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Bihar News : बिहार में बंद पड़ी है आपकी फैक्टरी? जवाब 'हां' है तो तीन दिन में खोलने का रास्ता समझ लीजिए

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना Published by: कृष्ण बल्लभ नारायण Updated Thu, 21 Aug 2025 07:00 AM IST
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सार

Industries in Bihar : पिछले दिनों जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने 'अमर उजाला' से 2025-30 के बीच बिहार के जिस कायाकल्प का प्लान साझा किया था, वह अभी से जमीन पर आती दिख रही है। सरकार ने बंद पड़ी इंडस्ट्रीज के लिए दरवाजे खोल दिए हैं।

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ अगले महीने मुख्य सचिव का पद ग्रहण कर रहे प्रत्यय अमृत। - फोटो : अमर उजाला डिजिटल
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विस्तार
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पिछली शताब्दी में बिहार के उद्यमियों का पलायन सामान्य बात थी। 2005 में आई नीतीश कुमार सरकार ने उद्यमियों को वापस लाने के लिए कई बार जद्दोजहद किया। बीच में जब सैयद शाहनवाज हुसैन उद्योग मंत्री बने तो इस प्रयास ने थोड़ी गति पकड़ी। फिर नीतीश मिश्रा ने विभाग की कमान संभाली तो बात अब जमीन पर आती दिख रही है। पिछले दिनों 'अमर उजाला' से विशेष बातचीत के दौरान राज्यसभा सांसद और सत्तारूढ़ जनता दल यूनाईटेड के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने कहा था कि बिहार चुनाव के बाद नीतीश कुमार सरकार सीधे उद्योगों के जरिए रोजगार का नया आयाम गढ़ेगी। अब ऐसा लग रहा है कि इन सभी बातों को जमीन पर चुनाव से पहले ही लाने की तैयारी है। राज्य सरकार ने बियाडा एमनेस्टी पॉलिसी 2025 के तहत बंद उद्योगों को फिर से चालू करने का आसान रास्ता खोल दिया है।

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किसे मिले फायदा, क्या विकल्प दिए हैं सरकार ने
बियाडा एमनेस्टी पॉलिसी 2025 के तहत इस साल के अंत, यानी 31 दिसंबर तक बंद पड़ी इंडस्ट्री को खोलने का विकल्प सरकार ने दिया है। रद्द किए गए औद्योगिक प्लॉटों पर चल रहे विवादों को सुलझाने, बंद या आंशिक क्रियाशील इकाइयों को पुनर्जीवित करने के साथ ही इस योजना का उद्देश्य बिहार के औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देते हुए रोजगार सृजन की नई संभावना तैयार करना है। राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि बियाडा से ली गई या बियाडा के तहत आने वाली जमीन पर बंद या आंशिक क्रियाशील इकाइयों के लाभुकों को नए उद्यमियों की तरह उद्योग स्थापित या पुनर्जीवित करने का अवसर दिया जा रहा है। यह भी विकल्प दिया गया है कि उद्यमी खुद भी वह इंडस्ट्री चला सकते हैं या दूसरे को ट्रांसफर भी कर सकते हैं। यहां तक कि उत्पाद में परिवर्तन का भी विकल्प दिया गया है।
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तीन दिन में फैक्टरी को वापस खोलने का रास्ता
सरकार ने इस बियाडा एमनेस्टी पॉलिसी 2025 की विस्तार से जानकारी दी है और स्पष्ट किया है कि जहां किसी अन्य पक्ष को जमीन आवंटित नहीं की गई, वह सभी बंद या आंशिक क्रियाशील इकाइयों को तीन दिन में फैक्टरी वापस खोलने का रास्ता बनाया गया है। शपथ पथ व जरूरी दस्तावेज के साथ ऑनलाइन-ऑफलाइन आवेदन और शुल्क भुगतान का विकल्प रखा गया है। बियाडा को स्पष्ट निर्देश है कि वह तीन दिनों के अंदर इसपर सैद्धांतिक स्वीकृति दे। बिहार में अगले महीने मुख्य सचिव का पदभार ग्रहण कर रहे सीनियर आईएएस अधिकारी प्रत्यय अमृत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस ड्रीम प्रोजेक्ट पर नजर रखेंगे।

कोर्ट से लंबित मामले वापस लेंगे, 7 दिन में अंतिम स्वीकृति
आवेदन के तीन दिनों के अंदर जैसे ही सैद्धांतिक स्वीकृति मिल जाएगी तो आवेदक को उक्त इंडस्ट्री से जुड़े कोर्ट में चल रहे लंबित मामलों को वापस लेना होगा। यह होने के बाद आवेदन की बाकी औपचारिकताएं पूरी करते हुए सात दिनों के अंदर बियाडा इंडस्ट्री को काम करने की अनुमति दे देगा। इसके लिए इकाई को भूखंड दर का 1 प्रतिशत प्रशासनिक शुल्क देना होगा। यह शुल्क तब दिया जाना है, जब कोर्ट से लंबित केस खत्म कर बियाडा से उद्योग खोलने की बाकी कागजी औपचारिकताओं को करने की अनुमति मिल जाए। 
 

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