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Bihar: ‘लोकतंत्र बनाम परिवारवाद में लोकतंत्र जीता’, विपक्ष पर निशाना साधते हुए JDU नेता राजीव रंजन ने कहा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नालंदा
Published by: हिमांशु प्रियदर्शी
Updated Tue, 13 Feb 2024 04:22 PM IST
सार
Bihar Politics: जदयू नेता राजीव रंजन ने आगे कहा कि वास्तव में यह लड़ाई दो दलों की नहीं है, बल्कि लोकतंत्र बनाम परिवारवाद की है। इसमें एक तरफ जहां जनता के बीच से उठे नेता हैं तो दूसरी तरफ खानदान के आशीर्वाद से नेतागिरी करने वाले लोग।
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पार्टी दफ्तर में जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता सह पूर्व विधायक राजीव रंजन ने मंगलवार को पार्टी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। इस दौरान उन्होंने बिहार विधानसभा में सोमवार को हुए विश्वासमत में एनडीए की जीत को जनता की जीत बताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में विश्वासमत जीत कर एनडीए ने परिवारवादियों को करारा झटका दिया है। एक बार फिर यह साबित हो गया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के रहते हुए परिवारवादी ताकतों का बिहार की सत्ता पर कब्जा जमाने का सपना कभी पूरा नहीं होने वाला।
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राजीव रंजन ने आगे कहा कि वास्तव में यह लड़ाई दो दलों की नहीं है, बल्कि लोकतंत्र बनाम परिवारवाद की है। इसमें एक तरफ जहां जनता के बीच से उठे नेता हैं तो दूसरी तरफ खानदान के आशीर्वाद से नेतागिरी करने वाले लोग। एनडीए के नेता जहां बिहार को आगे बढ़ाना चाहते हैं, वहीं राजद-कांग्रेस का पूरा ध्यान लालू परिवार को फायदा पहुंचाने पर है। एनडीए का फोकस जहां बिहार के लोगों को समृद्ध करने पर है, वहीं राजद-कांग्रेस का ध्यान लालू परिवार और अपने नेताओं की संपत्ति और समृद्धि बढ़ाने पर है। लेकिन बिहार ने सत्ता को अपने परिवार की जागीर समझने वालों को कल आइना दिखा दिया है। लोकतंत्र बनाम परिवारवाद की इस लड़ाई में लोकतंत्र की जीत हुई और साबित हो गया कि बिहार में विकास चलेगा, परिवार नहीं।
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जदयू प्रवक्ता ने राजद पर निशाना साधते हुए कहा कि राजद ने यह साबित कर दिया है कि उन्हें चाहे लाख मौके मिलें, लेकिन जनता की गाढ़ी कमाई लूट कर अपना खजाना भरने की उनकी फितरत में कोई बदलाव नहीं आने वाला। इस बार भी उन्होंने यही किया। उनके हिस्से मिले सारे मंत्रालयों में हो रहे भ्रष्टाचार की बातें सामने आने लगी थीं।
उन्होंने कहा कि नौकरी के बदले जमीन लिखवाने वाले इन लोगों के कारण ही शिक्षकों की नियुक्ति बीपीएससी के जरिए करवाई गई। इसकी खुन्नस में यह लोग जदयू के नेताओं को खरीदने के मिशन में लग चुके थे। इनकी योजना जदयू के विधायकों को खरीद कर खुद सत्ता पर काबिज हो जाने की थी। लेकिन जदयू के नेताओं ने इनके मंसूबों पर पानी फेर दिया।
जदयू नेता ने कहा कि ‘खेला’ करने का दावा करने वाले राजद के साथ खुद खेला हो गया। जदयू को तोड़ने के चक्कर में खुद उनके तीन विधायक टूट गए। यह दिखाता है कि इनके नेताओं में अंदर ही अंदर कितना आक्रोश भरा हुआ है। वास्तव में अगर कल गुप्त मतदान हुआ होता तो एनडीए के पक्ष में इनके आधे से अधिक विधायकों ने वोट डाला होता। उन्होंने कहा कि राजद-कांग्रेस जैसे परिवारवादियों को यह समझ में आ गया है कि बिहार अब दोबारा लालटेन युग में नहीं जाने वाला।
इस मौके पर जिलाध्यक्ष मो. अरशद, बिहार शरीफ नगर जिला अध्यक्ष गुलरेज अंसारी, मुख्य प्रवक्ता डॉ. धनंजय के देव, विनोद कुमार सिंह, अरविंद कुमार, सुधीर कुमार, अजय चंद्रवंशी, जनार्दन पंडित, विजय कुमार सिंह, प्रो. प्रविंद्र, मेराजुद्दीन, नवीन मांझी, आशीष चंद्रवंशी और सुरेंद्र पासवान आदि मौजूद रहे।