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Auto Exports: भारत के ऑटो निर्यात ने तोड़ा रिकॉर्ड, FY26 की पहली छमाही में 31.4 लाख यूनिट्स की बिक्री
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Wed, 22 Oct 2025 01:04 PM IST
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सार
वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही भारत के ऑटो उद्योग के लिए ऐतिहासिक साबित हुई है। घरेलू बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद, "मेड इन इंडिया" वाहनों की मांग दुनिया भर में लगातार बढ़ती रही।

Nissan Magnite SUV Car Export
- फोटो : Nissan
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विस्तार
वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही भारत के ऑटो उद्योग के लिए ऐतिहासिक साबित हुई है। घरेलू बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद, "मेड इन इंडिया" वाहनों की मांग दुनिया भर में लगातार बढ़ती रही। पिछले छह महीनों की यह कहानी सिर्फ आंकड़ों की नहीं है, बल्कि इस बात की है कि कैसे भारत अब ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग और मोबिलिटी का मजबूत हब बनता जा रहा है।
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ऑटो एक्सपोर्ट्स में रिकॉर्ड उछाल
अप्रैल से सितंबर 2025 के बीच भारत ने कुल 31.43 लाख वाहनों का एक्सपोर्ट (निर्यात) किया, जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 24.3 प्रतिशत ज्यादा है। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) (सियाम) के आंकड़े बताते हैं कि भारत का निर्यात मोर्चा अब पहले से कहीं ज्यादा मजबूत हुआ है।
पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में निर्यात में 22.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई और 14.57 लाख यूनिट्स भेजी गईं। दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में यह ग्रोथ बढ़कर 26.2 प्रतिशत हो गई और 16.85 लाख यूनिट्स निर्यात हुईं। यह बढ़त अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और ASEAN जैसे बाजारों में भारतीय वाहन निर्माताओं के बढ़ते भरोसे को दर्शाती है।
इस ग्रोथ की रीढ़ बने टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर सेगमेंट, जो लगातार अपने भरोसेमंद प्रदर्शन से भारत के एक्सपोर्ट आंकड़ों को ऊपर ले जा रहे हैं।
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अप्रैल से सितंबर 2025 के बीच भारत ने कुल 31.43 लाख वाहनों का एक्सपोर्ट (निर्यात) किया, जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 24.3 प्रतिशत ज्यादा है। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) (सियाम) के आंकड़े बताते हैं कि भारत का निर्यात मोर्चा अब पहले से कहीं ज्यादा मजबूत हुआ है।
पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में निर्यात में 22.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई और 14.57 लाख यूनिट्स भेजी गईं। दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में यह ग्रोथ बढ़कर 26.2 प्रतिशत हो गई और 16.85 लाख यूनिट्स निर्यात हुईं। यह बढ़त अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और ASEAN जैसे बाजारों में भारतीय वाहन निर्माताओं के बढ़ते भरोसे को दर्शाती है।
इस ग्रोथ की रीढ़ बने टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर सेगमेंट, जो लगातार अपने भरोसेमंद प्रदर्शन से भारत के एक्सपोर्ट आंकड़ों को ऊपर ले जा रहे हैं।
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पैसेंजर व्हीकल्स: दो तिमाहियों की दिलचस्प कहानी
पैसेंजर व्हीकल (PV) एक्सपोर्ट्स में 19.3 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की गई, और 4,40,681 यूनिट्स विदेश भेजी गईं। लेकिन तिमाही के हिसाब से देखें तो तस्वीर थोड़ी अलग रही।
पहली तिमाही में 13.2 प्रतिशत की बढ़त (2,04,592 यूनिट्स) दर्ज हुई, जबकि दूसरी तिमाही में यह ग्रोथ 23 प्रतिशत (2,42,001 यूनिट्स) तक पहुंच गई। इसका सबसे बड़ा श्रेय यूटीलीटी व्हीकल (UV) यानी SUV सेगमेंट को जाता है, जिसकी मांग भारत के साथ-साथ विदेशी बाजारों में भी लगातार बढ़ रही है।
एसयूवी निर्यात में 26 प्रतिशत की वृद्धि हुई और 2,11,373 यूनिट्स भेजी गईं। वहीं पैसेंजर कार सेगमेंट ने पहली तिमाही में मामूली 2.8 प्रतिशत की बढ़त दिखाई, लेकिन दूसरी तिमाही में 20.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की। इसके बावजूद कुल मिलाकर 11.8 प्रतिशत की वृद्धि (2,29,281 यूनिट्स) बनी रही।
यह भी पढ़ें - Car Features: क्या ADAS सच में भारत की अनिश्चित सड़कों पर काम करता है? जानें वास्तविकता
पैसेंजर व्हीकल (PV) एक्सपोर्ट्स में 19.3 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की गई, और 4,40,681 यूनिट्स विदेश भेजी गईं। लेकिन तिमाही के हिसाब से देखें तो तस्वीर थोड़ी अलग रही।
पहली तिमाही में 13.2 प्रतिशत की बढ़त (2,04,592 यूनिट्स) दर्ज हुई, जबकि दूसरी तिमाही में यह ग्रोथ 23 प्रतिशत (2,42,001 यूनिट्स) तक पहुंच गई। इसका सबसे बड़ा श्रेय यूटीलीटी व्हीकल (UV) यानी SUV सेगमेंट को जाता है, जिसकी मांग भारत के साथ-साथ विदेशी बाजारों में भी लगातार बढ़ रही है।
एसयूवी निर्यात में 26 प्रतिशत की वृद्धि हुई और 2,11,373 यूनिट्स भेजी गईं। वहीं पैसेंजर कार सेगमेंट ने पहली तिमाही में मामूली 2.8 प्रतिशत की बढ़त दिखाई, लेकिन दूसरी तिमाही में 20.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की। इसके बावजूद कुल मिलाकर 11.8 प्रतिशत की वृद्धि (2,29,281 यूनिट्स) बनी रही।
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टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर: भारत के असली एक्सपोर्ट हीरो
टू-व्हीलर सेगमेंट ने एक बार फिर सबसे बड़ा योगदान दिया। इस श्रेणी में 24.43 लाख यूनिट्स एक्सपोर्ट हुईं, जो 20.1 प्रतिशत सालाना बढ़त है। पहली तिमाही में 23.2 प्रतिशत (11.43 लाख यूनिट्स) और दूसरी में 17.5 प्रतिशत (13 लाख यूनिट्स) की वृद्धि दर्ज की गई।
वहीं थ्री-व्हीलर सेगमेंट की कहानी तो और भी शानदार रही। इसमें निर्यात में 43.1 प्रतिशत की उछाल आई और कुल 2,19,276 यूनिट्स भेजी गईं। पहली तिमाही में बढ़ोतरी 34.4 प्रतिशत रही, जबकि दूसरी में यह बढ़कर 68.4 प्रतिशत तक पहुंच गई।
यह दिखाता है कि भारत का छोटा लेकिन दमदार थ्री-व्हीलर कई देशों के लिए अब भी एक 'जीवनरेखा' है- सस्ता, भरोसेमंद और भीड़भाड़ वाले शहरों के लिए एकदम उपयुक्त।
यह भी पढ़ें - 7-Seater Electric Cars: भारत में बिकने वाली प्रीमियम 7-सीटर इलेक्ट्रिक कारें, लग्जरी, स्पेस का शानदार कॉम्बिनेशन
टू-व्हीलर सेगमेंट ने एक बार फिर सबसे बड़ा योगदान दिया। इस श्रेणी में 24.43 लाख यूनिट्स एक्सपोर्ट हुईं, जो 20.1 प्रतिशत सालाना बढ़त है। पहली तिमाही में 23.2 प्रतिशत (11.43 लाख यूनिट्स) और दूसरी में 17.5 प्रतिशत (13 लाख यूनिट्स) की वृद्धि दर्ज की गई।
वहीं थ्री-व्हीलर सेगमेंट की कहानी तो और भी शानदार रही। इसमें निर्यात में 43.1 प्रतिशत की उछाल आई और कुल 2,19,276 यूनिट्स भेजी गईं। पहली तिमाही में बढ़ोतरी 34.4 प्रतिशत रही, जबकि दूसरी में यह बढ़कर 68.4 प्रतिशत तक पहुंच गई।
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कमर्शियल व्हीकल्स: धीमी लेकिन स्थिर ग्रोथ
कमर्शियल व्हीकल (CV) सेगमेंट ने भी उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया। इसमें 22.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई और 43,438 यूनिट्स एक्सपोर्ट की गईं। पहली तिमाही में ग्रोथ 23.4 प्रतिशत, जबकि दूसरी में 22.2 प्रतिशत रही। यह संकेत है कि ग्लोबल लॉजिस्टिक्स और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में नई मांग तेजी से बढ़ रही है।
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कमर्शियल व्हीकल (CV) सेगमेंट ने भी उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया। इसमें 22.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई और 43,438 यूनिट्स एक्सपोर्ट की गईं। पहली तिमाही में ग्रोथ 23.4 प्रतिशत, जबकि दूसरी में 22.2 प्रतिशत रही। यह संकेत है कि ग्लोबल लॉजिस्टिक्स और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में नई मांग तेजी से बढ़ रही है।
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आगे का रास्ता
FY2026 की पहली छमाही ने साफ कर दिया है कि अब भारत की ग्रोथ कहानी सिर्फ घरेलू बाजार तक सीमित नहीं रही। दुनिया भर के बाजार अब भारत की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पर भरोसा जता रहे हैं। अगर दूसरी छमाही में यही रफ्तार बनी रही, तो FY2026 भारत के ऑटो निर्यात के लिए अब तक का सबसे बेहतरीन साल साबित हो सकता है।
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