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Pollution Certificate: दिल्ली में सख्त प्रदूषण कार्रवाई का असर, तीन दिनों में एक लाख से ज्यादा पीयूसी आवेदन
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Sat, 20 Dec 2025 10:37 PM IST
सार
राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के बीच, पिछले तीन दिनों में एक लाख से ज्यादा वाहन मालिकों ने पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई किया है।
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प्रदूषण जांच केंद्र
- फोटो : अनुज कुमार
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विस्तार
दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर सख्ती बढ़ते ही इसका सीधा असर वाहन मालिकों पर दिखने लगा है। पिछले तीन दिनों में एक लाख से ज्यादा लोगों ने अपने वाहनों के लिए पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल यानी PUC (पीयूसी) प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया है। यह जानकारी दिल्ली के परिवहन और स्वास्थ्य मंत्री पंकज कुमार सिंह ने शनिवार को दी। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदूषण से निपटने के लिए तात्कालिक कदमों के साथ-साथ दीर्घकालिक और आंकड़ों पर आधारित रणनीति पर काम कर रही है।
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परिवहन से निकलने वाला प्रदूषण बड़ी चुनौती
मंत्री पंकज कुमार सिंह के मुताबिक दिल्ली में कुल वायु प्रदूषण में परिवहन क्षेत्र की हिस्सेदारी करीब 20 से 25 प्रतिशत तक है। ऐसे में वाहनों से होने वाले उत्सर्जन को नियंत्रित करना सरकार की प्राथमिकता बन गया है। उन्होंने बताया कि सख्त जांच और जागरूकता के चलते बड़ी संख्या में लोग खुद आगे आकर पीयूसी प्रमाणपत्र बनवा रहे हैं।
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एक दिन में 40 हजार से ज्यादा आवेदन
मंत्री ने बताया कि पिछले तीन दिनों में एक लाख से अधिक वाहन मालिकों ने पीयूसी के लिए पंजीकरण कराया। खासतौर पर 19 दिसंबर को ही 40 हजार से ज्यादा आवेदन दर्ज किए गए। उन्होंने इसे सकारात्मक संकेत बताते हुए कहा कि लोग अब प्रदूषण नियंत्रण नियमों को लेकर गंभीर हो रहे हैं।
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मंत्री पंकज कुमार सिंह के मुताबिक दिल्ली में कुल वायु प्रदूषण में परिवहन क्षेत्र की हिस्सेदारी करीब 20 से 25 प्रतिशत तक है। ऐसे में वाहनों से होने वाले उत्सर्जन को नियंत्रित करना सरकार की प्राथमिकता बन गया है। उन्होंने बताया कि सख्त जांच और जागरूकता के चलते बड़ी संख्या में लोग खुद आगे आकर पीयूसी प्रमाणपत्र बनवा रहे हैं।
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एक दिन में 40 हजार से ज्यादा आवेदन
मंत्री ने बताया कि पिछले तीन दिनों में एक लाख से अधिक वाहन मालिकों ने पीयूसी के लिए पंजीकरण कराया। खासतौर पर 19 दिसंबर को ही 40 हजार से ज्यादा आवेदन दर्ज किए गए। उन्होंने इसे सकारात्मक संकेत बताते हुए कहा कि लोग अब प्रदूषण नियंत्रण नियमों को लेकर गंभीर हो रहे हैं।
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प्रदूषण जांच केंद्रों की जांच करते अधिकारी।
- फोटो : डीपीआरओ
पेट्रोल पंपों पर निगरानी और चालान की कार्रवाई
दिल्ली सरकार ने प्रवर्तन को मजबूत करने के लिए पेट्रोल पंपों पर दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) और पुलिस के अधिकारियों को तैनात किया है। यहां कैमरों के जरिए वाहनों की निगरानी की जा रही है। मंत्री ने बताया कि पहली बार नियम तोड़ने वालों को चेतावनी दी जा रही है, जबकि बार-बार उल्लंघन करने वालों पर चालान काटे जा रहे हैं। हालांकि एंबुलेंस और अन्य जरूरी सेवाओं को इस कार्रवाई से पूरी तरह छूट दी गई है।
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तीन दिनों में हजारों चालान, पुराने वाहन लौटाए गए
प्रवर्तन के आंकड़ों की बात करें तो 17 दिसंबर को 1,728 चालान जारी किए गए, 18 दिसंबर को करीब 300 और 19 दिसंबर को लगभग 700 चालान काटे गए। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत एंड-ऑफ-लाइफ श्रेणी में आने वाले वाहनों को दिल्ली में प्रवेश से वापस लौटाया जा रहा है।
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दिल्ली सरकार ने प्रवर्तन को मजबूत करने के लिए पेट्रोल पंपों पर दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) और पुलिस के अधिकारियों को तैनात किया है। यहां कैमरों के जरिए वाहनों की निगरानी की जा रही है। मंत्री ने बताया कि पहली बार नियम तोड़ने वालों को चेतावनी दी जा रही है, जबकि बार-बार उल्लंघन करने वालों पर चालान काटे जा रहे हैं। हालांकि एंबुलेंस और अन्य जरूरी सेवाओं को इस कार्रवाई से पूरी तरह छूट दी गई है।
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तीन दिनों में हजारों चालान, पुराने वाहन लौटाए गए
प्रवर्तन के आंकड़ों की बात करें तो 17 दिसंबर को 1,728 चालान जारी किए गए, 18 दिसंबर को करीब 300 और 19 दिसंबर को लगभग 700 चालान काटे गए। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत एंड-ऑफ-लाइफ श्रेणी में आने वाले वाहनों को दिल्ली में प्रवेश से वापस लौटाया जा रहा है।
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विपक्ष पर निशाना, पुरानी सरकार पर आरोप
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मंत्री पंकज कुमार सिंह ने विपक्ष पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रदूषण को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं, लेकिन मौजूदा सरकार वास्तविक आंकड़ों के साथ ठोस कदम उठा रही है। उनका आरोप था कि पिछली सरकार के कार्यकाल में नीतियां और उनका क्रियान्वयन प्रदूषण नियंत्रण में प्रभावी साबित नहीं हो सके।
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ईवी को बढ़ावा, सब्सिडी न मिलने का मुद्दा
मंत्री ने दावा किया कि फरवरी में भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद से दिल्ली में एक लाख से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीकरण हो चुका है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने करीब 45 करोड़ रुपये की ईवी सब्सिडी का प्रावधान होने के बावजूद उसे जारी नहीं किया। अगर यह सब्सिडी दी गई होती, तो ज्यादा लोग इलेक्ट्रिक वाहन अपनाते।
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प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मंत्री पंकज कुमार सिंह ने विपक्ष पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रदूषण को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं, लेकिन मौजूदा सरकार वास्तविक आंकड़ों के साथ ठोस कदम उठा रही है। उनका आरोप था कि पिछली सरकार के कार्यकाल में नीतियां और उनका क्रियान्वयन प्रदूषण नियंत्रण में प्रभावी साबित नहीं हो सके।
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ईवी को बढ़ावा, सब्सिडी न मिलने का मुद्दा
मंत्री ने दावा किया कि फरवरी में भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद से दिल्ली में एक लाख से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीकरण हो चुका है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने करीब 45 करोड़ रुपये की ईवी सब्सिडी का प्रावधान होने के बावजूद उसे जारी नहीं किया। अगर यह सब्सिडी दी गई होती, तो ज्यादा लोग इलेक्ट्रिक वाहन अपनाते।
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Delhi Pollution
- फोटो : अमर उजाला
जल्द आएगी नई व्यापक नीति
पंकज कुमार सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री और पूरी कैबिनेट दिल्ली के लिए एक व्यापक नीति पर काम कर रही है, जिसे जल्द ही लागू किया जाएगा। इस नीति का मकसद नागरिकों को राहत देना और राजधानी को स्वच्छ बनाना है।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर भी जोर
परिवहन व्यवस्था पर बोलते हुए मंत्री ने बताया कि सरकार के कार्यभार संभालने के बाद से अब तक 3,518 नई बसें दिल्ली के बेड़े में जोड़ी जा चुकी हैं। मार्च तक यह संख्या 5,000 और नवंबर 2026 तक 7,000 से ज्यादा करने का लक्ष्य रखा गया है।
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पंकज कुमार सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री और पूरी कैबिनेट दिल्ली के लिए एक व्यापक नीति पर काम कर रही है, जिसे जल्द ही लागू किया जाएगा। इस नीति का मकसद नागरिकों को राहत देना और राजधानी को स्वच्छ बनाना है।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर भी जोर
परिवहन व्यवस्था पर बोलते हुए मंत्री ने बताया कि सरकार के कार्यभार संभालने के बाद से अब तक 3,518 नई बसें दिल्ली के बेड़े में जोड़ी जा चुकी हैं। मार्च तक यह संख्या 5,000 और नवंबर 2026 तक 7,000 से ज्यादा करने का लक्ष्य रखा गया है।
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स्वास्थ्य सेवाओं और नागरिकों से अपील
स्वास्थ्य के मोर्चे पर मंत्री ने कहा कि श्वसन रोगियों के लिए जरूरी दवाइयों और इलाज को लेकर एडवाइजरी जारी की गई है। साथ ही आयुष्मान भारत योजना के तहत अब तक करीब 28 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर रुख करें और पीयूसी नियमों का पालन कर सरकार के प्रयासों में सहयोग दें। मंत्री ने बीते कुछ दिनों में नियमों के पालन को लेकर जनता के सहयोग की भी सराहना की।
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स्वास्थ्य के मोर्चे पर मंत्री ने कहा कि श्वसन रोगियों के लिए जरूरी दवाइयों और इलाज को लेकर एडवाइजरी जारी की गई है। साथ ही आयुष्मान भारत योजना के तहत अब तक करीब 28 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर रुख करें और पीयूसी नियमों का पालन कर सरकार के प्रयासों में सहयोग दें। मंत्री ने बीते कुछ दिनों में नियमों के पालन को लेकर जनता के सहयोग की भी सराहना की।
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