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Asia Cup Hockey : चीन को हराना आसान था या जापान से जीतना टफ है? एक्सपर्ट आज भारत के मैच को लेकर क्या बता रहे
न्यूज़ डेस्क, अमर उजाला, पटना
Published by: कृष्ण बल्लभ नारायण
Updated Sun, 31 Aug 2025 05:00 AM IST
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सार
Bihar: हीरो एशिया कप 2025 में आज का मुकाबला भारत और जापान के बीच होना है। भारत ने अपने अभियान की शुरुआत में चीन को हराया, और आज का मैच जापान से है।इसलिए पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी योगेश कुमार से समझेंगे कि चीन को हराना आसान था या जापान से जीतना टफ है।

पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी प्रशिक्षक एवं कमेंटेटर योगेश कुमार
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
हीरो एशिया कप 2025 में भारत और जापान के बीच होने वाला अहम मुकाबला अंक तालिका में शीर्ष स्थान हासिल करने और टीम के मनोबल को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है। यह मैच दो भिन्न शैलियों का टकराव है, जहां भारत की उच्च रैंकिंग और ऐतिहासिक प्रभुत्व का सामना जापान की तेज गति और आक्रामक ट्रांजिशन से होगा।

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भारत ने अपने अभियान की शुरुआत चीन को 4-3 से हराकर की, लेकिन यह जीत आसान नहीं थी। कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने पेनल्टी कॉर्नर पर हैट्रिक बनाकर अपनी विशेषज्ञता साबित की, फिर भी डिफेंस, मिडफील्ड और फॉरवर्ड लाइन के बीच तालमेल की कमी दिखी। किसी भी टीम की जीत में फॉरवर्ड लाइन का स्कोर करना महत्वपूर्ण होता है।
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भारतीय टीम को केवल पेनल्टी कॉर्नर पर निर्भर रहने के बजाय अभिषेक, मंदीप और सुखजीत जैसे स्ट्राइकरों से फील्ड गोल के अवसर बनाने होंगे, और इसमें मिडफील्डरों की भूमिका अहम होगी। मिडफील्ड में अनुभवी मनप्रीत और भरोसेमंद हार्दिक से काफी उम्मीदें हैं। भारतीय डिफेंस लाइन भी काफी मजबूत है, जिसमें हरमनप्रीत सिंह, सुमित और अमित रोहिदास जैसे अनुभवी खिलाड़ी टीम की रक्षात्मक दीवार हैं। भारतीय टीम की फिटनेस में भी काफी सुधार हुआ है, जिससे वे पूरे 60 मिनट तक उच्च-तीव्रता वाला खेल खेल सकते हैं। हालांकि, पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलने की दर अभी भी एक चुनौती है, और बड़े मैचों में दबाव का असर टीम पर दिखता है। इस मैच में गोलकीपर पाठक को जल्द से जल्द फॉर्म में लौटकर अपना आत्मविश्वास बढ़ाना होगा।
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दूसरी ओर, 18वीं रैंकिंग वाली जापानी टीम ने कजाकिस्तान को 7-0 से हराकर टूर्नामेंट में अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है। उनकी मुख्य शक्ति तेज ट्रांजिशन हॉकी और लंबे पास हैं, जो किसी भी डिफेंस को परेशान कर सकते हैं। यामासाकी कोजी और कप्तान राइकी फुजिशिमा किसी भी टीम के खिलाफ उलटफेर करने में सक्षम हैं। जापानी टीम की डिफेंसिव रणनीति भी काफी अनुशासित और मजबूत है।
हालांकि, भारतीय टीम के मुकाबले जापानी टीम को बड़े मैचों का अनुभव कम है, और उनकी फॉरवर्ड लाइन गोल करने के मौकों को अक्सर भुना नहीं पाती।
इतिहास और वर्तमान का टकराव
इतिहास भारत के पक्ष में रहा है, जैसा कि हाल के बड़े मुकाबलों में देखा गया है:
2024 एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी: भारत 5-1 जापान
2023 एशियाई खेल फाइनल: भारत 5-1 जापान
हालांकि, 2022 एशिया कप में 1-1 का ड्रॉ और 2018 एशियाई खेलों के सेमीफाइनल में 0-1 की हार दर्शाती है कि जापान ने समय-समय पर भारत को कड़ी टक्कर दी है। इस महत्वपूर्ण मुकाबले में भारतीय टीम को अपनी रणनीति पर ध्यान देना होगा। भारत को अपनी फॉरवर्ड लाइन का प्रभावी उपयोग करना चाहिए और जापानी डिफेंस पर लगातार दबाव बनाए रखना चाहिए। साथ ही, उन्हें अपने डिफेंस को मजबूत करना होगा, जिसमें मिडफील्ड की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। यदि भारतीय टीम डिफेंस में तालमेल बनाए रखे और दबाव में संयम रखे, तो यह मैच उनके पक्ष में जा सकता है।