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US: ऑपरेशन सिंदूर के बाद राफेल के खिलाफ चीन ने चलाया दुष्प्रचार अभियान, अमेरिकी रिपोर्ट में खुलासा

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वॉशिंगटन/नई दिल्ली। Published by: निर्मल कांत Updated Thu, 20 Nov 2025 11:17 AM IST
सार

US: अमेरिकी कांग्रेस की एक सालाना रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि मई में पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच चार दिन तक सैन्य संघर्ष हुआ। इसके बाद चीन ने अपने विमानों की बिक्री बढ़ाने के लिए राफेल के खिलाफ दुष्प्रचार अभियान चलाया था। इसके लिए एआई और वीडियो गेम्स की तस्वीरें फैलाई गई थीं।

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US report reveal China disinformation campaign against Rafale after Operation Sindoor
राफेल (सांकेतिक तस्वीर) - फोटो : एएनआई (फाइल)
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कश्मीर के पहलगाम में इस साल मई में आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य झड़प हुई। इस दौरान चीन ने अपने जे-35 लड़ाकू विमानों को बेचने के लिए राफेल विमानों की बिक्री रुकने की भ्रामक जानकारी फैलाई थी। इसके लिए उसने अभियान चलाया। इसके तहत उसने सोशल मीडिया पर फर्जी खाते बनाकर एआई और वीडियो गेम की तस्वीरें फैलाईं, जिनमें दिखाया गया कि चीन के हथियारोंसे फ्रांस के विमानों को नुकसान पहुंचा। यह खुलासा अमेरिकी सरकार की एक रिपोर्ट में हुआ है। 
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दरअसल, अमेरिकी कांग्रेस ने हाल ही में अमेरिका-चीन आर्थिक और सुरक्षा समीक्षा आयोग की सालाना रिपोर्ट जारी की है। यह रिपोर्ट 745 पन्नों की है और ऑनलाइन उपलब्ध है। रिपोर्ट में साइबर, आर्थिक, सूचना, महंगाई, कानून और अंतरिक्ष जैसे अलग-अलग क्षेत्रों में चीन की गतिविधियों की जानकारी दी गई है। इसमें 97वें पन्ने में राफेल के खिलाफ चीन के दुष्प्रचार अभियान का खुलासा किया गया है। 
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अमेरिकी कांग्रेस की वार्षिक रिपोर्ट में क्या कहा गया
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने मई 2025 में हुए भारत-पाकिस्तान संघर्ष में पाकिस्तान को हथियार और खुफिया जानकारी दी। भारतीय सेना का कहना है कि चीन ने पाकिस्तानी सेना को भारत की सैन्य स्थिति की लाइव जानकारी दी और इस संघर्ष का इस्तेमाल अपने हथियारों की क्षमता को जांचने के लिए किया। पाकिस्तान ने इन आरोपों से इनकार किया और चीन ने अपनी भूमिका की पुष्टि या खंडन नहीं किया।



इसमें बताया गया है कि चीन ने 2025 में पाकिस्तान के साथ अपनी सैन्य सहयोग बढ़ाया, जिससे भारत के साथ सुरक्षा तनाव और बढ़ गया। चीन ने इस संघर्ष का फायदा उठाकर अपने हथियारों की क्षमता को दुनिया को दिखाने और हथियारों की बिक्री बढ़ाने की कोशिश की।



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रिपोर्ट में कहा गया कि यह पहला मौका था, जब चीन की एचक्यू-9 एयर डिफेंस, पीएल-15 एयर-टू-एयर मिसाइल और जे-10 लड़ाकू विमान जैसी आधुनिक हथियार प्रणालियां वास्तविक युद्ध में इस्तेमाल हुए। जून 2025 में चीन ने पाकिस्तान को पांचवीं पीढ़ी के 40 जे-35 लड़ाकू विमान, केजे-500 विमान और बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणाली बेचने की पेशकश की। संघर्ष के बाद चीन के दूतावासों ने अपने हथियारों की कामयाबी की प्रशंसा की और राफेल विमानों की बिक्री रोकने के लिए भ्रामक जानकारी का प्रचार किया। 


फ्रांस की खुफिया जानकारी के अनुसार, चीन ने सोशल मीडिया पर फर्जी खाते बनाकर राफेल विमानों के कथित मलबे की तस्वीरें फैलाई। इसके कारण इंडोनेशिया ने राफेल विमानों की खरीद रोक दी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी को लेकर चीन और दलाई लामा समर्थक समूहों के बीच विवाद हो सकता है। इसमें अमेरिका भी शामिल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14वें दलाई लामा को जन्मदिन की बधाई दी और वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि 15वें दलाई लामा को चुनने का अधिकार केवल दलाई लामा ट्रस्ट के पास है। चीन ने भारत सरकार से14वें दलाई लामा को समर्थन न देने का अनुरोध किया।

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