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Vaastu Tips: वास्तु शास्त्र के अनुसार जानिए भोजन बनाने और करने के क्या हैं नियम
अनीता जैन ,वास्तुविद
Published by: विनोद शुक्ला
Updated Thu, 29 Aug 2024 12:43 PM IST
सार
वास्तु के अनुसार, रसोई घर को दक्षिण-पूर्व (अग्नि कोण) दिशा में रखना सबसे उचित माना गया है। यह दिशा अग्नि देवता की है, और इसलिए यहां भोजन बनाना शुभ फलदायी होता है।
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vastu tips: खाना बनाते समय मुख का पूर्व दिशा की ओर होना सबसे लाभकारी माना गया है।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
वास्तु शास्त्र भारतीय परंपरा में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है और यह जीवन के हर पहलू को प्रभावित करता है। भोजन, जोकि हमारे शरीर और मन की ऊर्जा का स्रोत है, उसके निर्माण और सेवन का सही तरीका जानना आवश्यक है। वास्तु शास्त्र में कुछ विशेष नियम बताए गए हैं जिनका पालन करने से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है और परिवार में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है।
रसोई की दिशा
वास्तु के अनुसार, रसोई घर को दक्षिण-पूर्व (अग्नि कोण) दिशा में रखना सबसे उचित माना गया है। यह दिशा अग्नि देवता की है, और इसलिए यहां भोजन बनाना शुभ फलदायी होता है। अगर इस दिशा में रसोई बनाना संभव न हो, तो उत्तर-पश्चिम दिशा का चयन किया जा सकता है। लेकिन उत्तर, उत्तर-पूर्व या दक्षिण-पश्चिम दिशा में रसोई घर कभी नहीं बनाना चाहिए, क्योंकि यह दिशाएं नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देती हैं।
खाना बनाते समय मुख की दिशा
खाना बनाते समय मुख का पूर्व दिशा की ओर होना सबसे लाभकारी माना गया है। पूर्व दिशा की ओर मुख करके भोजन बनाने से भोजन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यदि पूर्व दिशा संभव न हो, तो उत्तर दिशा की ओर मुख करके भी खाना बनाया जा सकता है। खाना बनाते समय दक्षिण या पश्चिम दिशा की ओर मुख करना वर्जित है, क्योंकि इससे घर के मुखिया के स्वास्थ्य और समृद्धि पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।
वास्तु के अनुसार, गैस स्टोव, ओवन, मिक्सर आदि को दक्षिण-पूर्व दिशा में रखना चाहिए। पानी की सुविधा, जैसे कि सिंक या जल भंडारण की व्यवस्था, उत्तर-पूर्व दिशा में होनी चाहिए। रसोई में अनाज और मसालों को दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखना शुभ होता है, जिससे घर में कभी भी अन्न की कमी नहीं होती।
भोजन करने की दिशा
वास्तु शास्त्र के अनुसार, भोजन करते समय मुख का उत्तर, पूर्व या पश्चिम दिशा की ओर होना शुभ माना जाता है। उत्तर दिशा में मुख करके भोजन करना स्वास्थ्य और धन की दृष्टि से लाभकारी होता है। पूर्व दिशा की ओर मुख करके भोजन करने से ज्ञान और बुद्धि का विकास होता है। पश्चिम दिशा की ओर मुख करके भोजन करने से लंबी आयु प्राप्त होती है। दक्षिण दिशा की ओर मुख करके भोजन करना वर्जित है, क्योंकि यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
भोजन की थाली का स्थान
भोजन करते समय थाली को लकड़ी की मेज या किसी स्वच्छ, समतल सतह पर रखना चाहिए। भोजन के लिए बैठने की व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि व्यक्ति आरामदायक स्थिति में हो। फर्श पर बैठकर भोजन करना भी वास्तु के अनुसार शुभ माना गया है, क्योंकि इससे शरीर की ऊर्जा का संतुलन बना रहता है।
रसोई में साफ-सफाई
रसोई घर की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए। वास्तु के अनुसार, गंदगी और अव्यवस्था से नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है, जो परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य और समृद्धि पर बुरा प्रभाव डालती है। भोजन बनाने के बाद रसोई को साफ करना और अगले दिन के लिए तैयार रखना अत्यंत आवश्यक है।
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रसोई की दिशा
वास्तु के अनुसार, रसोई घर को दक्षिण-पूर्व (अग्नि कोण) दिशा में रखना सबसे उचित माना गया है। यह दिशा अग्नि देवता की है, और इसलिए यहां भोजन बनाना शुभ फलदायी होता है। अगर इस दिशा में रसोई बनाना संभव न हो, तो उत्तर-पश्चिम दिशा का चयन किया जा सकता है। लेकिन उत्तर, उत्तर-पूर्व या दक्षिण-पश्चिम दिशा में रसोई घर कभी नहीं बनाना चाहिए, क्योंकि यह दिशाएं नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देती हैं।
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खाना बनाते समय मुख की दिशा
खाना बनाते समय मुख का पूर्व दिशा की ओर होना सबसे लाभकारी माना गया है। पूर्व दिशा की ओर मुख करके भोजन बनाने से भोजन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यदि पूर्व दिशा संभव न हो, तो उत्तर दिशा की ओर मुख करके भी खाना बनाया जा सकता है। खाना बनाते समय दक्षिण या पश्चिम दिशा की ओर मुख करना वर्जित है, क्योंकि इससे घर के मुखिया के स्वास्थ्य और समृद्धि पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।
Vastu Tips: घर के किस कोने में रखें गजलक्ष्मी की मूर्ति, जानें इसके लाभ
रसोई के उपकरणों की व्यवस्थावास्तु के अनुसार, गैस स्टोव, ओवन, मिक्सर आदि को दक्षिण-पूर्व दिशा में रखना चाहिए। पानी की सुविधा, जैसे कि सिंक या जल भंडारण की व्यवस्था, उत्तर-पूर्व दिशा में होनी चाहिए। रसोई में अनाज और मसालों को दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखना शुभ होता है, जिससे घर में कभी भी अन्न की कमी नहीं होती।
भोजन करने की दिशा
वास्तु शास्त्र के अनुसार, भोजन करते समय मुख का उत्तर, पूर्व या पश्चिम दिशा की ओर होना शुभ माना जाता है। उत्तर दिशा में मुख करके भोजन करना स्वास्थ्य और धन की दृष्टि से लाभकारी होता है। पूर्व दिशा की ओर मुख करके भोजन करने से ज्ञान और बुद्धि का विकास होता है। पश्चिम दिशा की ओर मुख करके भोजन करने से लंबी आयु प्राप्त होती है। दक्षिण दिशा की ओर मुख करके भोजन करना वर्जित है, क्योंकि यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
भोजन की थाली का स्थान
भोजन करते समय थाली को लकड़ी की मेज या किसी स्वच्छ, समतल सतह पर रखना चाहिए। भोजन के लिए बैठने की व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि व्यक्ति आरामदायक स्थिति में हो। फर्श पर बैठकर भोजन करना भी वास्तु के अनुसार शुभ माना गया है, क्योंकि इससे शरीर की ऊर्जा का संतुलन बना रहता है।
रसोई में साफ-सफाई
रसोई घर की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए। वास्तु के अनुसार, गंदगी और अव्यवस्था से नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है, जो परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य और समृद्धि पर बुरा प्रभाव डालती है। भोजन बनाने के बाद रसोई को साफ करना और अगले दिन के लिए तैयार रखना अत्यंत आवश्यक है।

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