Car: कार में बैठने के 5 जरूरी नियम, कौन सी हैं वो आदतें जो ड्राइवर को सबसे ज्यादा परेशान करती हैं?
कई बार पैसेंजर अनजाने में ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जो ड्राइवर का ध्यान भटका देती हैं और सफर को असुरक्षित बना सकती हैं। इस लेख में हम कार में बैठने वाले शिष्टाचार के 5 अहम नियम बताने वाले हैं।
विस्तार
कार सिर्फ आने-जाने का साधन नहीं होती, बल्कि कार मालिक के लिए यह एक तरह की पर्सनल स्पेस होती है। यहां वे अपनी शर्तों पर रिलैक्स होकर ड्राइव करना पसंद करते हैं। लेकिन जैसे ही कोई पैसेंजर कार में बैठता है, यह शांति भंग हो सकती है। कई बार पैसेंजर्स जाने-अनजाने में कुछ ऐसी हरकतें करते हैं जो ड्राइवर को परेशान कर देती हैं। चाहे वह कचरा फैलाना हो या अजीब आवाजें निकालना, ऐसी आदतें कार मालिक के अनुभव को खराब कर सकती हैं। इस लेख में हम कार शिष्टाचार के उन 5 नियमों के बारे में बता रहे हैं, जिनका पालन हर पैसेंजर को करना चाहिए ताकि सफर सुरक्षित और सुखद रहे।
1. ड्राइवर का ध्यान न भटकाएं
अक्सर पैसेंजर्स फ्रंट सीट पर बैठते ही यह मान लेते हैं कि कार के डैशबोर्ड पर उनका भी उतना ही हक है। अपनी मर्जी से गाने बदलना या एसी की सेटिंग्स छेड़ना सही नहीं है। हो सकता है ड्राइवर ने अपनी एकाग्रता बनाए रखने के लिए कुछ खास सेटिंग्स की हों। बिना पूछे ड्राइवर की प्लेलिस्ट बदलना या बहुत तेज आवाज में गाना बजाना ड्राइवर का ध्यान भंग कर सकता है। अचानक जोर से चिल्लाना, जोर-जोर से बातें करना या ड्राइवर का ध्यान सड़क से हटाकर अपनी बातों पर ले जाना खतरनाक हो सकता है। सुरक्षित सफर के लिए ड्राइवर का मानसिक संतुलन और ध्यान सबसे जरूरी है।
2. डैशबोर्ड पर पैर न रखें
डैशबोर्ड पर पैर रखकर बैठना आजकल एक 'कूल' ट्रेंड बन गया है, लेकिन यह कार में की जाने वाली सबसे खतरनाक गलतियों में से एक है। एक्सीडेंट की स्थिति में एयरबैग्स 300 किमी प्रति घंटे से भी ज्यादा की रफ्तार से खुलते हैं। अगर आपके पैर डैशबोर्ड पर हैं, तो एयरबैग खुलने पर आपके पैर सीधे आपके चेहरे और शरीर से टकराएंगे। इससे पेल्विस और पैरों की हड्डियां बुरी तरह टूट सकती हैं। जूतों में लगी गंदगी और बैक्टीरिया डैशबोर्ड को गंदा करते हैं। अगर आप नंगे पैर भी हैं, तो भी पैरों के निशान और पसीना डैशबोर्ड के मटीरियल को खराब कर सकता है। डैशबोर्ड फुटरेस्ट नहीं है, इसलिए अपने पैर फ्लोर मैट पर ही रखें।
3. बैकसीट ड्राइविंग से बचें
एक मददगार सह-यात्री और 'बैकसीट ड्राइवर' में बहुत बड़ा अंतर होता है। ड्राइवर की मदद करना जैसे रास्ता बताना या खतरे के प्रति आगाह करना अच्छा है, लेकिन हर छोटी बात पर टोकना गलत है। लेन बदलने या रूट के चुनाव पर लगातार आलोचना करना ड्राइवर के दिमाग पर बोझ डालता है। एक सर्वे के अनुसार 70% ड्राइवरों को बैकसीट ड्राइविंग से चिढ़ होती है और इससे गलती होने की संभावना बढ़ जाती है। जब तक आप स्टीयरिंग व्हील के पीछे नहीं हैं, तब तक ड्राइवर के फैसलों पर भरोसा रखें।
4. दरवाजा जोर से न बंद करें
आजकल की मॉडर्न कारों के दरवाजे बहुत ही सटीक इंजीनियरिंग से बने होते हैं। उन्हें बंद करने के लिए ताकत की नहीं, बस एक हल्के धक्के की जरूरत होती है। दरवाजा जोर से बंद करने से कार की खिड़कियों के रेगुलेटर, दरवाजों के हिंज और लॉक मैकेनिज्म खराब हो सकते हैं। कार मालिक को पता होता है कि दरवाजा कितनी जोर से बंद करना है, इसलिए उन्हें फॉलो करें। दरवाजा पटकना कार मालिक के प्रति अनादर दिखाता है।
5. कार में खाने से पहले अनुमति लें
सोशल मीडिया पर कार में बैठकर खाना-पीना आम बात लगती है, लेकिन असलियत में यह कार मालिकों के लिए सरदर्द बन सकता है। चिप्स के टुकड़े सीट की सिलाई में फंस जाते हैं और ड्रिंक्स गिरने से सीट पर हमेशा के लिए दाग लग सकते हैं। इससे कार की रीसेल वैल्यू भी कम होती है। किसी की कार में कुछ भी खाने से पहले हमेशा पूछें। अगर वे अनुमति देते हैं, तो यह आपकी जिम्मेदारी है कि आप सफाई का ध्यान रखें। गाड़ी से उतरते समय अपने चिप्स के रैपर, नैपकिन और खाली बोतलें अपने साथ ले जाना न भूलें।