Bihar News: चलती ट्रेन से गिरकर मजदूर की हुई मौत, इलाज में देरी से गई जान; परिजनों का रो रोकर बुरा हाल
Bihar: जीआरपी प्रभारी विकास कुमार आजाद ने बताया कि सूचना मिलते ही सिवान स्टेशन पर घायल को एम्बुलेंस से अस्पताल भेजा गया, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया गया है।

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रेलवे की लापरवाही ने एक बार फिर एक परिवार की खुशियां छीन लीं। चलती अवध असम एक्सप्रेस से गिरकर एक मजदूर की मौत हो गई। मृतक की पहचान गड़खा थाना क्षेत्र के कसिना गांव निवासी 35 वर्षीय संजय राम, पिता गंगदयाल राम के रूप में हुई है। हादसे की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया।

चश्मदीद दिनेश राम ने बताया कि वे अपने भाई संजय के साथ गोंडा जंक्शन से अवध असम एक्सप्रेस पकड़कर छपरा जा रहे थे। ट्रेन में भारी भीड़ होने के कारण दोनों जनरल कोच के दरवाजे पर खड़े थे। जैसे ही ट्रेन देवरिया जंक्शन से खुली, अचानक भीड़ के धक्के से संजय चलती ट्रेन से नीचे गिर पड़े। दिनेश ने तुरंत चेन पुलिंग कर ट्रेन रोकी और भाई के पास पहुंचे तो देखा कि उसका सिर फट चुका था और काफी खून बह रहा था।
इलाज में देरी बनी मौत की वजह
यात्रियों और परिजनों का आरोप है कि हादसे के बाद भी रेलवे कर्मियों ने तत्काल इलाज की व्यवस्था नहीं की। गार्ड ने गंभीर रूप से घायल संजय को अपने डिब्बे में रख लिया और सिवान तक लेकर आए। वहां से एम्बुलेंस द्वारा उन्हें सदर अस्पताल भेजा गया, लेकिन तब तक काफी खून बह चुका था। डॉक्टरों ने संजय को मृत घोषित कर दिया।
लोगों का आक्रोश, मुआवजे की मांग
घटना के बाद गुस्साए यात्रियों और ग्रामीणों ने रेलवे प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया। उनका कहना था कि यदि ट्रेन में प्राथमिक उपचार की व्यवस्था होती या नजदीकी स्टेशन पर तुरंत चिकित्सा मिल जाती तो संजय की जान बच सकती थी।
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जीआरपी प्रभारी विकास कुमार आजाद ने बताया कि सूचना मिलते ही सिवान स्टेशन पर घायल को एम्बुलेंस से अस्पताल भेजा गया, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया गया है। इधर, संजय राम की मौत की खबर गांव पहुंचते ही मातम पसर गया। पत्नी और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है। ग्रामीणों ने रेलवे प्रशासन से मृतक के परिवार को मुआवजा और आश्रित को नौकरी देने की मांग की है।
सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
इस हादसे ने एक बार फिर रेलवे की अव्यवस्था और यात्री सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ट्रेन में भीड़ के बीच यात्रियों की जान हमेशा खतरे में रहती है। वहीं प्राथमिक उपचार की सुविधा का न होना सीधे-सीधे लापरवाही का सबूत माना जा रहा है। यात्रियों ने सरकार और रेलवे से ठोस कदम उठाने की मांग की है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।