Putin Visit To India: क्यों दूसरे देश में पुतिन का मल तक नहीं छोड़ते बॉडीगार्ड, क्या है 'पूप सूटकेस' का रहस्य?
Putin Visit To India: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दुनिया की सबसे शक्तिशाली नेताओं में शामिल हैं। वह रूस की खुफिया एजेंट केजीबी के एजेंट भी रहे हैं। ऐसे में वह अपनी सुरक्षा को लेकर बहुत सतर्क रहते हैं।
रिपोर्ट्स में दावा किया जाता है कि यह अनोखा इंतजाम इसलिए जाता है ताकि किसी भी विदेशी ताकत को पुतिन की सेहत से जुड़ी गोपनीय जानकारी न मिल पाए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूस की फेडरल प्रोटेक्शन सर्विस इस काम को संभालती है। उनके मुताबिक, पुतिन के बॉडीगार्ड्स खास बैग्स में उनका वेस्ट इकट्ठा करते हैं और उसे ब्रीफकेस में बंद कर रूस वापस ले जाते हैं।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वियना दौरे के समय पुतिन ने पोर्टेबल टॉयलेट का इस्तेमाल किया था और उस दौरान भी उनकी पॉटी को रूस वापस भेजा गया था। बताया जाता है कि यह व्यवस्था कोई नई नहीं है, बल्कि 1999 से लागू है, जब पुतिन पहली बार सत्ता में आए थे।
क्या है वजह?
माना जाता है कि किसी इंसान की पॉटी से उसकी सेहत से जुड़ी कई अहम जानकारियां सामने आ सकती हैं। मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि वेस्ट सैंपल से पता लगाया जा सकता है कि किसी व्यक्ति को कौन-सी बीमारी है, शरीर में हार्मोन का लेवल कैसा है या फिर कोई गंभीर रोग जैसे कैंसर या दिल संबंधी समस्या तो नहीं है। यही वजह है कि पुतिन की सिक्योरिटी टीम यह सुनिश्चित करती है कि उनके वेस्ट का कोई भी सैंपल विदेशी एजेंसियों तक न पहुंचे।
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पुतिन की सेहत के बारे में चर्चाएं
पुतिन की सेहत को लेकर लंबे समय से अटकलें लगाई जाती रही हैं। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्हें लगातार पैर हिलाते हुए देखा गया। इसके बाद लोगों ने कयास लगाए कि उन्हें पार्किंसन जैसी बीमारी हो सकती है। साल 2023 में जब पुतिन ने बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको से मुलाकात की, तब भी उनके शरीर में झटके देखे गए। इन घटनाओं ने उनकी सेहत को लेकर कई सवाल खड़े किए।
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कई चौंकाने वाले किए जा चुके हैं दावे
कुछ रिपोर्ट्स में यहां तक दावा किया है कि पुतिन को पहले दिल का दौरा पड़ चुका है और उस समय उनके आधिकारिक आवास पर ही उन्हें इमरजेंसी ट्रीटमेंट देना पड़ा था। हालांकि, इन दावों की कभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई, लेकिन इससे यह साफ है कि उनकी सेहत को लेकर हमेशा चर्चा बनी रहती है। कुल मिलाकर पुतिन का ‘पूप सूटकेस प्रोटोकॉल’ सिर्फ एक सुरक्षा इंतजाम नहीं है, बल्कि उनकी मेडिकल प्राइवेसी को सुरक्षित रखने का तरीका भी है। दुनिया के दूसरे देशों में जाने के बाद भी वह कोई ऐसा सुराग पीछे नहीं छोड़ते, जिससे उनकी निजी सेहत की जानकारी किसी और को मिल सके।