{"_id":"66d7071779adde4d59057460","slug":"amar-ujala-samvad-anil-sahasrabudhe-said-why-we-do-not-make-companies-like-google-amar-ujala-samvad-updates-2024-09-03","type":"story","status":"publish","title_hn":"Samvad: गूगल जैसी तकनीक भारत में क्यों नहीं बन सकी? संवाद के मंच पर एनईटीएफ अध्यक्ष सहस्रबुद्धे ने बताया कारण","category":{"title":"Business Diary","title_hn":"बिज़नेस डायरी","slug":"business-diary"}}
Samvad: गूगल जैसी तकनीक भारत में क्यों नहीं बन सकी? संवाद के मंच पर एनईटीएफ अध्यक्ष सहस्रबुद्धे ने बताया कारण
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: कुमार विवेक
Updated Tue, 03 Sep 2024 06:27 PM IST
सार
Samvad: एक सवाल के जवाब में अनिल सहस्रबुद्धे ने बताया कि अब तक हमने तकनीक को अब तक सर्विस के रूप में लिया है। हमने इसका विकास नहीं किया। हमने हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर उत्पादों के विकास पर शुरुआत से ध्यान दिया होता तो, तो स्थिति अलग होती। हमने इसे अब तक प्रोडक्ट डेलवलपमेंट के तौर पर नहीं लिया।
विज्ञापन
अमर उजाला संवाद
- फोटो : amarujala.com
विज्ञापन
विस्तार
अमर उजाला संवाद के मंच पर मंगलवार को प्रख्यात शिक्षाविद् और एनईटीएफ के अध्यक्ष अनिल सहस्रबुद्धे मौजूद रहे। इस दौरान सहस्रबुद्धे ने बताया कि क्यों भारत में गूगल जैसी कंपनियां नहीं बन पाई? क्यों हम अपना ऑपरेटिंग सिस्टम और मैसेंजर जैसे उत्पाद नहीं बना पाए?
Trending Videos
एक सवाल के जवाब में अनिल सहस्रबुद्धे ने बताया कि अब तक हमने तकनीक को अब तक सर्विस के रूप में लिया है। हमने इसका विकास नहीं किया। हमने हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर उत्पादों के विकास पर शुरुआत से ध्यान दिया होता तो, तो स्थिति अलग होती। हमने इसे अब तक प्रोडक्ट डेलवलपमेंट के तौर पर नहीं लिया। इस कारण इस गूगल जैसी तकनीक नहीं विकसित नहीं कर सके।
विज्ञापन
विज्ञापन
आज बहुत खुशी की बात है कि बहुत सारे लोग इस दिशा में काम कर रहे हैं। बहुत सारे स्टार्टअप शुरू हो रहे हैं। इसका असर धीरे-धीरे दिखेगा। इसका असर दिखने में तकरीबन 10 साल लगेंगे। स्टैंनफोर्ड से निकलकर गूगल जैसी कंपनियां बनाने में भी लोगों को काफी साल लगे थे। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारत से भी बहुत सारी कंपनियां निकलकर दुनिया के मंच पर काम करेंगी।