Bangladesh: बांग्लादेश में हजारों छात्र क्यों कर रहे प्रदर्शन, क्या हिंसा के पीछे पाकिस्तानी सेना-ISI का हाथ?
क्या बांग्लादेश में हिंसा के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ है? बताया गया है कि बांग्लादेश में ‘छात्र शिविर’ नाम के छात्र संगठन ने हिंसा को भड़काने का काम किया है। यह छात्र संगठन बांग्लादेश में प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी की शाखा है। बताया जाता है कि जमात-ए-इस्लामी को पाकिस्तान की आईएसआई का समर्थन प्राप्त है।
विस्तार
बांग्लादेश में आखिर ऐसा क्या हुआ कि शांतिपूर्ण रूप से चल रहे छात्रों के प्रदर्शन ने उग्र रूप धारण कर दिया? यह आंदोलन प्रधानमंत्री शेख हसीना की सत्ताधारी आवामी लीग के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गया। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और सेना के हेलीकॉप्टर में सवार होकर देश छोड़ दिया है। उधर, प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को राजधानी ढाका में रैली करने की योजना तैयार की है। इससे पहले देश में हिंसा भड़कने से कई लोगों की मौत हो गई। इस बीच बांग्लादेश में सेना ने कर्फ्यू लगाया है और अधिकारियों ने अशांति को नियंत्रित करने के लिए इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी है।
प्रदर्शनकारियों-पुलिस के बीच झड़प में 300 लोगों की मौत
इससे पहले रविवार को प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़प में करीब 300 लोग मारे गए। आपको बता दें कि बांग्लादेश में हाल ही में पुलिस और छात्र प्रदर्शनकारियों के बीच हिसंक झड़पें हुईं हैं। दरअसल, प्रदर्शनकारी छात्र विवादित आरक्षण प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं। इसके तहत बांग्लादेश के लिए वर्ष 1971 में आजादी की लड़ाई लड़ने वाले स्वतंत्रता संग्रामियों के परिवारों के लिए 30 प्रतिशत सरकारी नौकरियां आरक्षित की गईं हैं।
ऐसे भड़की दंगों की आग
प्रदर्शनकारी छात्रों का तर्क है कि मौजूदा आरक्षण के नियमों का फायदा शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग से जुड़े लोगों को मिल रहा है। इसे लेकर प्रदर्शनकारियों ने शेख हसीना सरकार के प्रति असंतोष व्यक्त किया है। सरकार ने बांग्लादेश में स्कूलों और कॉलेजों को बंद करने का फैसला लिया। इसके बाद भी सरकार देश में फैली अशांति को नियंत्रित करने में विफल साबित हुई। उधर, आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भी प्रदर्शनकारी नाखुश नजर आ रहे हैं। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि स्वतंत्रता संग्रामियों परिजनों को सरकारी नौकरियों में दिया जाने वाला आरक्षण पूरी तरह से खत्म होना चाहिए। बांग्लादेश की सेना के पूर्व प्रमुख इकबाल करीम ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ उठाए गए कदमों को लेकर सरकार की कड़ी आलोचना की है। इस बीच मौजूदा सेना प्रमुख ने प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया है और इस वजह से देश में दंगों की आग और भी अधिक भड़क गई।
क्या हिंसा भड़कने के पीछे पाकिस्तान की आईएसआई का हाथ है?
अब सवाल यह है कि क्या बांग्लादेश में हिंसा के पीछे पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी, इंटर सर्विस इंटेलीजेंस (आईएसआई) का हाथ है? बताया गया है कि बांग्लादेश में 'बांग्लादेश इस्लामी छात्र शिबिर' नाम के छात्र संगठन ने हिंसा को भड़काने का काम किया है। यह छात्र संगठन बांग्लादेश में प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी की शाखा है। बताया जाता है कि जमात-ए-इस्लामी को पाकिस्तान की आईएसआई का समर्थन प्राप्त है। जमात-ए-इस्लामी ने 1971 में बांग्लादेश की आजादी के आंदोलन का विरोध किया था और पाकिस्तानी सेना के साथ मिल कर आंदोलनकारियों और खासकर हिंदुओं का कत्लेआम कराया था। उधर, बांग्लादेश सरकार इस बात का पता कर रही है कि क्या मौजूदा स्थिति में आईएसआई ने भी हस्तक्षेप किया है।
'बांग्लादेश में हिंसा के पीछे विदेशी ताकतों का हाथ हो सकता है'
बांग्लादेश में भारत के पूर्व राजदूत और विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला का कहना है कि बांग्लादेश में हिंसा के पीछे विदेशी ताकतों का हाथ हो सकता है। उन्होंने कहा कि भारत बांग्लादेश में शांति चाहता है। उन्होंने कहा, ‘बांग्लादेश में जमात-ए-इस्लामी जैसे उग्र संगठन हैं, जो पाकिस्तान का समर्थन करते हैं। ऐसे संगठन सड़कों पर सक्रिय हो गए हैं। ऐसे संगठनों ने प्रदर्शन में शामिल होकर उसे हिंसक बना दिया है। आप बांग्लादेश में हिंसा के पीछे विदेशी ताकतों की संलिप्तता से इनकार नहीं कर सकते। यह बांग्लादेश के हितों के साथ साथ हमारे हितों के लिए भी हानिकारक है।’