Smart Cars: युवाओं की पहली पसंद स्मार्ट कारें; हर चौथी नई गाड़ी में नए जमाने की खूबियां, जानें क्यों ये ट्रेंड
Smart Car Features: भारत में डिजिटल और कनेक्टेड फीचर्स अब नई पीढ़ी के खरीदारों के लिए स्टेटस और जरूरत दोनों बन चुके हैं। 2025 में बिकने वाली हर चौथी नई कार कनेक्टेड टेक्नोलॉजी से लैस रही। जानिए क्या होती हैं कनेक्टेड कारें? और क्यों बन रही युवाओं की पहली पसंद?
विस्तार
नई पीढ़ी के कार खरीदारों के लिए अब कार सिर्फ सफर का साधन नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी और स्टेटस का प्रतीक बन चुकी है। डिजिटल और कनेक्टेड फीचर्स आज के युवा और जेन जी खरीदारों के लिए एक तरह की सोशल करेंसी बन गए हैं। ये ग्राहक चाहते हैं कि उनकी कार हर समय इंटरनेट से जुड़ी रहे, स्मार्ट फीचर्स दे और यात्रा के दौरान ज्यादा सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करे।
कनेक्टेड कारें क्या होती हैं ?
कनेक्टेड वे कारें होती हैं, जिनमें एंबेडेड चिप्स और सेंसर लगे होते है। ये इंटरनेट के जरिए डेटा को स्टोर, भेज और रिसीव कर सकती है। इसकी मदद से वाहन की सेहत, ड्राइविंग पैटर्न और सुरक्षा से जुड़ी जानकारी रियल टाइम मिलती है। जाटो डायनेमिक्स की रिपोर्ट के अनुवार, जनवरी से अक्तूबर 2025 के बीच बिकने वाली नई कारों में 27.4% कनेक्टेड कारें थीं। पांच साल में इसकी हिस्सेदारी करीब दोगुनी हो गई है, क्योंकि 2021 में ये आंकडा14.47 प्रतिशत था।
कितनी सुरक्षित हैं ये कारें?
ये कारें सुरक्षा और सुविधा दोनो बढ़ाती हैं। जियोफेंसिंग की मदद से कार अगर तय इलाके से बाहर जाती है तो मालिक को तुरंत अलर्ट मिल जाता है। चोरी या टो-अवे होने पर भी वाहन स्वामी को नोटिफिकेशन मिलता है। इसके अलावा रिमोट इमोबिलाइजेशन से कार को दूर बैठे बंद किया जा सकता है। अचानक ब्रेकिंग, स्पीड मॉनिटरिंग जैसे फीचर्स लापरवाही भरी ड्राइविंग को रोकने में मदद करते हैं। कुछ एडवांस मॉडल्स में ड्राइवर की आंखों की मूवमेंट स्कैन कर डिस्ट्रैक्शन पर अलर्ट भी दिया जाता है। ई-सिम के जरिए कार हेल्थ मॉनिटरिंग और ओटीए अपडेट्स भी संभव हो जाते हैं।
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हर वर्ष कितने प्रतिशत बढ़ रही बिक्री?
भारत में हाई-स्पीड एक्सप्रेसवे और बेहतर रोड इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ने के साथ ही कार खरीदार अब सुरक्षा को पहले से कहीं ज्यादा गंभीरता से ले रहे हैं। क्योंकि एडीएएस और कनेक्टेड सेफ्टी फीचर्स अब सिर्फ लग्जरी नहीं, बल्कि जरूरत बनते जा रहे हैं। पहले ये फीचर्स सिर्फ महंगी एसयूवी तक ही सीमित थे, लेकिन अब ये कॉम्पैक्ट एसयूवी जैसे ह्यूंदै वेन्यू, हैचबैक्स जैसे टाटा ऑल्ट्रोज और इलेक्ट्रिक कार एमजी कॉमेट तक में मिल रहे हैं। एमजी मोटर इंडिया के अनुसार, कनेकटेड कारों का बाजार हर वर्ष करीब 50 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ रहा है। कंपनी के मौजूदा पोर्टफोलियो में 60 से 65 प्रतिशत वेरिएंट्स कनेक्टेड और ADAS फीचर्स के साथ आते हैं, जो कुल बिक्री का 90% से ज्यादा योगदान देते हैं।
कार खरीदने के फैसले कैसे बदल रहे हैं?
डेमोग्राफिक, टेक्नोलॉजिकल और साइकोलॉजिकल फैक्टर्स इस बदलाव को तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं। युवा खरीदार डिजिटल नेटिव हैं और कार से भी वही स्मार्ट एक्सपीरियंस चाहते हैं जो वे अपने स्मार्टफोन से पाते हैं। जाटो डायनेमिक्स के प्रेसिडेंट रवि भाटिया का कहना है कि पूरी तरह सॉफ्टवेयर-ड्रिवन कारों में अभी समय है, लेकिन डिजिटल और कनेक्टेड फीचर्स अब स्टेटस सिंबल बन चुके हैं।
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जेएसडब्ल्यू एमजी मोटर्स इंडिया के चीफ कमर्शियल अफसर विनय रैना का कहना है कि भारतीय ग्राहक अब कार खरीदते समय बड़े टचस्क्रीन, 360-डिग्री कैमरा, कनेक्टेड सिस्टम, पैनोरमिक सनरूफ और वेंटिलेटेड सीट्स जैसे फीचर्स को प्राथमिकता दे रहे हैं। ये बदलाव शहरीकरण, ग्लोबल एक्सपोजर से भी जुड़ा है। आने वाले समय में हाइपर-पर्सनलाइज्ड, AI-ड्रिवन और सस्टेनेबल फीचर्स की मांग और बढ़ेगी। उस समय 80-85% कार खरीदार कनेक्टेड और ADAS से लैस गाड़ियों को ही प्राथमिकता देंगे, ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है।