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Bihar: तेजस्वी और मनोज झा के बयानों पर EC ने जारी किया ‘फैक्ट चेक’, कहा- अब तक मिले चार करोड़ से अधिक प्रपत्र

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना Published by: हिमांशु प्रियदर्शी Updated Wed, 09 Jul 2025 08:51 PM IST
सार

Bihar Election 2025: राजद नेता तेजस्वी यादव ने हाल ही में यह दावा किया था कि बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के जरिए करोड़ों गरीब और पिछड़े वर्गों के मतदाताओं को मतदाता सूची से हटाया जा रहा है। इस पर चुनाव आयोग ने कड़ा जवाब देते हुए कहा है कि ये दावे पूरी तरह निराधार हैं।

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Bihar: EC issues Fact Check on statements of Tejashwi Manoj Jha says more than 4 crore forms received so far
तेजस्वी और मनोज झा के बयानों पर EC ने जारी किया ‘फैक्ट चेक’ - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान को लेकर सियासी घमासान लगातार तेज होता जा रहा है। एक ओर जहां विपक्षी दलों द्वारा इसे ‘वंचितों के वोट काटने की साजिश’ बताया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर चुनाव आयोग (EC) ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कई नेताओं के बयानों की फैक्ट चेकिंग कर उन्हें बेबुनियाद और भ्रामक करार दिया है।

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तेजस्वी यादव के 'वंचितों के वोट कटने' वाले बयान को बताया गलत
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने हाल ही में यह दावा किया था कि बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के जरिए करोड़ों गरीब और पिछड़े वर्गों के मतदाताओं को मतदाता सूची से हटाया जा रहा है। इस पर चुनाव आयोग ने कड़ा जवाब देते हुए कहा है कि ये दावे पूरी तरह निराधार हैं।
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यह भी पढ़ें- ECI: बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान को मिल रही जबरदस्त सफलता, अब तक 57.48% प्रपत्रों का संग्रहण
 
आयोग के अनुसार, अब तक लगभग चार करोड़ मतदाता फॉर्म राज्य के मतदाताओं को वितरित किए जा चुके हैं और उनमें से अधिकांश वापस प्राप्त भी हो चुके हैं। आयोग ने इसे मतदाताओं की भागीदारी का प्रमाण बताया और कहा कि प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और समावेशी है।
 
मनोज झा को लेकर भी आयोग ने किया स्पष्टीकरण
राजद सांसद मनोज कुमार झा ने सोशल मीडिया पर यह आरोप लगाया था कि चुनाव आयोग ने उनसे विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर मुलाकात का समय नहीं दिया। इस पर चुनाव आयोग ने #ECIFactCheck हैशटैग के तहत स्पष्ट किया कि मनोज झा पार्टी की ओर से अधिकृत प्रतिनिधि नहीं हैं, इसलिए उन्हें व्यक्तिगत रूप से समय नहीं दिया गया। आयोग ने यह भी कहा कि हाल ही में सभी दलों के अध्यक्षों से कहा गया था कि वे अपने प्रतिनिधियों की सूची आयोग को भेजें, लेकिन राजद की ओर से मनोज झा का नाम अधिकृत प्रतिनिधि के रूप में प्रस्तुत नहीं किया गया था।
 
डॉक्युमेंट जमा न कराने को लेकर भी दी सफाई
राजद द्वारा एक ऑडियो क्लिप साझा की गई जिसमें एक जिला पदाधिकारी (DM) बूथ स्तर के अधिकारियों को यह निर्देश देते सुने जा रहे हैं कि वे फिलहाल केवल फॉर्म बांटें और दस्तावेज संग्रह न करें। इस पर विवाद खड़ा हो गया, लेकिन बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (CEO) ने इसका समर्थन करते हुए कहा कि आयोग की निर्देशिका के अनुसार दस्तावेजों का संग्रहण बाद के चरण में किया जाना है। अतः DM का निर्देश प्रक्रिया के अनुरूप ही था।
 
भाजपा ने किया चुनाव आयोग का समर्थन
भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने चुनाव आयोग के इस फैक्ट चेक अभियान का समर्थन करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि यह देखना दिलचस्प है कि चुनाव आयोग ने लोकतंत्र के इन तथाकथित ‘रक्षकों’ योगेंद्र यादव, करण थापर, सुप्रिया श्रीनेत, मल्लिकार्जुन खड़गे और रवीश कुमार को उनकी झूठी सूचनाओं पर आइना दिखा दिया है। EC का यह स्पष्टीकरण इस दुर्भावनापूर्ण भ्रम को उजागर करता है।
 
#ECIFactCheck हैशटैग से चला जवाबी अभियान
पिछले दो दिनों से चुनाव आयोग लगातार #ECIFactCheck हैशटैग का उपयोग कर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे आरोपों और बयानों का खंडन कर रहा है। यह पहली बार है जब आयोग इतने आक्रामक अंदाज में राजनीतिक आरोपों का जवाब दे रहा है और साथ ही पारदर्शिता को लेकर अपनी प्रतिबद्धता भी दर्शा रहा है।

यह भी पढ़ें- Bihar Election: राहुल गांधी बोले- चुनाव आयोग बिहार में हमारे वोटरों की चोरी कर रहा, यही महाराष्ट्र में किया था
 
आयोग के अनुसार अब तक बिहार के लगभग 7.90 करोड़ मतदाताओं में से 4.53 करोड़ मतदाता फॉर्म एकत्रित किए जा चुके हैं, जो कि 57.48% से अधिक है। आयोग का दावा है कि अगर यह गति बनी रही, तो निर्धारित समय 25 जुलाई 2025 से पहले ही यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
 
राजनीतिक माहौल गर्म, आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल
विपक्षी पार्टियों, खासकर महागठबंधन के नेताओं का आरोप है कि चुनाव आयोग केंद्र सरकार के दबाव में काम कर रहा है और यह पुनरीक्षण अभियान एकपक्षीय और संदेहास्पद है। इन नेताओं का कहना है कि पिछड़ी, दलित, अति पिछड़ा और मुस्लिम आबादी को निशाना बनाया जा रहा है, जबकि आयोग इसे तथ्यों से खारिज कर रहा है।
 
आयोग ने यह भी अपील की है कि मतदाता अपने क्षेत्रीय बीएलओ (BLO) से संपर्क करें और अपना नाम, पता व फोटो अपडेट कराने के लिए फॉर्म भरकर समय से जमा करें। बाहर रहने वाले लोग voters.eci.gov.in से फॉर्म डाउनलोड कर हस्ताक्षर कर डिजिटल माध्यमों (WhatsApp आदि) से भी जमा कर सकते हैं।

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