Bihar News: लालू यादव के सामने गिड़गिड़ाए थे सीएम नीतीश कुमार? अशोक चौधरी ने वीडियो से दे दिया विपक्ष को जवाब
मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि राजद के लोगों को शायद "आग्रह और गिड़गिड़ाना" का अंतर नहीं पता है। शब्दकोश में दोनों के अलग-अलग मायने होते हैं। राजद के लोग सिर्फ और सिर्फ सीएम नीतीश कुमार को नीचा दिखाने में लगे रहते हैं।
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नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के सीएम नीतीश कुमार पर दिए गए बयान और राष्ट्रीय जनता दल की ओर से जारी किए गए वीडियो के बाद से बिहार में सियासी घमासान जारी है। अब जनता दल यूनाईटेड की ओर से ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री अशोक चौधरी ने तीन वीडियो जारी कर पलटवार किया है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के सामने सीएम नीतीश कुमार के गिड़गिड़ाने की बात पर उन्होंने कहा कि हम लोग किसी वीडियो गेम के फेर में नहीं रहते हैं। हमारे नेता हरदम बिहार की जनता के विकास के लिए तत्पर और उनके लिए चिंतित रहते हैं, और नीतीश कुमार की सबसे बड़ी पूंजी इस प्रदेश में विकास का है। नीतीश कुमार जी की ईमानदारी नीतीश कुमार जी की सादगी और नीतीश कुमार की कार्य पद्धति पर पूरा देश अभियान करता है कि ऐसा नेता ना कभी हिंदुस्तान में पैदा हुआ है ना पैदा लेगा इसलिए हम नेता प्रतिपक्ष से कहेंगे कि आप और राजद के लोग अपनी राजनीति के लिए कीचड़ इधर मत फेंकिए क्योंकि कीचड़ में आप खुद पूरी तरह से डूबे हुए है।
दरअसल, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपने भ्रमण के दौरान कहा था कि "नीतीश कुमार जी दो-दो बार हमारे पास गिड़गिड़ाने के लिए आए थे, हमारे पास वह वीडियो है जिससे हम दिखा सकते हैं की नीतीश जी बार-बार हमारे पास आकर गिड़गिड़ा रहे थे"। इस बयान पर पलटवार करते हुए मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि, "कल मैं पार्टी कार्यालय में आयोजित जनता दरबार में गया था जहां मुझे पत्रकारों ने इस बात को लेकर प्रश्न किया तो मैं उसके जवाब में कहा था कि अगर राजद के पास ऐसा कोई भी वीडियो है तो उसे सार्वजनिक करें। इस बाद लगभग तीन-चार बजे के आसपास राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने एक वीडियो जारी किया और यह बताया कि अशोक चौधरी ने इस वीडियो को सार्वजनिक करने का आग्रह किया था इसलिए हमने किया''।
राजद वालों को आग्रह और गिड़गिड़ाना का अंतर नहीं पता है
मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि उस वीडियो को देखने से यह लगता है कि माननीय नेता माइक को दोनों हाथ से पकड़े हैं बहुत से लोग माइक को एक हाथ से पकड़ते हैं बहुत से लोग माइक को दो हाथ से पकड़ते हैं। राजद के लोगों को शायद "आग्रह और गिड़गिड़ाना" का अंतर नहीं पता है। शब्दकोश में दोनों के अलग-अलग मायने होते हैं। आग्रह का पर्यायवाची गिड़गिड़ाना नहीं होता है। यह दोनों अलग-अलग शब्द है लेकिन राजद की धारणा सिर्फ और सिर्फ सीएम नीतीश कुमार को नीचा दिखाना है और जनता दल यूनाइटेड के कार्यकर्ताओं जो नीतीश जी की बात करते हैं उनके मिनेबल को गिराना है।
राजद का काम झूठी बात का प्रचार करना है
मंत्री ने कहा कि राजद का काम झूठी बात का प्रचार करना है क्योंकि राजद के द्वारा वीडियो गेम शुरू किया गया है तो मैं भी आपके सामने कुछ वीडियो को सार्वजनिक करता हूं। पहले वीडियो में
में लालू प्रसाद यादव ने खुद कहा है कि मुझे मुख्यमंत्री बनाने में नीतीश जी की क्या भूमिका है। दूसरे में तेजस्वी यादव हर जगह रहते हैं कि नौकरी हमने दिलाया। तेजस्वी खुद क्या कहते हैं नौकरी के बारे में? इसका जिक्र है। और, तीसरे वीडियो में स्पष्ट सुनाई दे रहा है कि कैसे लालू जी यह कह रहे हैं कि सबसे पहले नीतीश जी को हमने फोन किया था।
यह तीनों वीडियो कार्यकर्ताओं के मनोबल को ताकत देगा
अशोक चौधरी ने कहा कि यह तीन वीडियो हम आज जारी कर रहे हैं जो हमारे कार्यकर्ताओं के मनोबल को ताकत देगा और दलित पिछड़ा वर्ग के वे लोग जो पिछले 18, 19 वर्षों से नीतीश जी के झंडे को मजबूती से थामे हुए हैं, उनका मनोबल ऊंचा हो किसी ने क्या कहा या नहीं कहा उससे ज्यादा महत्व हमारे लिए यह रखता है कि हमारे जो जमीनी कार्यकर्ता है उनको इन सब चीजों की जानकारी रहे।
इसी बिहार में 118 नरसंहार हुए थे
राजद पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि जो प्रदेश 118 नरसंहार का बिहार था, 22000 करोड़ के बजट का बिहार था, 2-2 जेल ब्रेक वाला बिहार था, पूरी तरीके से मध्य बिहार लहूलुहान था नरसंहार में फंसा हुआ था, वैसी स्थिति वाला बिहार नीतीश कुमार को मिला था। आज जो बच्चे हमारे 18 साल के 19 साल के हैं उनको यह बात नहीं पता है कि नीतीश कुमार जी से पहले वाला बिहार कैसा था। जो बड़े-बड़े लोग आज क्लेम कर रहे हैं कि बिहार उतनी गति से आगे नहीं बढ़ा जितनी गति से बढ़ सकता था उनको पता नहीं है कि किन विषम परिस्थितियों वाला यह बिहार था जहां जातीय उन्माद अपनी चरम पर था धार्मिक उन्माद अपनी चरम पर था कोई ऐसा ईद और बकरीद नहीं होता था जहां जाती और धार्मिक उन्माद नहीं होता था और आज नीतीश कुमार के 18 साल के कार्यकाल में एक भी धार्मिक उन्माद नहीं हुआ हैl