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US: 'उम्मीद है हम इसे ठीक कर सकते हैं', रूसी तेल खरीद के लिए भारत पर लगाए गए अतिरिक्त टैरिफ पर बोले रुबियो
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वॉशिंगटन
Published by: हिमांशु चंदेल
Updated Tue, 23 Sep 2025 09:50 PM IST
सार
अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि ट्रंप प्रशासन भारत पर रूस से तेल खरीद को लेकर लगाए गए भारी शुल्क को ठीक करना चाहता है। भारत पर अब कुल 50 प्रतिशत शुल्क लगाया गया है। रुबियो ने यूरोप से भी रूस पर सख्त कदम उठाने की अपील की।
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मार्को रुबियो, अमेरिकी विदेश मंत्री
- फोटो : ANI
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विस्तार
अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा है कि ट्रंप प्रशासन भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने को लेकर लगाए गए कड़े कदमों को ठीक करने की उम्मीद करता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यूरोप को भी रूस पर अधिक प्रतिबंध लगाने चाहिए, क्योंकि कई यूरोपीय देश अब भी बड़ी मात्रा में रूसी तेल और गैस खरीद रहे हैं।
रुबियो ने बताया कि ट्रंप प्रशासन ने रूस से तेल खरीदने के चलते भारत पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। इसके बाद भारत पर अमेरिका द्वारा लगाए गए कुल शुल्क 50 प्रतिशत तक पहुंच गए हैं, जो दुनिया में सबसे ज्यादा माने जा रहे हैं। रुबियो ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप पहले ही कई बार पुतिन की नीतियों पर अपनी गहरी नाराजगी जता चुके हैं। उन्होंने कहा कि ट्रंप युद्ध शुरू करने वाले नहीं हैं, बल्कि इसे खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं।
यूरोप पर भी सवाल
एनबीसी टुडे को दिए इंटरव्यू में रुबियो ने कहा कि यूरोप को रूस पर और सख्त होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अमेरिका पर दबाव डालने वाले यूरोपीय देश खुद बड़ी मात्रा में तेल-गैस खरीद रहे हैं। यह बेहद अजीब स्थिति है। अगर वे ईमानदारी से रूस को रोकना चाहते हैं तो उन्हें भी त्याग करना होगा।
ये भी पढ़ें- 'किसी तरह की घुसपैठ बर्दाश्त नहीं...', एयरस्पेस उल्लंघन पर नाटो ने पुतिन को दी कड़ी चेतावनी
भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर दावा
रुबियो ने यह भी दावा किया कि ट्रंप ने हालिया भारत-पाकिस्तान संघर्ष को खत्म कराया था। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति बार-बार यह दिखा चुके हैं कि वे संघर्षों को खत्म करने की क्षमता रखते हैं। थाईलैंड-कंबोडिया से लेकर भारत-पाकिस्तान तक, ट्रंप ही ऐसे वैश्विक नेता रहे हैं जिन्होंने सुलह कराई है। हालांकि, भारत ने हमेशा कहा है कि पाकिस्तान से संघर्षविराम की सहमति दोनों देशों की डीजीएमओ स्तर की बातचीत से बनी थी।
संयुक्त राष्ट्र में मुलाकात
रुबियो ने सोमवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र के दौरान भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात भी की। यह दोनों नेताओं की पहली सीधी भेंट थी। यह मुलाकात उस समय हुई है जब दोनों देशों के बीच पिछले कुछ महीनों से व्यापार, टैरिफ और ऊर्जा खरीद को लेकर तनाव बना हुआ है। बातचीत करीब एक घंटे तक चली और इसमें कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई।
ये भी पढ़ें- 'सुदर्शन चक्र होगा सबसे ताकतवर डिफेंस सिस्टम', एयर मार्शल दीक्षित बोले- देश को देगा बहुस्तरीय सुरक्षा
ट्रंप प्रशासन की रणनीति
रुबियो ने कहा कि ट्रंप प्रशासन इस युद्ध को खत्म करने के हर संभव प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप इसे सफल बनाने के लिए हर मौका देंगे। हालांकि, उन्होंने यह भी इशारा किया कि अगर जरूरत पड़ी तो और भी कड़े प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका की रणनीति सिर्फ युद्ध रोकने की नहीं, बल्कि वैश्विक स्थिरता सुनिश्चित करने की भी है।
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यूरोप पर भी सवाल
एनबीसी टुडे को दिए इंटरव्यू में रुबियो ने कहा कि यूरोप को रूस पर और सख्त होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अमेरिका पर दबाव डालने वाले यूरोपीय देश खुद बड़ी मात्रा में तेल-गैस खरीद रहे हैं। यह बेहद अजीब स्थिति है। अगर वे ईमानदारी से रूस को रोकना चाहते हैं तो उन्हें भी त्याग करना होगा।
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भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर दावा
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संयुक्त राष्ट्र में मुलाकात
रुबियो ने सोमवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र के दौरान भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात भी की। यह दोनों नेताओं की पहली सीधी भेंट थी। यह मुलाकात उस समय हुई है जब दोनों देशों के बीच पिछले कुछ महीनों से व्यापार, टैरिफ और ऊर्जा खरीद को लेकर तनाव बना हुआ है। बातचीत करीब एक घंटे तक चली और इसमें कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई।
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ट्रंप प्रशासन की रणनीति
रुबियो ने कहा कि ट्रंप प्रशासन इस युद्ध को खत्म करने के हर संभव प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप इसे सफल बनाने के लिए हर मौका देंगे। हालांकि, उन्होंने यह भी इशारा किया कि अगर जरूरत पड़ी तो और भी कड़े प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका की रणनीति सिर्फ युद्ध रोकने की नहीं, बल्कि वैश्विक स्थिरता सुनिश्चित करने की भी है।
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