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Pakistan Flood: पाकिस्तान में बाढ़ के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराने के दावे खारिज; विशेषज्ञों ने खोली पोल
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, इस्लामाबाद
Published by: पवन पांडेय
Updated Wed, 03 Sep 2025 09:20 PM IST
सार
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में आई भीषण बाढ़ को लेकर यह दावा किया जा रहा था कि भारत ने जानबूझकर पानी छोड़ा जिससे बाढ़ की स्थिति बनी। लेकिन विशेषज्ञों ने इस दावे को खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि विनाशकारी बाढ़ का असली कारण अत्यधिक और असामान्य बारिश है, न कि भारत की कोई 'जानबूझकर की गई कार्रवाई'।
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पाकिस्तान में बाढ़ का प्रलय
- फोटो : ANI
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विस्तार
पाकिस्तान में विनाशकारी बाढ़ को लेकर उठे आरोपों पर जल विशेषज्ञों ने कहा है कि भारत ने जानबूझकर पानी छोड़कर बाढ़ नहीं लाई, बल्कि बाढ़ का मुख्य कारण भारी मानसूनी बारिश और प्राकृतिक परिस्थितियां हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, विशेषज्ञों का कहना है कि पंजाब प्रांत और उत्तर-पश्चिमी भारत में अगस्त के मध्य से ही भारी बारिश हो रही है। नदियां और सहायक नदियां खतरनाक स्तर से ऊपर बह रही हैं। पंजाब सरकार ने दावा किया था कि भारत की ओर से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने से सतलुज, रावी और चिनाब नदियों में बाढ़ आई।
यह भी पढ़ें - पाकिस्तान में बाढ़ से भीषण तबाही: पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा में हालात गंभीर, 24 घंटे में 15 लोगों की हुई मौत
विशेषज्ञों के मुताबिक, भारत और पाकिस्तान दोनों ही जगह अगस्त के मध्य से लगातार भारी बारिश हो रही है। इससे न सिर्फ पाकिस्तान के पंजाब बल्कि पूरे उत्तर-पश्चिमी भारत में नदियां और उनकी सहायक नदियां खतरे के स्तर से ऊपर बह रही हैं।
डैम से पानी छोड़ने की प्रक्रिया
अमेरिका स्थित टफ्ट्स यूनिवर्सिटी के शहरी जल विशेषज्ञ डॉ. हस्सान एफ. खान ने बताया कि हर डैम में पानी छोड़ने के दो सिस्टम होते हैं।
उन्होंने कहा, 'हाल के दिनों में भारत ने कई डैमों से पानी छोड़ा क्योंकि वे अपनी सीमा तक भर चुके थे। पाकिस्तान इस दावे को सीधे तौर पर सत्यापित नहीं कर सकता, लेकिन हालात को देखते हुए यह पूरी तरह सामान्य प्रक्रिया है।' डॉ. हस्सान ने बताया कि इस साल हिमाचल प्रदेश और उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई। इससे नदियों में असामान्य रूप से पानी बढ़ गया।
क्या कहते हैं जल विशेषज्ञ?
पर्यावरण विशेषज्ञ अहमद रफाय आलम ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बांधों का डिजाइन और संचालन लगभग समान है। इस बार हिमाचल प्रदेश और उत्तरी भारत में रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई, जिससे भारत को मजबूरन पानी छोड़ना पड़ा। डॉ. दानिश मुस्तफा, किंग्स कॉलेज लंदन, ने कहा कि भारत में तबाही पाकिस्तान से ज्यादा हुई है, क्योंकि पानी पहले भारतीय कस्बों और गांवों से होकर गुजरता है। एनडीएमए के मुताबिक, 26 जून से 31 अगस्त तक पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में 209 लोगों की मौत हुई और 2,000 से अधिक गांव जलमग्न हो गए।
पाकिस्तान के वरिष्ठ जल संसाधन शोधकर्ता मोहम्मद उमर करीम ने कहा कि इस क्षेत्र में प्राकृतिक जल चक्र के तहत सर्दियों में पानी बर्फ और ग्लेशियर के रूप में जमा होता है, जो गर्मियों में पिघलकर नदियों में शामिल हो जाता है। जब यह पिघलन भारी मानसूनी बारिश के साथ मिलती है, तो नदियों का जलस्तर बहुत बढ़ जाता है। उन्होंने स्पष्ट किया, 'इस बार भारतीय डैम पूरी तरह भर गए थे। ऐसे में जब स्पिलवे खोले गए, तो पानी तेजी से नदियों में पहुंचा और बाढ़ की स्थिति बनी। यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, न कि राजनीतिक निर्णय।'
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विशेषज्ञों के मुताबिक, भारत और पाकिस्तान दोनों ही जगह अगस्त के मध्य से लगातार भारी बारिश हो रही है। इससे न सिर्फ पाकिस्तान के पंजाब बल्कि पूरे उत्तर-पश्चिमी भारत में नदियां और उनकी सहायक नदियां खतरे के स्तर से ऊपर बह रही हैं।
डैम से पानी छोड़ने की प्रक्रिया
अमेरिका स्थित टफ्ट्स यूनिवर्सिटी के शहरी जल विशेषज्ञ डॉ. हस्सान एफ. खान ने बताया कि हर डैम में पानी छोड़ने के दो सिस्टम होते हैं।
- रेगुलर गेट्स (सामान्य निकासी द्वार)- ये कृषि और पेयजल आपूर्ति के लिए सामान्य तौर पर पानी छोड़ते हैं।
- स्पिलवे (आपातकालीन निकासी द्वार)- जब डैम अपनी अधिकतम क्षमता तक भर जाता है, तो ढांचे को नुकसान से बचाने के लिए अतिरिक्त पानी मजबूरी में बाहर छोड़ा जाता है।
उन्होंने कहा, 'हाल के दिनों में भारत ने कई डैमों से पानी छोड़ा क्योंकि वे अपनी सीमा तक भर चुके थे। पाकिस्तान इस दावे को सीधे तौर पर सत्यापित नहीं कर सकता, लेकिन हालात को देखते हुए यह पूरी तरह सामान्य प्रक्रिया है।' डॉ. हस्सान ने बताया कि इस साल हिमाचल प्रदेश और उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई। इससे नदियों में असामान्य रूप से पानी बढ़ गया।
क्या कहते हैं जल विशेषज्ञ?
पर्यावरण विशेषज्ञ अहमद रफाय आलम ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बांधों का डिजाइन और संचालन लगभग समान है। इस बार हिमाचल प्रदेश और उत्तरी भारत में रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई, जिससे भारत को मजबूरन पानी छोड़ना पड़ा। डॉ. दानिश मुस्तफा, किंग्स कॉलेज लंदन, ने कहा कि भारत में तबाही पाकिस्तान से ज्यादा हुई है, क्योंकि पानी पहले भारतीय कस्बों और गांवों से होकर गुजरता है। एनडीएमए के मुताबिक, 26 जून से 31 अगस्त तक पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में 209 लोगों की मौत हुई और 2,000 से अधिक गांव जलमग्न हो गए।
पाकिस्तान के वरिष्ठ जल संसाधन शोधकर्ता मोहम्मद उमर करीम ने कहा कि इस क्षेत्र में प्राकृतिक जल चक्र के तहत सर्दियों में पानी बर्फ और ग्लेशियर के रूप में जमा होता है, जो गर्मियों में पिघलकर नदियों में शामिल हो जाता है। जब यह पिघलन भारी मानसूनी बारिश के साथ मिलती है, तो नदियों का जलस्तर बहुत बढ़ जाता है। उन्होंने स्पष्ट किया, 'इस बार भारतीय डैम पूरी तरह भर गए थे। ऐसे में जब स्पिलवे खोले गए, तो पानी तेजी से नदियों में पहुंचा और बाढ़ की स्थिति बनी। यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, न कि राजनीतिक निर्णय।'