World Updates: 'ज्यादतियों के सबूत दें', श्रीलंका ने पुलिस अभियान को लेकर यूएनएचआरसी के दावों को किया खारिज
World Updates: संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग के दावों के बीच श्रीलंका के सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री तिरान एलेस ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने मादक पदार्थों के खिलाफ अभियान 'ऑपरेशन युक्तिया' जारी रखने की बात कही।
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संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग ने हाल ही में श्रीलंका में नशीली दवाओं को लेकर पुलिस के अभियान पर चिंता जताई थी। मानवाधिकार निकाय ने दावा किया था कि अभियान के दौरान ज्यादतियां की गईं और 17 सितंबर से अब तक 29 हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, द्वीप राष्ट्र ने गुरुवार को इन आरोपों को खारिज किया और ज्यादतियों के सबूत पेश करने की चुनौती दी।
श्रीलंका के सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री तिरान एलेस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने मादक पदार्थों के खिलाफ अभियान 'ऑपरेशन युक्तिया' जारी रखने की बात कही। वह संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क के उस बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जो उन्होंने 12 जनवरी को दिया था।
मानवाधिकार आयोग ने क्या कहा था
वोल्कर ने अपने बयान में कहा था, 'हम इस बात से बहुत चिंतित हैं कि श्रीलंका के पुलिस अधिकारी सार्वजनिक स्वास्थ्य की नीतियों पर फोकस नहीं कर रहे हैं। इसके बजाय मादक पदार्थों की समस्या से निपटने में लगे हैं। 17 दिसंबर से मादक पदार्थ से जुड़े मामलों में 29 हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कुछ लोगों के साथ बुरा बर्ताव किया गया और उन्हें यातना दी गई।'
अभियान को नहीं रोकूंगा: सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री
वहीं, मंत्री ने आज पत्रकारों से कहा, 'यह मानवाधिकार आयोग का कर्तव्य है कि वह हमें बताए कि ये घटनाएं हैं और वह हमसे जवाब ले। इसकी जगह वह बयान जारी करता है। वह बयान जारी कर सकता है। लेकिन, मैं इस अभियान को नहीं रोकूंगा।' उन्होंने कहा कि हम इस अभियान को आगे बढ़ाएंगे और उसी तरह से करेंगे जैसे करते आए हैं। एलेस ने कहा, 'हम जानते हैं कि हम देश के बच्चों व महिलाओं के लिए कुछ अच्छा कर रहे हैं।'
शुभारंभ के बाद से सवालों के घेरे में अभियान
यह विवादास्पद अभियान मंत्री एलेस और कार्यवाहक पुलिस निरीक्षक (आईजीपी) देशबंधु तेनाकून की देखरेख में शुरू किया गया था। स्थानीय मीडिया की मानें तो अभियान के शुरू होने के बाद से हजारों लोगों को गिरफ्तार किया गया है। नशीले पदार्थों को रोकने के लक्ष्यों के बावजूद यह अभियान कई वजहों से सवालों के घेरे में आ गया है।
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