Bihar News: पीएम ने उत्तर बिहार को दी सिंचाई प्रबंधन की सौगात; 2029 तक पूरी होगी कोसी-मेची लिंक परियोजना
Bihar : पीएम नरेंद्र मोदी ने पूर्णिया से सुपौल को दो बड़ी सौगात दी है, जिसमें सबसे प्रमुख 6282.32 करोड़ की कोसी-मेची लिंक परियोजना है। परियोजना वर्ष 2029 तक पूरा करने का लक्ष्य है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को पूर्णिया से सुपौल को दो बड़ी सौगात दी है। इसमें सबसे प्रमुख 6282.32 करोड़ की कोसी-मेची लिंक परियोजना है। परियोजना वर्ष 2029 तक पूरा करने का लक्ष्य है। इससे उत्तर बिहार के 11 जिलों को सीधा लाभ मिलने की उम्मीद है। 51 साल पहले बने इस लिंक परियोजना को केंद्र सरकार ने इसी साल स्वीकृति दी और फिर बजट में भी राशि का प्रावधान किया गया है। परियोजना के तहत कोसी नदी का अतिरिक्त पानी निकाल कर महानंदा की सहायक नदी मेची में प्रवाह करना है। इसके तहत 76.02 किमी लिंक नहर का भी निर्माण होना है। इस नहर की कुल लंबाई 117.50 किमी होगी। जिसमें 41.3 किमी लंबा पूर्वी कोसी मुख्य पूर्व से ही निर्मित है। नए सिरे से होने वाले लिंक नहर निर्माण में कुल 9 नहर साईफन, 28 हेड रेगूलेटर, 14 साईफन, एक्वाडक्ट, 42 सड़क-पुल, 9 पाईप कल्वर्ट और 9 रेगुलेटर बनाए जाएंगे। परियोजना की प्रतीक्षा विशेष तौर पर काेसी और सीमांचल के इलाके में लंबे समय से हो रही थी। इसके पूरा होने से तटबंध के बाहर के इलाकों में सिंचाई व्यवस्था सुदृढ होगी। वहीं बाढ़ की समस्या से भी निजात मिलने की उम्मीद है। परियोजना का 60 फीसदी खर्च केंद्र और 40 फीसदी राज्य सरकार वहन करेगी।

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उत्तर बिहार के इन इलाकों को सीधा लाभ
कोसी-मेची लिंक परियोजना से अररिया जिले में 69,642 हेक्टेयर, पूर्णिया जिले में 69,970 हेक्टेयर, किशनगंज जिले में 39,548 हेक्टेयर और कटिहार जिले में 35,653 हेक्टेयर, यानी कुल दो लाख 14 हजार 813 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई होगी। इससे अररिया जिला अंतर्गत फारबिसगंज, कुर्साकाटा, सिकटी, पलासी, जोकीहाट एवं अररिया प्रखंड, किशनगंज जिला अंतर्गत टेढ़ागाछ, दिघलबैंक, बहादुरगंज एव कोचाधामन प्रखंड, पूर्णिया जिला अंतर्गत बैसा, अमौर एवं बायसी प्रखंड तथा कटिहार जिला अंतर्गत कदवा, डंडखोड़ा, प्राणपुर, मनिहारी एवं अमदाबाद प्रखंड लाभान्वित होंगे। इस परियोजना अंतर्गत कुल 1397 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है। जिसमें से 632 हेक्टेयर भूमि पूर्व से अधिग्रहित है। जबकि 765 हेक्टेयर निजी भूमि का अधिग्रहण जारी है। इसके अलावा पश्चिमी कोसी नहर परियोजना पर भी काम तेजी से चल रहा है। जिससे मधुबनी, दरभंगा, खगड़िया और भागलपुर के इलाके में भी बाढ़ से राहत मिलने की उम्मीद है।
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मुफ्त टिकट पर उद्घाटन स्पेशल अमृत भारत में सवार हुए 50 यात्री
पीएम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सहरसा-छेहरटा (अमृतसर) अमृत भारत एक्सप्रेस को भी हरी झंडी दिखाई। 04:43 बजे सहरसा से खुल कर यह ट्रेन 05:21 बजे सुपौल पहुंची। जहां दो मिनट के ठहराव के बाद ट्रेन सरायगढ़, निर्मली और झंझारपुर होते हुए अमृतसर के लिए रवाना हो गई। इधर, उद्घाटन स्पेशल ट्रेन की वजह से एक अन्य पैसेंजर ट्रेन को करीब डेढ़ घंटे तक रोका गया। इस वजह से यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी। हालांकि 05531 अमृत भारत (साप्ताहिक) ट्रेन को लेकर उत्साहित कई लोगों का जमावड़ा भी स्टेशन परिसर में दिखा। स्टेशन अधीक्षक पीसी चौधरी ने बताया कि सुपौल में 50 यात्रियों को रेलवे की ओर से नि:शुल्क टिकट प्रदान किया गया। अगले सप्ताह से यह ट्रेन नियमित समय पर सहरसा से दोपहर 01:00 बजे खुलेगी।
सुपौल में 77 करोड़ की लागत से चार एसटीपी का निर्माण
पीएम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुपौल शहर में चार अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्र का भी शिलान्यास किया। डीएम सावन कुमार ने बताया कि शहर में चार स्थानों पर 77 करोड़ की लागत से यह निर्माण कार्य चल रहा है। इससे शहर के साफ-सफाई को और बेहतर किया जा सकेगा। नाले के पानी को साफ कर खेती के लिए किसानों के खेतों तक सप्लाई करने की योजना है। वही यहां से कचड़ा अलग कर रिसाइकलिंग की व्यवस्था होगी। संयंत्र के तैयार होने से नालों पर गंदे पानी का लोड घटेगा और नाले अधिक पानी को ग्रहण करेंगे, जिससे शहर में जलजमाव की समस्या से निजात मिलेगी।