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Bihar: स्वच्छता कर्मियों का समाहरणालय पर प्रदर्शन, मानदेय वृद्धि समेत पांच सूत्री मांगों को लेकर दी चेतावनी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सीवान
Published by: आशुतोष प्रताप सिंह
Updated Tue, 16 Sep 2025 05:20 PM IST
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सार
समाहरणालय पर स्वच्छता पर्यवेक्षक और स्वच्छता कर्मियों ने अपनी पांच सूत्री मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया और डीएम डॉ. आदित्य प्रकाश को ज्ञापन सौंपा।

स्वच्छता कर्मियों ने किया प्रदर्श
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
स्वच्छता पर्यवेक्षक एवं स्वच्छता कर्मियों ने अपनी पांच सूत्री मांगों को लेकर समाहरणालय के समक्ष जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद कर्मियों ने अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन जिला पदाधिकारी डॉ. आदित्य प्रकाश को सौंपा। स्वच्छता कर्मियों ने बताया कि बिहार के प्रत्येक पंचायत में सरकार द्वारा स्वच्छता कार्यों का चयन आम सभा द्वारा किया जाता है, लेकिन इस व्यवस्था में स्वच्छता पर्यवेक्षक को अधिकतम 7,500 रुपये और स्वच्छता कर्मी को मात्र 3,000 रुपये मासिक मानदेय मिलता है। उन्होंने कहा कि महंगाई के इस दौर में इतनी कम राशि से परिवार चलाना बेहद मुश्किल है। आरोप लगाया गया कि साफ-सफाई जैसे जिम्मेदार कार्य के बावजूद न तो उन्हें उचित मानदेय मिलता है और न ही सुरक्षा या अन्य सुविधाएं दी जाती हैं।
कर्मियों ने अपनी पांच प्रमुख मांगें रखते हुए कहा कि उन्हें अंशकालिक से पूर्णकालिक किया जाए और संविदाकर्मी का दर्जा दिया जाए। स्वच्छता पर्यवेक्षक का मानदेय 20 हजार रुपये और स्वच्छता कर्मियों का मानदेय 10 हजार रुपये प्रतिमाह किया जाए। इसके अलावा कार्यकाल के दौरान किसी की मृत्यु होने पर आश्रितों को उसी पद पर चयनित किया जाए। पांचवीं मांग में कहा गया कि सरकार गरीबों और वंचितों के साथ हमेशा न्याय की बात करती है, इसलिए उनकी समस्याओं पर भी गंभीरता से विचार होना चाहिए।
प्रदर्शन कर रहे कर्मियों ने बताया कि वे 8 सितंबर से हड़ताल पर हैं। इसके पूर्व वे उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और महाराजगंज के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल को भी अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंप चुके हैं। आज उन्होंने जिला पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र निर्णय नहीं लिया गया, तो वे काम पूरी तरह बंद कर देंगे और आंदोलन को और तेज करेंगे।

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कर्मियों ने अपनी पांच प्रमुख मांगें रखते हुए कहा कि उन्हें अंशकालिक से पूर्णकालिक किया जाए और संविदाकर्मी का दर्जा दिया जाए। स्वच्छता पर्यवेक्षक का मानदेय 20 हजार रुपये और स्वच्छता कर्मियों का मानदेय 10 हजार रुपये प्रतिमाह किया जाए। इसके अलावा कार्यकाल के दौरान किसी की मृत्यु होने पर आश्रितों को उसी पद पर चयनित किया जाए। पांचवीं मांग में कहा गया कि सरकार गरीबों और वंचितों के साथ हमेशा न्याय की बात करती है, इसलिए उनकी समस्याओं पर भी गंभीरता से विचार होना चाहिए।
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प्रदर्शन कर रहे कर्मियों ने बताया कि वे 8 सितंबर से हड़ताल पर हैं। इसके पूर्व वे उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और महाराजगंज के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल को भी अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंप चुके हैं। आज उन्होंने जिला पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र निर्णय नहीं लिया गया, तो वे काम पूरी तरह बंद कर देंगे और आंदोलन को और तेज करेंगे।
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उन्होंने कहा कि स्वच्छता कर्मियों की हड़ताल से गांव-मोहल्लों में गंदगी का अंबार लग रहा है और इसकी जिम्मेदारी सरकार पर होगी। प्रदर्शन के दौरान कर्मियों ने नारेबाजी करते हुए सरकार से अपनी मांगों को तुरंत पूरा करने की अपील की। प्रदर्शन में अंगद कुमार, संत कुमार, रवि प्रकाश रंजन, अमन यादव, दिलीप कुमार, पूजा कुमारी, प्रियंका कुमारी, सुमित कुमार, कृष्ण कुमार, अरुण कुमार, सुमंत चौधरी, शत्रुघन कुमार और राम राजन कुमार सहित अन्य लोग मौजूद रहे।