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US: अमेरिका में दुर्लभ खनिजों को लेकर 1.4 अरब डॉलर की बड़ी साझेदारी, चीन पर निर्भरता घटाने की तैयारी में ट्रंप

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वॉशिंगटन Published by: शुभम कुमार Updated Wed, 05 Nov 2025 01:28 AM IST
सार

ट्रंर प्रशासन ने वल्कन एलिमेंट्स और रीएलिमेंट टेक्नोलॉजी में 1.4 अरब डॉलर का निवेश किया। इन कंपनियों के जरिए सालाना 10,000 टन रेयर अर्थ मैग्नेट का उत्पादन बढ़ेगा। वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लटनिक ने कहा कि इसका लक्ष्य अमेरिका की सप्लाई चेन को मजबूत और चीन पर निर्भरता कम करना है।

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US major $1.4 billion partnership on rare earth minerals in the US as prepares to reduce dependence on China
डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिकी राष्ट्रपति - फोटो : ANI
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विस्तार
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने देश की दुर्लभ खनिज की आपूर्ति को मजबूत करने के लिए दो अमेरिकी स्टार्टअप कंपनियों के साथ 1.4 अरब डॉलर (करीब 11,700 करोड़ रुपये) की बड़ी साझेदारी की है। यह सौदा वल्कन एलिमेंट्स और रीएलिमेंट टेक्नोलॉजी नामक कंपनियों के साथ किया गया है। ट्रंप प्रशासन ने बताया कि यह निवेश अमेरिका द्वारा निजी कंपनियों में किया गया ताजा कदम है। इससे पहले सरकार ने एक अन्य रेयर अर्थ कंपनी, चिप निर्माता इंटेल और एमपी मटेरियल जैसी कंपनियों में भी निवेश किया था। जारी बयान में इस बात पर जोर दिया गया कि अमेरिकी सरकार का लक्ष्य अमेरिका की सप्लाई चेन को चीन पर निर्भरता से मुक्त करना है।

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बता दें कि वल्कन एलिमेंट्स रेयर अर्थ मैग्नेट बनाती है, जबकि रीएलिमेंट दुर्लभ खनिजों को प्रोसेस करने और पुरानी बैटरियों व उपकरणों से खनिजों को फिर से उपयोग के लिए निकालने का काम करती है। ये खनिज लड़ाकू विमान, मिसाइल, ड्रोन, परमाणु पनडुब्बी, स्मार्टफोन और विंड टरबाइन जैसे उत्पादों में इस्तेमाल होते हैं। इस निवेश से दोनों कंपनियां अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाकर सालाना 10,000 टन मैग्नेट बनाने में सक्षम होंगी।

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साझेदारी पर क्या बोले अमेरिका के वाणिज्य मंत्री
अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लटनिक ने इस साझेदारी को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य अमेरिका में ही दुर्लभ खनिजों और मैग्नेट के उत्पादन को बढ़ावा देना है ताकि देश की सप्लाई चेन मजबूत और सुरक्षित रहे। यह सौदा ऐसे समय में हुआ है जब ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की हाल ही में मुलाकात हुई, जिसमें दोनों देशों ने टैरिफ कम करने पर सहमति जताई। इसके बाद चीन ने रेयर अर्थ तत्वों के निर्यात की अनुमति दी है। हालांकि, चीन अभी भी दुनिया के 70% रेयर अर्थ खनन और करीब 90% प्रोसेसिंग पर नियंत्रण रखता है।


सौदे में कितने का निवेश, ये भी समझिए
सौदे के तहत अमेरिकी रक्षा विभाग ने 620 मिलियन डॉलर का ऋण, वाणिज्य विभाग ने 50 मिलियन डॉलर की प्रोत्साहन राशि और निजी निवेशकों ने 550 मिलियन डॉलर का निवेश किया है। रक्षा मंत्रालय को दोनों कंपनियों में हिस्सेदारी मिलेगी, जबकि वाणिज्य विभाग को वल्कन में 50 मिलियन डॉलर की इक्विटी दी जाएगी।

इससे पहले जुलाई में रक्षा विभाग ने एमपी मटेरियल में 400 मिलियन डॉलर का निवेश कर उसे देश की सबसे बड़ी रेयर अर्थ कंपनी बना दिया था। एक सप्ताह बाद एमपी मटेरियल ने एप्पल के साथ 500 मिलियन डॉलर का समझौता किया था, ताकि आईफोन और इलेक्ट्रिक वाहनों में इस्तेमाल होने वाले मैग्नेट का उत्पादन बढ़ाया जा सके।

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इन कंपनियों से हिस्सेदारी ले चुका ट्रंप प्रशासन
गौरतलब है कि ट्रंप प्रशासन अब यूएस स्टील, लिथियम अमेरिका और ट्रिलॉजी मेटल्स जैसी कंपनियों में भी हिस्सेदारी ले चुका है। हालांकि, इन निवेशों पर अर्थशास्त्रियों और कुछ रिपब्लिकन नेताओं ने सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि सरकारी निवेश आमतौर पर आर्थिक संकट के दौर में किया जाता है, न कि सामान्य परिस्थितियों में।

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