरिकी एडवाइजरी के मुताबिक बैठक भारतीय समयानुसार रात 8.30 पर होगी। यह मुलाकात ट्रंप द्वारा भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने के बाद दोनों देशों के शीर्ष अधिकारियों की पहली सीधी बातचीत होगी। इसमें व्यापार, रणनीतिक सहयोग और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है।
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एस. जयशंकर और मार्को रुबियो
- फोटो : अमर उजाला ग्राफिक
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विस्तार
संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) की हलचल के बीच भारत और अमेरिका के शीर्ष अधिकारी आज आमने-सामने बैठने जा रहे हैं। अमेरिकी एडवाइजरी के अनुसार, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो की यह बैठक न्यूयॉर्क में भारतीय समयानुसार देर रात करीब 8.30 पर होगी। भारत-अमेरिका रिश्ते बीते कुछ महीने में कई उतार-चढ़ाव से गुजरे हैं, लेकिन दोनों देशों ने हमेशा रिश्तों को आगे बढ़ाने की कोशिश की है।
जयशंकर और रुबियो की यह मुलाकात आने वाले महीनों में व्यापार और कूटनीतिक समीकरण तय करने में अहम भूमिका निभा सकती है। यह बैठक खास इसलिए है क्योंकि ट्रंप सरकार द्वारा भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के बाद यह दोनों देशों के शीर्ष प्रतिनिधियों की पहली सीधी वार्ता होगी। इस कदम से दोनों देशों के बीच व्यापार संतुलन बिगड़ा था और तनाव की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में दोनों पक्षों की कोशिश रहेगी कि बातचीत से हल निकले।
ये भी पढ़ें- टेक-हेल्थकेयर और फाइनेंस में भारतीय सबसे बड़े हिस्सेदार;अर्थव्यवस्था में है 600 अरब डॉलर से अधिक का योगदान
इस साल की तीसरी मुलाकात
यह इस साल दोनों नेताओं की तीसरी आमने-सामने बैठक होगी। जनवरी में जयशंकर ने रुबियो से वॉशिंगटन में क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान पहली बार बैठक की थी। इसके बाद जुलाई में दोनों की मुलाकात फिर वॉशिंगटन में दूसरी क्वाड बैठक में हुई। वहीं, तीसरी मुलाकात यानी आज की चर्चा में व्यापार, सुरक्षा और रणनीतिक सहयोग पर जोर दिए जाने की उम्मीद है।
व्यापार वार्ता की पृष्ठभूमि
भारत और अमेरिका के बीच आज ही अलग से व्यापार वार्ता भी हो रही है। माना जा रहा हैं कि जयशंकर-रुबियो की बैठक इस वार्ता को मजबूती दे सकती है। व्यापार घाटा, निवेश और टैरिफ कटौती जैसे मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। भारत साफ कर चुका है कि टैरिफ का बोझ उसके उद्योग और निर्यातकों पर भारी पड़ रहा है।
ये भी पढ़ें- न्यूयॉर्क पहुंचे अल-शरा, 60 साल बाद पहली बार UNGA की बैठक में शामिल कोई सीरियाई राष्ट्रपति
इस मुलाकात को लेकर यह भी कहा जा रहा है कि बैठक केवल व्यापार तक सीमित नहीं रहेगी। हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा, इस्राइल-फलस्तीन संघर्ष के असर और वैश्विक आपूर्ति शृंखला जैसे मुद्दे भी चर्चा में आ सकते हैं। अमेरिका चाहता है कि भारत उसकी रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करे। वहीं भारत संतुलित दृष्टिकोण बनाए रखना चाहता है।
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जयशंकर और रुबियो की यह मुलाकात आने वाले महीनों में व्यापार और कूटनीतिक समीकरण तय करने में अहम भूमिका निभा सकती है। यह बैठक खास इसलिए है क्योंकि ट्रंप सरकार द्वारा भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के बाद यह दोनों देशों के शीर्ष प्रतिनिधियों की पहली सीधी वार्ता होगी। इस कदम से दोनों देशों के बीच व्यापार संतुलन बिगड़ा था और तनाव की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में दोनों पक्षों की कोशिश रहेगी कि बातचीत से हल निकले।
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इस साल की तीसरी मुलाकात
यह इस साल दोनों नेताओं की तीसरी आमने-सामने बैठक होगी। जनवरी में जयशंकर ने रुबियो से वॉशिंगटन में क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान पहली बार बैठक की थी। इसके बाद जुलाई में दोनों की मुलाकात फिर वॉशिंगटन में दूसरी क्वाड बैठक में हुई। वहीं, तीसरी मुलाकात यानी आज की चर्चा में व्यापार, सुरक्षा और रणनीतिक सहयोग पर जोर दिए जाने की उम्मीद है।
व्यापार वार्ता की पृष्ठभूमि
भारत और अमेरिका के बीच आज ही अलग से व्यापार वार्ता भी हो रही है। माना जा रहा हैं कि जयशंकर-रुबियो की बैठक इस वार्ता को मजबूती दे सकती है। व्यापार घाटा, निवेश और टैरिफ कटौती जैसे मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। भारत साफ कर चुका है कि टैरिफ का बोझ उसके उद्योग और निर्यातकों पर भारी पड़ रहा है।
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