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Nitin Gadkari: 'टोल प्लाजा पर 80 Kmph की रफ्तार से गुजरेंगी गाड़ियां', नितिन गडकरी ने बताया क्या है नया सिस्टम
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Thu, 18 Dec 2025 07:21 PM IST
सार
नया सैटेलाइट-आधारित टोल फीस सिस्टम जो 2026 से काम करना शुरू करेगा, जिसमें हाई-स्पीड कैमरे शामिल होंगे।
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केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी
- फोटो : एएनआई (फाइल)
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विस्तार
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने देश के हाईवे सिस्टम में बड़े बदलाव का संकेत देते हुए कहा है कि अगले साल से कारें टोल प्लाजा पर 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बिना रुके गुजर सकेंगी। यह सुविधा केवल सफर को तेज बनाने तक सीमित नहीं होगी। बल्कि इसके साथ ट्रैफिक नियमों के सख्त पालन की व्यवस्था भी अपने आप लागू हो जाएगी।
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2026 से लागू होगा सैटेलाइट आधारित टोल सिस्टम
संसद में जानकारी देते हुए नितिन गडकरी ने बताया कि 2026 से सैटेलाइट आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम काम करना शुरू कर देगा। इस नई व्यवस्था में हाई-स्पीड कैमरे वाहनों की नंबर प्लेट और FASTag (फास्टैग) की तस्वीरें लेंगे। इसके बाद टोल शुल्क वाहन से जुड़े बैंक खाते से अपने आप कट जाएगा। इससे टोल बूथ पर रुकने की जरूरत खत्म हो जाएगी और यातायात का प्रवाह सुचारु रहेगा।
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संसद में जानकारी देते हुए नितिन गडकरी ने बताया कि 2026 से सैटेलाइट आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम काम करना शुरू कर देगा। इस नई व्यवस्था में हाई-स्पीड कैमरे वाहनों की नंबर प्लेट और FASTag (फास्टैग) की तस्वीरें लेंगे। इसके बाद टोल शुल्क वाहन से जुड़े बैंक खाते से अपने आप कट जाएगा। इससे टोल बूथ पर रुकने की जरूरत खत्म हो जाएगी और यातायात का प्रवाह सुचारु रहेगा।
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टोल टैक्स
- फोटो : अमर उजाला डिजिटल
तेज रफ्तार पकड़ने में मदद करेगा नया सिस्टम
इस नई तकनीक के जरिए ओवरस्पीडिंग पर भी प्रभावी नियंत्रण संभव होगा। अगर कोई वाहन दो टोल प्लाजा के बीच सामान्य समय से कहीं पहले पहुंचता है, तो सिस्टम यह समझ लेगा कि वाहन तेज रफ्तार में चलाया गया है। ऐसे मामलों में ऑटोमैटिक रूप से चालान जारी किया जा सकेगा। मंत्री के मुताबिक, सैटेलाइट तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से रफ्तार और अन्य मापदंडों की सटीक निगरानी की जाएगी।
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इस नई तकनीक के जरिए ओवरस्पीडिंग पर भी प्रभावी नियंत्रण संभव होगा। अगर कोई वाहन दो टोल प्लाजा के बीच सामान्य समय से कहीं पहले पहुंचता है, तो सिस्टम यह समझ लेगा कि वाहन तेज रफ्तार में चलाया गया है। ऐसे मामलों में ऑटोमैटिक रूप से चालान जारी किया जा सकेगा। मंत्री के मुताबिक, सैटेलाइट तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से रफ्तार और अन्य मापदंडों की सटीक निगरानी की जाएगी।
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ईंधन की बचत और सरकारी राजस्व में इजाफा
नितिन गडकरी ने कहा कि टोल प्लाजा पर वाहनों को रोकने की जरूरत खत्म होने से ईंधन की बड़ी बचत होगी। अनुमान के मुताबिक, इससे हर वाहन मालिक को औसतन करीब 1,500 रुपये तक की बचत हो सकती है। इसके साथ ही सरकार के राजस्व में भी करीब 6,000 करोड़ रुपये का इजाफा होने की संभावना जताई गई है। जिसे भविष्य की जरूरतों के लिए सुरक्षित रखा जा सकेगा।
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नितिन गडकरी ने कहा कि टोल प्लाजा पर वाहनों को रोकने की जरूरत खत्म होने से ईंधन की बड़ी बचत होगी। अनुमान के मुताबिक, इससे हर वाहन मालिक को औसतन करीब 1,500 रुपये तक की बचत हो सकती है। इसके साथ ही सरकार के राजस्व में भी करीब 6,000 करोड़ रुपये का इजाफा होने की संभावना जताई गई है। जिसे भविष्य की जरूरतों के लिए सुरक्षित रखा जा सकेगा।
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टोल प्लाजा
- फोटो : संवाद
राष्ट्रीय राजमार्गों पर गुणवत्ता को लेकर सख्त रुख
संसद में बोलते हुए गडकरी ने सड़क निर्माण की गुणवत्ता पर भी सख्त रुख दोहराया। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी जिम्मेदारी केवल राष्ट्रीय राजमार्गों तक सीमित है, न कि राज्य, शहरी या ग्रामीण सड़कों तक। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर खराब काम करने वाले ठेकेदारों को दो साल के लिए ब्लैकलिस्ट किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर आपराधिक प्रक्रिया संहिता के तहत कार्रवाई से भी पीछे नहीं हटेंगे।
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टोल संचालन की लागत भी होगी कम
सैटेलाइट आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम से टोल प्लाजा पर कर्मचारियों की बड़ी संख्या की जरूरत भी खत्म हो जाएगी। यह सिस्टम ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एनालिटिक्स और RFID आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन तकनीक का संयोजन होगा। इससे संचालन लागत घटेगी और टोल कलेक्शन प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और कुशल बनेगी।
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राष्ट्रीय राजमार्ग
- फोटो : अमर उजाला
हाईवे सफर में बड़ा बदलाव
सरकार का मानना है कि यह नई तकनीक हाईवे पर सफर का अनुभव पूरी तरह बदल देगी। जहां एक ओर यात्रा तेज और सुविधाजनक होगी, वहीं दूसरी ओर नियमों का उल्लंघन करना भी आसान नहीं रहेगा। टोल प्लाजा पर रुकने की झंझट खत्म होने के साथ-साथ ओवरस्पीडिंग पर लगाम लगाने में भी यह सिस्टम अहम भूमिका निभाएगा।
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