सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Bihar ›   125 gharial hatchlings were released from eggs in Gandak river in West Champaran; Thrilling video surfaced

Bihar: गंडक नदी में घड़ियाल के 125 बच्चों को अंडों से निकालकर छोड़ा गया; सामने आया रोमांचित करने वाला वीडियो

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पश्चिम चंपारण Published by: हिमांशु प्रियदर्शी Updated Sat, 17 Jun 2023 05:39 PM IST
सार

डब्ल्यूटीआई के घड़ियाल संरक्षण के प्रोजेक्ट इंचार्ज सुब्रत बेहरा ने बताया कि इस साल नदी में घड़ियालों के नौ घोंसले पाए गए। इनमें आठ घोंसले पश्चिम चंपारण में, जबकि एक उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में मिला है। उन्होंने बताया कि अंडों में बच्चे अवस्था पूरी कर लेते हैं तो बाहर आने के लिए उनकी खास आवाज आती है। इसे 'मदर कॉल' कहते हैं।

विज्ञापन
125 gharial hatchlings were released from eggs in Gandak river in West Champaran; Thrilling video surfaced
1. अंडे से बाहर निकलता घड़ियाल का बच्चा, 2. बच्चों को नदी में छोड़ते कर्मचारी - फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

बिहार के पश्चिम चंपारण स्थित वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से निकलकर बहने वाली गंडक नदी में घड़ियालों को छोड़ा गया घड़ियाल के 125 बच्चों को अंडों से निकालकर नदी में छोड़ा गया। इन बच्चों का अंडे से बाहर निकलने का वीडियो भी जारी किया गया है, जो रोमांचित करने वाला है। घाट के किनारे 125 घड़ियाल के बच्चों ने टापू पर आंखें खोलीं। ढाई महीने बाद इन सभी को सुरक्षित नदी में छोड़ दिया गया।

Trending Videos


दरअसल, मार्च महीने के अंत में मादा घड़ियाल नदी के पास बालू के ऊंचे टीले में घोंसला बनाकर अंडे देती है। करीब दो महीने के बाद इन अंडों से बच्चे निकलते हैं। वहीं, घड़ियाल के अंडों से जब बच्चे बाहर आने को तैयार होते हैं, तो उनमें से एक अजीब तरह की आवाजें भी आने लगती हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन

 

Bihar: गंडक नदी में घड़ियाल के 125 बच्चों को अंडों से निकालकर छोड़ा गया; सामने आया रोमांचित करने वाला वीडियो https://t.co/opFU4DcIfd pic.twitter.com/RH8IQSkWaX

— Amar Ujala (@AmarUjalaNews) June 17, 2023

नदी के किनारे मिले घड़ियालों के नौ घोंसले
डब्ल्यूटीआई के घड़ियाल संरक्षण के प्रोजेक्ट इंचार्ज सुब्रत बेहरा ने बताया कि इस साल नदी में घड़ियालों के नौ घोंसले पाए गए। इनमें आठ घोंसले पश्चिम चंपारण में, जबकि एक उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में मिला है। उन्होंने बताया कि अंडों में बच्चे अवस्था पूरी कर लेते हैं तो बाहर आने के लिए उनकी खास आवाज आती है। इसे 'मदर कॉल' (अंडों से बच्चों की पुकार) कहते हैं। इसे सुनकर घड़ियाल बजरी में दबे अंडों को पंजों से खोदकर निकालती हैं। अंडे बाहर निकालने के बाद मादा उन्हें पंजों से फोड़ती है। उन्होंने बताया कि घड़ियाल 30 से 40 सेमी गहरा गड्ढा खोदकर एक बार में 50 से 70 तक अंडे देती है। अंडों से बच्चे 60 से 80 दिन में बाहर निकलते हैं।

70 साल तक जिंदा रहते हैं घड़ियाल
वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट के मुताबिक, घड़ियाल करीब 70 साल तक जीवित रहते हैं। यह मगरमच्छ की तरह का जीव है। लेकिन अपनी कुछ विशेषताओं से यह मगरमच्छों से कुछ अलग होता है। मगरमच्छ का मुंह (थूथन) चौड़ा होता है और अंग्रेजी वर्णमाला के U शेप में खुलता है। जबकि घड़ियाल का मुंह नुकीला होता है और अंग्रेजी वर्णमाला के V शेप की तरह होता है। उम्र बढ़ने के साथ ही घड़ियाल के मुंह पर घड़ेनुमा आकृति बन जाती है, इसीलिए इसे घड़ियाल कहते हैं।

जहां टाइगर के शावक की जीवित शेष-दर (सर्वाइवल रेट) पचास से 60 प्रतिशत के आसपास होती है। वहीं, घड़ियाल में यह जीवित शेष-दर महज दो प्रतिशत होती है। जुलाई में बारिश आने और नदी का बहाव तेज होने की वजह से अधिकतर बच्चों की मौत हो जाती है।
 
सबसे ज्यादा घड़ियाल चंबल में, गंडक दूसरे नंबर पर
वीटीआर के क्षेत्र निदेशक डॉ. के नेशामणि ने बताया कि इतनी संख्या में घोंसलों का मिलना गंडक में घड़ियालों के संरक्षण की दिशा में एक मील का पत्थर है। साल 2016 में वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया (WTI) ने नदी में पहली बार घड़ियालों का प्रजनन दर्ज किया था। उसके बाद करीब हर साल यहां घड़ियाल के घोंसले दर्ज किए गए हैं। घड़ियालों की जनसंख्या के मामले में गंडक नदी का नाम चंबल के बाद दूसरे स्थान पर दर्ज है। 80 फीसदी घड़िया चंबल और उसकी सहायक नदी पार्वती में रहते हैं।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed