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Used Vehicles: सेकेंड हैंड वाहनों के कारोबार पर सख्ती, दिल्ली में पुराने वाहन डीलरों का पंजीकरण अनिवार्य
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Thu, 18 Dec 2025 11:41 PM IST
सार
दिल्ली सरकार ने पुराने वाहनों की खरीद-बिक्री में शामिल सभी डीलरों के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है। जिससे सेकंड-हैंड ऑटोमोबाइल मार्केट पर निगरानी कड़ी हो गई है।
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Used Vehicles
- फोटो : Freepik
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विस्तार
दिल्ली सरकार ने सेकेंड-हैंड वाहनों की खरीद-बिक्री से जुड़े कारोबार पर निगरानी बढ़ाते हुए सभी इस्तेमाल किए गए वाहन डीलर्स के लिए पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है। यह फैसला राजधानी में हाल ही में सामने आई सुरक्षा चिंताओं के बाद लिया गया है। जिसमें एक पुराने वाहन के कथित रूप से लाल किला के पास हुए धमाके में शामिल होने की बात सामने आई थी। इस घटना ने यूज्ड व्हीकल मार्केट में ट्रेसबिलिटी और रिकॉर्ड-कीपिंग की कमियों को उजागर किया था।
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बिना पंजीकरण कारोबार पर रोक
परिवहन विभाग द्वारा 15 दिसंबर को जारी आदेश के अनुसार, अब कोई भी व्यक्ति या संस्था बिना वैध प्राधिकरण प्रमाणपत्र के पुराने वाहनों की खरीद-बिक्री का व्यवसाय नहीं कर सकेगी। नए नियमों के तहत सभी डीलर्स को एक विशेष ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण कराना होगा और निर्धारित शुल्क का भुगतान करना होगा। पोर्टल के शुरू होने के बाद मौजूदा डीलर्स को रजिस्ट्रेशन के लिए 15 दिनों की समय-सीमा दी जाएगी।
परिवहन विभाग के पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि जो भी लोग पुराने वाहनों की खरीद-बिक्री के कारोबार से जुड़े हैं, उन्हें तय अवधि के भीतर पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।
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परिवहन विभाग द्वारा 15 दिसंबर को जारी आदेश के अनुसार, अब कोई भी व्यक्ति या संस्था बिना वैध प्राधिकरण प्रमाणपत्र के पुराने वाहनों की खरीद-बिक्री का व्यवसाय नहीं कर सकेगी। नए नियमों के तहत सभी डीलर्स को एक विशेष ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण कराना होगा और निर्धारित शुल्क का भुगतान करना होगा। पोर्टल के शुरू होने के बाद मौजूदा डीलर्स को रजिस्ट्रेशन के लिए 15 दिनों की समय-सीमा दी जाएगी।
परिवहन विभाग के पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि जो भी लोग पुराने वाहनों की खरीद-बिक्री के कारोबार से जुड़े हैं, उन्हें तय अवधि के भीतर पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।
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हर दिन सैकड़ों पुराने वाहनों का लेन-देन
सरकारी अनुमान के मुताबिक, दिल्ली में प्रतिदिन करीब 600 से 700 पुराने वाहनों की बिक्री होती है। वर्ष 2025 में अब तक लगभग 2.36 लाख वाहनों के स्वामित्व का हस्तांतरण हो चुका है। इतनी बड़ी संख्या में लेन-देन के बावजूद रिकॉर्ड अपडेट न होने से सुरक्षा एजेंसियों को कई बार जांच में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है।
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सरकारी अनुमान के मुताबिक, दिल्ली में प्रतिदिन करीब 600 से 700 पुराने वाहनों की बिक्री होती है। वर्ष 2025 में अब तक लगभग 2.36 लाख वाहनों के स्वामित्व का हस्तांतरण हो चुका है। इतनी बड़ी संख्या में लेन-देन के बावजूद रिकॉर्ड अपडेट न होने से सुरक्षा एजेंसियों को कई बार जांच में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है।
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लाल किला धमाके के बाद तेज हुई कार्रवाई
यह फैसला 8 दिसंबर को विशेष सचिव (परिवहन) की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद लिया गया, जिसमें सुरक्षा को मजबूत करने के उपायों पर चर्चा हुई थी। अधिकारियों ने बताया कि लाल किला के पास हुई हालिया घटना में जिस वाहन का इस्तेमाल हुआ था, वह दिल्ली में रजिस्टर्ड था और कई बार बेचा गया था। लेकिन उसके रिकॉर्ड समय पर अपडेट नहीं किए गए थे। इससे जांच प्रक्रिया जटिल हो गई थी।
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यह फैसला 8 दिसंबर को विशेष सचिव (परिवहन) की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद लिया गया, जिसमें सुरक्षा को मजबूत करने के उपायों पर चर्चा हुई थी। अधिकारियों ने बताया कि लाल किला के पास हुई हालिया घटना में जिस वाहन का इस्तेमाल हुआ था, वह दिल्ली में रजिस्टर्ड था और कई बार बेचा गया था। लेकिन उसके रिकॉर्ड समय पर अपडेट नहीं किए गए थे। इससे जांच प्रक्रिया जटिल हो गई थी।
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वाहन बिक्री की नई प्रक्रिया क्या होगी
नए सिस्टम के लागू होने के बाद वाहन बेचने के इच्छुक व्यक्ति को या तो स्वयं क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) में उपस्थित होना होगा या फिर लेन-देन किसी पंजीकृत डीलर के माध्यम से करना होगा। यदि वाहन मालिक व्यक्तिगत रूप से मौजूद नहीं है, तो बिक्री केवल अधिकृत डीलर के जरिए ही की जा सकेगी। ऐसी स्थिति में वाहन मालिक को फॉर्म 29C के माध्यम से परिवहन विभाग को सूचित करना अनिवार्य होगा।
वाहन डीलर के पास सौंपे जाने के बाद, अंतिम ट्रांसफर पूरा होने तक वह डीलर "डीम्ड ओनर" यानी अस्थायी मालिक माना जाएगा। और वाहन से जुड़े सभी दस्तावेजों की जिम्मेदारी उसी की होगी। डीलर्स को वाहन ट्रांसफर रजिस्टर और स्टॉक रजिस्टर सहित सभी लेन-देन का विस्तृत रिकॉर्ड भी रखना होगा।
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नए सिस्टम के लागू होने के बाद वाहन बेचने के इच्छुक व्यक्ति को या तो स्वयं क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) में उपस्थित होना होगा या फिर लेन-देन किसी पंजीकृत डीलर के माध्यम से करना होगा। यदि वाहन मालिक व्यक्तिगत रूप से मौजूद नहीं है, तो बिक्री केवल अधिकृत डीलर के जरिए ही की जा सकेगी। ऐसी स्थिति में वाहन मालिक को फॉर्म 29C के माध्यम से परिवहन विभाग को सूचित करना अनिवार्य होगा।
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जन-जागरूकता अभियान भी शुरू करेगी सरकार
दिल्ली सरकार इस नई व्यवस्था की जानकारी आम नागरिकों तक पहुंचाने के लिए व्यापक जन-जागरूकता अभियान चलाएगी। इसके तहत एसएमएस, व्हाट्सएप संदेश, नोटिस और जिंगल्स के जरिए लोगों को बताया जाएगा कि अब पुराने वाहन खरीदने या बेचने की प्रक्रिया कैसे बदलेगी।
सरकार का मानना है कि इस कदम से न सिर्फ सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि सेकेंड-हैंड वाहन बाजार में पारदर्शिता और जवाबदेही भी बढ़ेगी।
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