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SUV vs Sedan Mileage: एसयूवी बनाम सेडान, ड्राइविंग में कौन सी कार देती है ज्यादा माइलेज?
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Fri, 19 Dec 2025 09:47 PM IST
सार
अगर आप कारों की दुनिया में नए हैं और अक्सर सोचते हैं कि "सेडान या एसयूवी में से कौन बेहतर माइलेज देती है?" ईंधन बचत के लिहाज से इनके बीच फर्क साफ दिखाई देता है।
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Citroen Basalt X
- फोटो : Citroen
भारत में कार खरीदते समय माइलेज आज भी सबसे अहम पैमानों में से एक है। पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच नए कार खरीदार अक्सर यह सवाल पूछते हैं कि Sedan (सेडान) बेहतर माइलेज देती है या एक SUV (एसयूवी) कार। दोनों ही बॉडी टाइप्स की अपनी खूबियां हैं। लेकिन रोजमर्रा की ड्राइविंग में ईंधन बचत के लिहाज से इनके बीच फर्क साफ दिखाई देता है। इसी फर्क को समझना सही फैसला लेने में मदद करता है।
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- फोटो : BMW
क्यों सेडान माइलेज में आगे रहती हैं
सेडान की ईंधन दक्षता के पीछे कई व्यावहारिक कारण हैं। इनका कुल वजन SUV की तुलना में कम होता है, जिससे खासकर शहर के ट्रैफिक में इंजन को कम ईंधन जलाना पड़ता है। इनकी लो-स्लंग और स्लीक बॉडी हवा के प्रतिरोध को कम करती है, जो हाईवे ड्राइविंग के दौरान माइलेज बढ़ाने में मदद करती है।
इसके अलावा, ज्यादातर सेडान में छोटे और ज्यादा एफिशिएंट इंजन दिए जाते हैं, जो रोजमर्रा की स्मूद ड्राइविंग के लिए बनाए जाते हैं, न कि खराब रास्तों या ऑफ-रोडिंग के लिए। यही वजह है कि भारत में पेट्रोल सेडान आमतौर पर 15 से 20 किमी प्रति लीटर और डीजल सेडान 21 से 22 किमी प्रति लीटर तक का माइलेज दे पाती हैं।
यह भी पढ़ें - New Electric Cars: 2025 में भारत में ईवी सेगमेंट का बड़ा विस्तार, इस साल लॉन्च हुईं ये सात इलेक्ट्रिक एसयूवी
सेडान की ईंधन दक्षता के पीछे कई व्यावहारिक कारण हैं। इनका कुल वजन SUV की तुलना में कम होता है, जिससे खासकर शहर के ट्रैफिक में इंजन को कम ईंधन जलाना पड़ता है। इनकी लो-स्लंग और स्लीक बॉडी हवा के प्रतिरोध को कम करती है, जो हाईवे ड्राइविंग के दौरान माइलेज बढ़ाने में मदद करती है।
इसके अलावा, ज्यादातर सेडान में छोटे और ज्यादा एफिशिएंट इंजन दिए जाते हैं, जो रोजमर्रा की स्मूद ड्राइविंग के लिए बनाए जाते हैं, न कि खराब रास्तों या ऑफ-रोडिंग के लिए। यही वजह है कि भारत में पेट्रोल सेडान आमतौर पर 15 से 20 किमी प्रति लीटर और डीजल सेडान 21 से 22 किमी प्रति लीटर तक का माइलेज दे पाती हैं।
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Mahindra Thar Roxx
- फोटो : Mahindra
SUV में ईंधन खपत क्यों ज़्यादा होती है
SUV की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है, लेकिन माइलेज अक्सर उनकी सबसे बड़ी ताकत नहीं होती। भारी बॉडी, मजबूत स्ट्रक्चर और बड़े साइज की वजह से इनमें ज्यादा मेटल का इस्तेमाल होता है, जिससे वजन बढ़ता है। ऊंची और चौड़ी बनावट हवा के ज्यादा प्रतिरोध का कारण बनती है, जिससे फ्यूल कंजम्पशन बढ़ता है।
इसके साथ ही बड़े इंजन, चौड़े टायर और कई मॉडलों में ऑल-व्हील ड्राइव जैसी तकनीकें भी ईंधन की खपत को और बढ़ा देती हैं। नतीजतन, पेट्रोल SUV आमतौर पर 10 से 15 किमी प्रति लीटर का माइलेज देती हैं, जबकि डीजल SUV कुछ मामलों में थोड़ा बेहतर प्रदर्शन कर पाती हैं।
यह भी पढ़ें - Vehicle Pollution: कैसे पहचानें कि आपका वाहन BS-VI है या नहीं, BS-6 और BS-4 में क्या है बड़ा अंतर
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इसके साथ ही बड़े इंजन, चौड़े टायर और कई मॉडलों में ऑल-व्हील ड्राइव जैसी तकनीकें भी ईंधन की खपत को और बढ़ा देती हैं। नतीजतन, पेट्रोल SUV आमतौर पर 10 से 15 किमी प्रति लीटर का माइलेज देती हैं, जबकि डीजल SUV कुछ मामलों में थोड़ा बेहतर प्रदर्शन कर पाती हैं।
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2025 Maruti Suzuki Grand Vitara
- फोटो : Maruti Suzuki
हाइब्रिड SUV ने बदला समीकरण
माइलेज की तस्वीर तब बदलती है, जब बात हाइब्रिड SUV की आती है। मारुति ग्रैंड विटारा हाइब्रिड जैसी कारें 27 से 28 किमी प्रति लीटर तक का माइलेज देने का दावा करती हैं, जो कई सेडान से भी बेहतर है। जहां पारंपरिक सेडान 15 से 20 किमी प्रति लीटर और सामान्य SUV 10 से 15 किमी प्रति लीटर तक सीमित रहती हैं। वहीं हाइब्रिड तकनीक वाली SUV को इस अंतर को पाटने में मदद कर रही है।
यह भी पढ़ें - Upcoming Car Launches 2026: नए साल में नई कारों की आएगी बाढ़, इन एसयूवी और इलेक्ट्रिक वाहनों पर रहेगी नजर
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2025 Tata Nexon
- फोटो : Tata Motors
जब माइलेज ही सब कुछ नहीं होता
हालांकि ईंधन बचत के मामले में सेडान आगे रहती हैं, लेकिन SUV की अपनी मजबूत खूबियां हैं। ज्यादा ग्राउंड क्लीयरेंस उन्हें खराब सड़कों और गड्ढों के लिए बेहतर बनाता है। बड़ी बूट स्पेस और आरामदायक केबिन की वजह से परिवार के साथ लंबी यात्राओं में SUV ज्यादा सुविधाजनक साबित होती हैं। इसके अलावा, ऊंची ड्राइविंग पोजिशन कई ड्राइवरों को सड़क पर बेहतर विजिबिलिटी और आत्मविश्वास देती है।
यह भी पढ़ें - Green Cess: उत्तराखंड में बाहरी निजी वाहनों का फास्टैग के जरिए कटेगा ग्रीन सेस, जल्द से जल्द लागू होगा फैसला
हालांकि ईंधन बचत के मामले में सेडान आगे रहती हैं, लेकिन SUV की अपनी मजबूत खूबियां हैं। ज्यादा ग्राउंड क्लीयरेंस उन्हें खराब सड़कों और गड्ढों के लिए बेहतर बनाता है। बड़ी बूट स्पेस और आरामदायक केबिन की वजह से परिवार के साथ लंबी यात्राओं में SUV ज्यादा सुविधाजनक साबित होती हैं। इसके अलावा, ऊंची ड्राइविंग पोजिशन कई ड्राइवरों को सड़क पर बेहतर विजिबिलिटी और आत्मविश्वास देती है।
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