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Car Features: सर्दियों के घने कोहरे में ड्राइविंग है खतरनाक, जानें ADAS तकनीक इसे कैसे बना सकती है सुरक्षित
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Sat, 20 Dec 2025 05:34 PM IST
सार
घने कोहरे में गाड़ी चलाना उन सबसे खतरनाक स्थितियों में से एक है जिनका सामना भारतीय ड्राइवरों को हर सर्दी में करना पड़ता है। जानें ADAS टेक्नोलॉजी भारतीय सड़कों पर घने कोहरे में ड्राइविंग को कैसे सुरक्षित बना सकती है।
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ADAS in Car
- फोटो : Freepik
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विस्तार
हर साल सर्दियों में घना कोहरा उत्तर भारत की सड़कों पर सबसे बड़ा खतरा बनकर उभरता है। दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में कई बार दृश्यता कुछ ही मीटर तक सिमट जाती है। ऐसे हालात में एक्सप्रेसवे और हाईवे पर बड़े हादसे आम हो जाते हैं, जिनमें कारें, बसें और ट्रक एक-दूसरे से टकरा जाते हैं। इन दुर्घटनाओं में जान-माल का भारी नुकसान होता है। सड़क अनुशासन और बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ अब वाहन तकनीक भी इस खतरे को कम करने में अहम भूमिका निभा रही है।
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कोहरा क्यों बनता है जानलेवा सड़क जोखिम
कोहरे की सबसे बड़ी समस्या यह है कि यह ड्राइवर की दूरी, रफ्तार और लेन की सही समझ को बुरी तरह प्रभावित करता है। हेडलाइट्स की रोशनी कोहरा पड़ते ही वापस आंखों पर पड़ने लगती है, जिससे आगे की सड़क और वाहन स्पष्ट नहीं दिखते। प्रतिक्रिया समय बढ़ जाता है और आगे चल रहा वाहन अचानक ब्रेक लगाए तो पीछे से आने वाली गाड़ियां संभल नहीं पातीं। यही वजह है कि कोहरे में चेन रिएक्शन एक्सीडेंट होते हैं, जिनमें कई वाहन एक साथ फंस जाते हैं।
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कोहरे की सबसे बड़ी समस्या यह है कि यह ड्राइवर की दूरी, रफ्तार और लेन की सही समझ को बुरी तरह प्रभावित करता है। हेडलाइट्स की रोशनी कोहरा पड़ते ही वापस आंखों पर पड़ने लगती है, जिससे आगे की सड़क और वाहन स्पष्ट नहीं दिखते। प्रतिक्रिया समय बढ़ जाता है और आगे चल रहा वाहन अचानक ब्रेक लगाए तो पीछे से आने वाली गाड़ियां संभल नहीं पातीं। यही वजह है कि कोहरे में चेन रिएक्शन एक्सीडेंट होते हैं, जिनमें कई वाहन एक साथ फंस जाते हैं।
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ADAS का सपोर्ट
- फोटो : Tata Motors
लेवल-2 ADAS क्या है और कोहरे में क्यों जरूरी है
लेवल-2 एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम यानी ADAS ऐसी सुरक्षा तकनीक है, जिसमें एक साथ कई एक्टिव सेफ्टी फीचर्स काम करते हैं। भारत में मिलने वाली अधिकतर ADAS-सक्षम कारों में रडार और कैमरे का संयोजन होता है, जो आमतौर पर फ्रंट ग्रिल या विंडशील्ड के पीछे लगे होते हैं। कोहरे में रडार की अहमियत और बढ़ जाती है, क्योंकि यह खराब दृश्यता के बावजूद आगे चल रहे वाहन को पहचान सकता है। कैमरे के साथ मिलकर यह सिस्टम बेहतर ब्रेकिंग, ऑब्जेक्ट पहचान और लेन कंट्रोल में मदद करता है।
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लेवल-2 एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम यानी ADAS ऐसी सुरक्षा तकनीक है, जिसमें एक साथ कई एक्टिव सेफ्टी फीचर्स काम करते हैं। भारत में मिलने वाली अधिकतर ADAS-सक्षम कारों में रडार और कैमरे का संयोजन होता है, जो आमतौर पर फ्रंट ग्रिल या विंडशील्ड के पीछे लगे होते हैं। कोहरे में रडार की अहमियत और बढ़ जाती है, क्योंकि यह खराब दृश्यता के बावजूद आगे चल रहे वाहन को पहचान सकता है। कैमरे के साथ मिलकर यह सिस्टम बेहतर ब्रेकिंग, ऑब्जेक्ट पहचान और लेन कंट्रोल में मदद करता है।
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एडैप्टिव क्रूज कंट्रोल से सुरक्षित दूरी बनाए रखना
घने कोहरे में सबसे बड़ी दिक्कत सामने चल रही गाड़ी से सुरक्षित दूरी का अंदाजा लगाना होता है। एडैप्टिव क्रूज कंट्रोल इस समस्या को काफी हद तक कम करता है। यह रडार की मदद से आगे चल रहे वाहन से तय दूरी बनाए रखता है। अगर सामने वाली गाड़ी अचानक धीमी होती है, तो सिस्टम खुद ही स्पीड कम कर देता है और जरूरत पड़ने पर कार को पूरी तरह रोक भी सकता है। यमुना एक्सप्रेसवे या ईस्टर्न पेरिफेरल जैसे कोहरा प्रभावित मार्गों पर यह फीचर पीछे से होने वाली टक्करों के खतरे को काफी घटा सकता है।
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ADAS in India
- फोटो : Freepik
ऑटोमैटिक इमरजेंसी ब्रेकिंग से टल सकते हैं बड़े हादसे
ऑटोमैटिक इमरजेंसी ब्रेकिंग कोहरे में सबसे अहम ADAS फीचर्स में से एक मानी जाती है। जब सिस्टम को यह लगता है कि आगे टक्कर होने वाली है और ड्राइवर समय पर प्रतिक्रिया नहीं दे रहा, तो यह अपने आप ब्रेक लगा देता है। घने कोहरे में जहां दृश्यता 10 से 15 मीटर तक सीमित हो जाती है। वहां यह तकनीक गंभीर हादसे और मामूली बचाव के बीच का फर्क साबित हो सकती है। खासकर तब जब ट्रैफिक अचानक धीमा हो जाए।
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ऑटोमैटिक इमरजेंसी ब्रेकिंग कोहरे में सबसे अहम ADAS फीचर्स में से एक मानी जाती है। जब सिस्टम को यह लगता है कि आगे टक्कर होने वाली है और ड्राइवर समय पर प्रतिक्रिया नहीं दे रहा, तो यह अपने आप ब्रेक लगा देता है। घने कोहरे में जहां दृश्यता 10 से 15 मीटर तक सीमित हो जाती है। वहां यह तकनीक गंभीर हादसे और मामूली बचाव के बीच का फर्क साबित हो सकती है। खासकर तब जब ट्रैफिक अचानक धीमा हो जाए।
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टक्कर चेतावनी सिस्टम बढ़ाता है सतर्कता
फॉरवर्ड कोलिजन वार्निंग सिस्टम ड्राइवर को दृश्य और ध्वनि संकेतों के जरिए चेतावनी देता है कि वाहन आगे चल रही गाड़ी के बहुत करीब पहुंच रहा है। कोहरे में जहां गहराई और दूरी का अंदाजा लगाना मुश्किल होता है, यह अलर्ट ड्राइवर को समय रहते ब्रेक लगाने या दिशा सुधारने का मौका देता है और प्रतिक्रिया समय को बेहतर बनाता है।
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Driving
- फोटो : अमर उजाला
लेन सेंट्रिंग असिस्ट से गाड़ी रहती है सही दिशा में
लेन सेंट्रिंग असिस्ट कैमरे की मदद से सड़क पर बनी लेन मार्किंग को पहचानता है और गाड़ी को लेन के बीच में बनाए रखने के लिए हल्का स्टीयरिंग इनपुट देता है। हालांकि बहुत घने कोहरे या खराब मार्किंग वाली सड़कों पर इसका असर सीमित हो सकता है, लेकिन साफ लेन वाली हाईवे पर यह अनजाने में लेन बदलने या भटकने से बचाता है।
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रडार और कैमरा का संयोजन क्यों ज्यादा कारगर है
सिर्फ कैमरे पर आधारित सिस्टम कोहरे, बारिश या अंधेरे में कमजोर पड़ सकते हैं। इसके मुकाबले रडार आधारित सिस्टम इन हालात से ज्यादा प्रभावित नहीं होते। यही वजह है कि रडार और कैमरे का संयोजन भारतीय सर्दियों में ज्यादा भरोसेमंद साबित होता है। भारत में Hyundai, Honda, Mahindra, Tata और MG जैसी कंपनियों की नई कारों में यह तकनीक तेजी से देखने को मिल रही है।
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सिर्फ कैमरे पर आधारित सिस्टम कोहरे, बारिश या अंधेरे में कमजोर पड़ सकते हैं। इसके मुकाबले रडार आधारित सिस्टम इन हालात से ज्यादा प्रभावित नहीं होते। यही वजह है कि रडार और कैमरे का संयोजन भारतीय सर्दियों में ज्यादा भरोसेमंद साबित होता है। भारत में Hyundai, Honda, Mahindra, Tata और MG जैसी कंपनियों की नई कारों में यह तकनीक तेजी से देखने को मिल रही है।
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Car Driving Tips
- फोटो : FREEPIK
ADAS मददगार है, लेकिन सतर्क ड्राइविंग जरूरी
ADAS ड्राइवर की मदद के लिए है, उसका विकल्प नहीं। कोहरे में ड्राइव करते समय सावधानी सबसे जरूरी है। रफ्तार सामान्य से काफी कम रखनी चाहिए, फॉग लैंप का सही इस्तेमाल करना चाहिए और हाई बीम से बचना चाहिए। आगे चल रही गाड़ी से सामान्य से ज्यादा दूरी बनाए रखना, अचानक लेन बदलने और तेज ब्रेक लगाने से बचना और हर समय सतर्क रहना जरूरी है। तकनीक सुरक्षा को मजबूत बना सकती है, लेकिन जिम्मेदार ड्राइविंग ही कोहरे में सबसे बड़ा बचाव है।
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ADAS ड्राइवर की मदद के लिए है, उसका विकल्प नहीं। कोहरे में ड्राइव करते समय सावधानी सबसे जरूरी है। रफ्तार सामान्य से काफी कम रखनी चाहिए, फॉग लैंप का सही इस्तेमाल करना चाहिए और हाई बीम से बचना चाहिए। आगे चल रही गाड़ी से सामान्य से ज्यादा दूरी बनाए रखना, अचानक लेन बदलने और तेज ब्रेक लगाने से बचना और हर समय सतर्क रहना जरूरी है। तकनीक सुरक्षा को मजबूत बना सकती है, लेकिन जिम्मेदार ड्राइविंग ही कोहरे में सबसे बड़ा बचाव है।
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