Syria: अमेरिकी सहायता रोके जाने के बाद एकजुट हुए अरब देश, पेरिस में करेंगे सीरिया के भविष्य पर चर्चा
अमेरिका द्वारा वित्तीय और सैन्य सहयोग पर रोक लगाने का एलान सीरिया के लिए एक बहुत बड़ा संकट साबित हो सकता है। इसी बात पर विस्तार से चर्चा के लिए पेरिस में अरब के देश और पश्चिमी सहयोगी देशों के बीच बैठक होने वाली है। इस बैठक में सीरिया के भविष्य को लेकर चर्चा होनी है।
विस्तार
सीरिया में जारी गृहयुद्ध के बीच अमेरिका द्वारा सहयोग रोकने की घोषणा सीरिया के भविष्य के लिए बड़ा संकट साबित हो सकता है। इसी बात पर चर्चा के लिए पेरिस में गुरुवार को एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित हो रहा है। इसमें पश्चिमी देशों और अरब देशों के प्रतिनिधि सीरिया के भविष्य पर चर्चा करने के लिए एकत्रित हो रहे हैं। यह सम्मेलन सीरिया के पूर्व राष्ट्रपति बशर असद के पतन के बाद हो रहा है, और इस दौरान क्षेत्र में अमेरिका की प्रतिबद्धता को लेकर भी अनिश्चितता बनी हुई है। बता दें कि दिसंबर में असद को सत्ता से हटाए जाने के बाद यह सीरिया पर तीसरा सम्मेलन है और साथ ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के सत्ता में आने के बाद यह पहला सम्मेलन है।
सीरिया के अंतरिम विदेश मंत्री भी होंगे शामिल
सीरिया के अंतरिम विदेश मंत्री असद अल-शिबानी को सम्मेलन में आमंत्रित किया गया है। शिबानी की ये पहली यूरोप की यात्रा होगी। उन्होंने इस सम्मेलन में सीरिया के पश्चिमी देशों के साथ संबंधों को सुधारने और प्रतिबंधों को हटाने की इच्छा जताई, ताकि देश पुनर्निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर सके।
गृहयुद्ध के बीच अमेरिका ने बढ़ाई सीरिया की चिंता
अमेरिका द्वारा विदेशी सहायता रोकने के फैसले से सीरिया में चिंताएं बढ़ गई हैं, क्योंकि सीरिया पहले से ही गृहयुद्ध से बर्बाद हो चुका था और वह अमेरिका से सहायता पर निर्भर था। ट्रंप प्रशासन ने यूएसएआईडी कर्मचारियों को काम से हटा दिया, जिससे भुखमरी, शिक्षा और महामारी से लड़ने के मिशन को भी समाप्त किया जा रहा है।
देखा जाए तो सीरियाई नागरिकों ने असद के शासन के खत्म होने का स्वागत किया था, लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि यदि नए शासक देश की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था को सुधारने में असफल होते हैं, तो उनकी सत्ता सीमित हो सकती है।
सीरिया को चाहिए अरबों डॉलर की सहायता
सीरिया को पुनर्निर्माण के लिए अरबों डॉलर की आवश्यकता है, क्योंकि युद्ध के 14 साल बाद देश की बुनियादी ढांचे की हालत बहुत खराब हो चुकी है। 2017 में संयुक्त राष्ट्र ने अनुमान लगाया था कि सीरिया को पुनर्निर्माण के लिए कम से कम 250 बिलियन डॉलर की जरूरत होगी, लेकिन अब विशेषज्ञों का कहना है कि यह राशि बढ़कर 400 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है। अमेरिकी विदेशी सहायता पर रोक के बाद, विशेष रूप से सीरिया के उत्तर-पश्चिम में, जहां युद्ध से विस्थापित लोग तंबू शिविरों में रहते हैं, सहायता की कमी महसूस हो रही है।
अमेरिकी सैन्य समर्थन पर भी अनिश्चितता
इसके अलावा, सीरिया में अमेरिकी सैन्य समर्थन के भविष्य को लेकर भी अनिश्चितता है। ट्रंप ने पहले सीरिया से अमेरिकी सैनिकों की वापसी का निर्णय लिया था, और अब नए सीरियाई नेताओं के सत्ता में आने के बाद भी इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं है। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य शांतिपूर्ण संक्रमण का समर्थन करना, क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देना और दंड से मुक्ति के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करना है।