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Delhi EV Policy: दिल्ली की नई ईवी नीति 2026 में होगी लागू, सब्सिडी, चार्जिंग नेटवर्क और स्क्रैपेज पर होगा फोकस
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Mon, 22 Dec 2025 08:39 PM IST
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सार
दिल्ली सरकार ने नई इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) पॉलिसी के लिए फ्रेमवर्क को फाइनल कर दिया है और अगले फाइनेंशियल ईयर में इसे रोलआउट करने का टारगेट है।
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- फोटो : Freepik
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विस्तार
दिल्ली में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुके वायु प्रदूषण के बीच सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर बड़ा कदम उठाने की तैयारी कर ली है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा है कि दिल्ली सरकार ने नई इलेक्ट्रिक वाहन (EV) नीति का ढांचा तैयार कर लिया है। और इसे अगले वित्त वर्ष यानी 2026 से लागू करने का लक्ष्य रखा गया है। सरकार का मानना है कि यह नीति न सिर्फ प्रदूषण कम करने में मदद करेगी, बल्कि राजधानी के परिवहन तंत्र को भी आधुनिक और टिकाऊ बनाएगी।
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वाहन प्रदूषण पर लगाम लगाने की कोशिश
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में PM2.5 और PM10 जैसे खतरनाक प्रदूषक कणों में वाहनों से निकलने वाला धुआं एक बड़ी वजह है। पेट्रोल और डीजल वाहनों की संख्या कम किए बिना हवा की गुणवत्ता में सुधार संभव नहीं है। ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना सरकार की प्राथमिकता है, क्योंकि इससे सीधे तौर पर प्रदूषण के स्तर में कमी लाई जा सकती है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में PM2.5 और PM10 जैसे खतरनाक प्रदूषक कणों में वाहनों से निकलने वाला धुआं एक बड़ी वजह है। पेट्रोल और डीजल वाहनों की संख्या कम किए बिना हवा की गुणवत्ता में सुधार संभव नहीं है। ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना सरकार की प्राथमिकता है, क्योंकि इससे सीधे तौर पर प्रदूषण के स्तर में कमी लाई जा सकती है।
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तीन स्तंभों पर आधारित होगी नई ईवी नीति
नई ईवी नीति को तीन मुख्य आधारों पर तैयार किया गया है। पहला, इलेक्ट्रिक वाहनों को किफायती बनाने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन दिए जाएंगे, ताकि पेट्रोल-डीजल और ईवी के बीच कीमत का अंतर कम हो सके। दूसरा, पूरे शहर में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को तेजी से विस्तार दिया जाएगा। तीसरा, अत्यधिक प्रदूषण फैलाने वाले पुराने वाहनों को चरणबद्ध तरीके से सड़कों से हटाने की प्रक्रिया को तेज किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली में पहले ही इलेक्ट्रिक वाहनों पर रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस माफ की जा चुकी है, जिससे ईवी खरीदना आसान हुआ है। नई नीति में इन प्रयासों को और मजबूत किया जाएगा।
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नई ईवी नीति को तीन मुख्य आधारों पर तैयार किया गया है। पहला, इलेक्ट्रिक वाहनों को किफायती बनाने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन दिए जाएंगे, ताकि पेट्रोल-डीजल और ईवी के बीच कीमत का अंतर कम हो सके। दूसरा, पूरे शहर में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को तेजी से विस्तार दिया जाएगा। तीसरा, अत्यधिक प्रदूषण फैलाने वाले पुराने वाहनों को चरणबद्ध तरीके से सड़कों से हटाने की प्रक्रिया को तेज किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली में पहले ही इलेक्ट्रिक वाहनों पर रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस माफ की जा चुकी है, जिससे ईवी खरीदना आसान हुआ है। नई नीति में इन प्रयासों को और मजबूत किया जाएगा।
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स्क्रैपेज से जुड़ा नया प्रोत्साहन
नई नीति में वाहन स्क्रैपेज को भी अहम हिस्सा बनाया गया है। अगर कोई व्यक्ति अपनी पुरानी पेट्रोल या डीजल गाड़ी को स्क्रैप करता है और उसकी जगह इलेक्ट्रिक वाहन खरीदता है, तो उसे अतिरिक्त वित्तीय लाभ दिया जाएगा। सरकार का उद्देश्य पुराने और ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को जल्दी से जल्दी सड़कों से हटाना है।
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चार्जिंग सुविधा घरों तक पहुंचाने की योजना
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर मुख्यमंत्री ने साफ किया कि चार्जिंग स्टेशन केवल मॉल, दफ्तर या प्रमुख सार्वजनिक जगहों तक सीमित नहीं रहेंगे। इन्हें रिहायशी इलाकों के पास भी स्थापित किया जाएगा, ताकि लोगों को चार्जिंग को लेकर किसी तरह की परेशानी न हो। इसके साथ ही बैटरी स्वैपिंग और इस्तेमाल हो चुकी बैटरियों के वैज्ञानिक तरीके से निपटान को भी नीति में शामिल किया जाएगा।
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चार्जिंग सुविधा घरों तक पहुंचाने की योजना
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सभी हितधारकों से होगी सलाह-मशविरा
सरकार ने इस नीति को मजबूत बनाने के लिए बिजली वितरण कंपनियों, वाहन निर्माताओं और स्क्रैप डीलरों के साथ बातचीत शुरू कर दी है। साथ ही नीति का ड्राफ्ट सार्वजनिक किया जाएगा, ताकि आम नागरिक भी अपनी राय और सुझाव दे सकें।
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विशेष मंत्रियों की समिति और विशेषज्ञों की मदद
नई ईवी नीति की निगरानी और दिशा तय करने के लिए बिजली और शिक्षा मंत्री आशीष सूद की अध्यक्षता में मंत्रियों का एक समूह बनाया गया है। इस समिति को आईआईटी दिल्ली और अन्य विशेषज्ञों का सहयोग मिल रहा है, जो बैटरी रीसाइक्लिंग, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और तकनीकी चुनौतियों पर मार्गदर्शन देंगे।
सरकार का दावा है कि यह नीति दिल्ली को स्वच्छ, टिकाऊ और भविष्य के लिए तैयार शहर बनाने की दिशा में एक अहम कदम साबित होगी।
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