{"_id":"694417c4b9ccb140260af7e6","slug":"tata-motors-opposes-cafe-exemptions-for-small-petrol-cars-warns-of-impact-on-ev-push-and-vehicle-safety-2025-12-18","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"CAFE: छोटे पेट्रोल वाहनों को कैफे छूट का टाटा मोटर्स ने किया विरोध, ईवी और सुरक्षा पर असर की चेतावनी","category":{"title":"Automobiles","title_hn":"ऑटो-वर्ल्ड","slug":"automobiles"}}
CAFE: छोटे पेट्रोल वाहनों को कैफे छूट का टाटा मोटर्स ने किया विरोध, ईवी और सुरक्षा पर असर की चेतावनी
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Thu, 18 Dec 2025 08:33 PM IST
सार
टाटा मोटर्स ने छोटी पेट्रोल गाड़ियों को कॉर्पोरेट एवरेज फ्यूल एफिशिएंसी (CAFE) नियमों से छूट देने के प्रस्ताव का विरोध किया है।
विज्ञापन
Tata Nexon EV
- फोटो : Tata Motors
विज्ञापन
विस्तार
ईंधन दक्षता से जुड़े कॉर्पोरेट एवरेज फ्यूल एफिशिएंसी (CAFE) (कैफे) मानकों में छोटे पेट्रोल वाहनों को छूट देने के प्रस्ताव पर टाटा मोटर्स ने कड़ा रुख अपनाया है। कंपनी का कहना है कि इस तरह की रियायतें टिकाऊ तकनीकों पर फोकस को कमजोर कर सकती हैं। और देश में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने की कोशिशों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, टाटा मोटर्स ने इस संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर अपनी चिंताएं दर्ज कराई हैं।
यह भी पढ़ें - Nitin Gadkari: 'टोल प्लाजा पर 80 Kmph की रफ्तार से गुजरेंगी गाड़ियां', नितिन गडकरी ने बताया क्या है नया सिस्टम
Trending Videos
यह भी पढ़ें - Nitin Gadkari: 'टोल प्लाजा पर 80 Kmph की रफ्तार से गुजरेंगी गाड़ियां', नितिन गडकरी ने बताया क्या है नया सिस्टम
विज्ञापन
विज्ञापन
छोटे पेट्रोल वाहनों को राहत से ईवी अपनाने पर असर का तर्क
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई स्थित वाहन निर्माता ने पीएमओ में शक्तिकांत दास को लिखे अपने पत्र में कहा है कि 909 किलोग्राम तक वजन, 1200 सीसी तक इंजन क्षमता और 4,000 मिमी तक लंबाई वाले पेट्रोल वाहनों को कैफे मानकों से छूट देना भारत में स्वच्छ और टिकाऊ तकनीकों को अपनाने की रफ्तार को धीमा कर सकता है। कंपनी के मुताबिक, इस तरह की छूट से उन प्रयासों को झटका लगेगा, जो भविष्य की तकनीकों में छलांग लगाने के लिए किए जा रहे हैं।
यह भी पढ़ें - GRAP-4: दिल्ली-एनसीआर में लागू हुए कड़े प्रदूषण नियम, जानें ताजा पाबंदियों से किन्हें मिली छूट
ईवी बिक्री में बढ़ोतरी का हवाला, नियमों में ढील पर चेतावनी
टाटा मोटर्स ने यह भी रेखांकित किया कि भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर किए गए प्रयास अब नतीजे दिखाने लगे हैं। और यात्री वाहनों की कुल बिक्री में ईवी की हिस्सेदारी करीब 5 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है। कंपनी का मानना है कि इस अहम मोड़ पर अगर कैफे मानकों में ढील दी गई, तो ईवी अपनाने की मौजूदा गति कमजोर पड़ सकती है और नीति की दिशा को लेकर भ्रम पैदा हो सकता है।
यह भी पढ़ें - Supreme Court: सरकार BS-IV से पुराने वाहनों पर कर सकती है कार्रवाई, सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में किया बदलाव
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई स्थित वाहन निर्माता ने पीएमओ में शक्तिकांत दास को लिखे अपने पत्र में कहा है कि 909 किलोग्राम तक वजन, 1200 सीसी तक इंजन क्षमता और 4,000 मिमी तक लंबाई वाले पेट्रोल वाहनों को कैफे मानकों से छूट देना भारत में स्वच्छ और टिकाऊ तकनीकों को अपनाने की रफ्तार को धीमा कर सकता है। कंपनी के मुताबिक, इस तरह की छूट से उन प्रयासों को झटका लगेगा, जो भविष्य की तकनीकों में छलांग लगाने के लिए किए जा रहे हैं।
यह भी पढ़ें - GRAP-4: दिल्ली-एनसीआर में लागू हुए कड़े प्रदूषण नियम, जानें ताजा पाबंदियों से किन्हें मिली छूट
ईवी बिक्री में बढ़ोतरी का हवाला, नियमों में ढील पर चेतावनी
टाटा मोटर्स ने यह भी रेखांकित किया कि भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर किए गए प्रयास अब नतीजे दिखाने लगे हैं। और यात्री वाहनों की कुल बिक्री में ईवी की हिस्सेदारी करीब 5 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है। कंपनी का मानना है कि इस अहम मोड़ पर अगर कैफे मानकों में ढील दी गई, तो ईवी अपनाने की मौजूदा गति कमजोर पड़ सकती है और नीति की दिशा को लेकर भ्रम पैदा हो सकता है।
यह भी पढ़ें - Supreme Court: सरकार BS-IV से पुराने वाहनों पर कर सकती है कार्रवाई, सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में किया बदलाव
Maruti Suzuki WagonR
- फोटो : Maruti Suzuki
वाहन सुरक्षा को लेकर भी जताई गंभीर चिंता
ईंधन दक्षता के साथ-साथ टाटा मोटर्स ने सुरक्षा से जुड़े पहलुओं पर भी सवाल उठाए हैं। कंपनी का कहना है कि अगर वजन के आधार पर छूट दी जाती है, तो इससे वाहन निर्माता जरूरी सुरक्षा फीचर्स को हटाकर वजन कम करने के लिए प्रेरित हो सकते हैं। ऐसा होने पर पिछले कुछ वर्षों में वाहन सुरक्षा के क्षेत्र में हासिल की गई प्रगति को नुकसान पहुंचने का खतरा है।
यह भी पढ़ें - Overspeeding: वर्ली सी लिंक पर लैंबॉर्गिनी 252 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ी, वीडियो वायरल होने के बाद गाड़ी जब्त
ईंधन दक्षता के साथ-साथ टाटा मोटर्स ने सुरक्षा से जुड़े पहलुओं पर भी सवाल उठाए हैं। कंपनी का कहना है कि अगर वजन के आधार पर छूट दी जाती है, तो इससे वाहन निर्माता जरूरी सुरक्षा फीचर्स को हटाकर वजन कम करने के लिए प्रेरित हो सकते हैं। ऐसा होने पर पिछले कुछ वर्षों में वाहन सुरक्षा के क्षेत्र में हासिल की गई प्रगति को नुकसान पहुंचने का खतरा है।
यह भी पढ़ें - Overspeeding: वर्ली सी लिंक पर लैंबॉर्गिनी 252 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ी, वीडियो वायरल होने के बाद गाड़ी जब्त
विशेष श्रेणी बनाने के खिलाफ सरकार से अपील
कंपनी ने सरकार से आग्रह किया है कि कैफे मानकों में रियायत देने के लिए आकार या वजन के आधार पर वाहनों की कोई अलग श्रेणी न बनाई जाए। टाटा मोटर्स के अनुसार, ऐसा कदम शून्य-उत्सर्जन तकनीकों की दिशा में बढ़ते कदमों, सड़क सुरक्षा और सभी वाहन निर्माताओं के लिए समान प्रतिस्पर्धी माहौल के विपरीत होगा।
यह भी पढ़ें - Car Ban: दिल्ली में प्रदूषण पर सख्ती, एनसीआर से आने वाले 12 लाख वाहनों पर असर, जानें पूरी डिटेल्स
कंपनी ने सरकार से आग्रह किया है कि कैफे मानकों में रियायत देने के लिए आकार या वजन के आधार पर वाहनों की कोई अलग श्रेणी न बनाई जाए। टाटा मोटर्स के अनुसार, ऐसा कदम शून्य-उत्सर्जन तकनीकों की दिशा में बढ़ते कदमों, सड़क सुरक्षा और सभी वाहन निर्माताओं के लिए समान प्रतिस्पर्धी माहौल के विपरीत होगा।
यह भी पढ़ें - Car Ban: दिल्ली में प्रदूषण पर सख्ती, एनसीआर से आने वाले 12 लाख वाहनों पर असर, जानें पूरी डिटेल्स
Hyundai Exter
- फोटो : Amar Sharma
ड्राफ्ट CAFE नियमों की पृष्ठभूमि
टाटा मोटर्स की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय आई है, जब सरकार ने अप्रैल 2027 से मार्च 2032 की अवधि के लिए ड्राफ्ट कैफे नियम जारी किए हैं। इस प्रस्तावित ढांचे के तहत वाहन निर्माताओं के लिए फ्लीट स्तर पर ईंधन दक्षता और कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य और सख्त किए गए हैं, हालांकि छोटे पेट्रोल वाहनों के लिए कुछ राहत उपाय भी सुझाए गए हैं।
यह भी पढ़ें - Maruti WagonR: मारुति सुजुकी वैगनआर में स्विवेल सीट, बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए नई पहल, जानें इसके फायदे
टाटा मोटर्स की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय आई है, जब सरकार ने अप्रैल 2027 से मार्च 2032 की अवधि के लिए ड्राफ्ट कैफे नियम जारी किए हैं। इस प्रस्तावित ढांचे के तहत वाहन निर्माताओं के लिए फ्लीट स्तर पर ईंधन दक्षता और कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य और सख्त किए गए हैं, हालांकि छोटे पेट्रोल वाहनों के लिए कुछ राहत उपाय भी सुझाए गए हैं।
यह भी पढ़ें - Maruti WagonR: मारुति सुजुकी वैगनआर में स्विवेल सीट, बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए नई पहल, जानें इसके फायदे
नीति की स्थिरता से भारत बन सकता है ईवी लीडर
कंपनी ने दोहराया कि कैफे मानकों का मूल उद्देश्य वाहन निर्माताओं को अपने पूरे पोर्टफोलियो में टिकाऊ तकनीकों को अपनाने के लिए प्रेरित करना है। किसी एक उप-श्रेणी को छूट देने से इलेक्ट्रिक वाहनों जैसी तकनीकों में निवेश का प्रोत्साहन कम हो सकता है। टाटा मोटर्स का मानना है कि यदि नीति में स्थिरता बनी रही और फोकस बरकरार रखा गया, तो आने वाले वर्षों में भारत शून्य-उत्सर्जन वाहनों के निर्माण और उपयोग में अग्रणी देशों में शामिल हो सकता है।
यह भी पढ़ें - Triumph Tracker 400: ट्रायम्फ की 400 सीसी रेंज में नया नाम, यूके में लॉन्च हुआ ट्रैकर 400, क्या भारत में आएगी?
यह भी पढ़ें - Electric Vehicles: ईयू उत्सर्जन लक्ष्यों को कर रहा कमजोर, यूरोप के रुख से दबाव में ब्रिटेन के ईवी लक्ष्य
कंपनी ने दोहराया कि कैफे मानकों का मूल उद्देश्य वाहन निर्माताओं को अपने पूरे पोर्टफोलियो में टिकाऊ तकनीकों को अपनाने के लिए प्रेरित करना है। किसी एक उप-श्रेणी को छूट देने से इलेक्ट्रिक वाहनों जैसी तकनीकों में निवेश का प्रोत्साहन कम हो सकता है। टाटा मोटर्स का मानना है कि यदि नीति में स्थिरता बनी रही और फोकस बरकरार रखा गया, तो आने वाले वर्षों में भारत शून्य-उत्सर्जन वाहनों के निर्माण और उपयोग में अग्रणी देशों में शामिल हो सकता है।
यह भी पढ़ें - Triumph Tracker 400: ट्रायम्फ की 400 सीसी रेंज में नया नाम, यूके में लॉन्च हुआ ट्रैकर 400, क्या भारत में आएगी?
यह भी पढ़ें - Electric Vehicles: ईयू उत्सर्जन लक्ष्यों को कर रहा कमजोर, यूरोप के रुख से दबाव में ब्रिटेन के ईवी लक्ष्य